राऊत

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राउत एक भारतीय अहीर , कुर्मी, धानुक, डोम जाती का उप-विभाजन है, जिसका पारंपरिक पेशा पशुपालन है।[1] यादव (अहीर) जाती के लोगों को राऊत, आदि नामों से भी जाना जाता है ।[2]

राऊत
महत्वपूर्ण जन्संख्या वाले क्षेत्र
छत्तीसगढ़
भाषा

हिन्दी

धर्म

हिन्दू

राउत मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ राज्य, और पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, बंगाल और मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं। परंपरागत रूप से, वे मुख्य रूप से दुर्ग, रायपुर, बस्तर, नागपुर और भंडारा जिलों में मौजुद थे ।

संस्कृति[संपादित करें]

परंपरागत रूप से, राउत पशुपालन व चरवही में शामिल थे ।

राउत नाच यादव समुदाय का दीपावली पर किया जाने वाला पारंपरिक नृत्य है।[3] यह समूह में किये जाने वाला नृत्य है। यह शौर्य नृत्य है। राउत नाच पुरुषों द्वारा किया जाता है जिसमें उम्र का कोई बंधन नही है। समूह में दो या तीन व्यक्ति महिला का वेशभूषा धारण किये रहते हैं जिसे 'परी' कहा जाता है। [4]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Soni, Lok Nath (2000). The Cattle and the Stick: An Ethnographic Profile of the Raut of Chhattisgarh. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788185579573.
  2. "Central List of OBCs". National Commission for Backward Classes.
  3. "'यदु, यदुवंसी अऊ राउत नाच'". दैनिक भास्कर.
  4. "Raut Nacha-Culture & Heritage". दुर्ग ज़िला, छत्तीसगढ़ सरकार.