आगरा सूबा
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आगरा सूबा (१५८०-१७६१) मुग़ल साम्राज्य का एक सूबा था, जो सम्राट अकबर के शासनकाल में स्थापित किया गया था और साम्राज्य के मुख्य क्षेत्रों में से एक था, जब तक कि तेजी से बढ़ते मराठा साम्राज्य ने इसे ग्रहण नहीं कर लिया। उत्तर में इसकी सीमा दिल्ली सूबा और अवध सूबा से, पूर्व में इलाहाबाद सूबा से और दक्षिण और पश्चिम में मालवा सूबा और अजमेर सूबा से लगती थी। इसकी राजधानी आगरा में थी, जो साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र था जिसका विस्तार मुगल शासन के तहत किया गया था।
प्रशासनिक प्रभाग
[संपादित करें]अकबर के शासनकाल के दौरान प्रांत को १३ सरकारों में विभाजित किया गया था। [1]
सरकार |
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आगरा (राजधानी) |
कालपी |
कन्नौज |
कोल |
ग्वालियर |
एराच |
पयांवां |
नरवर |
मंडलेर |
अलवर |
तिजारा |
नारनौल |
सहार |
सूबेदार
[संपादित करें]शाहजहाँ के अधीन
[संपादित करें]कासिम ख़ान
वजीर ख़ान
इस्लाम ख़ान
सफ़दर ख़ान
सैयद ख़ान जहाँ
आज़म ख़ान
सैफ ख़ान
राजा बेथल दास
शेख फरीद
अन्य
[संपादित करें]क़ासिम ख़ान जुवैनी
वज़ीर ख़ान (लाहौर), १६२८-१६३१
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ Abul Fazl-i-Allami (1949, reprint 1993). Ain-i-Akbari, Vol.II (English tr. by H.S. Jarrett, rev. by J.N. Sarkar), Calcutta: The Asiatic Society, p. 190
- ↑ Ali, M. Athar (1970). "PROVINCIAL GOVERNORS UNDER SHAH JAHAN—AN ANALYSIS". Proceedings of the Indian History Congress. 32: 288–319. JSTOR 44141077.