सदस्य वार्ता:मनोज उपाध्याय मतिहीन
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प्रस्तावना
मनोज उपाध्याय मतिहीन जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,11,693 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 09:08, 30 जुलाई 2018 (UTC)
भाषा की महत्ता...
भाषा नही होती तो संपूर्ण विश्व गूंगा बन जाता व संसार की समस्त संचार व्यवस्था ठप्प हो जाती! मनोज उपाध्याय मतिहीन
भाषा...[संपादित करें]
भाषा की आवशयकता,महत्ता और विकास
भाषा की आवश्कता ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार जीवन के लिए श्वांसों की है!भाषा की अनुपस्थिति में मानव मन की भावनाएँ कभी व्यक्त नही हो पाती !और वह अंदर ही घुंट के रह जाती !इस लिए भाषा चाहे ध्वनि हो संकेत हो या किसी भी प्रकार की हो उसकी आवश्कता शाश्वत है!मानवीय भावनाओं व संवेदनाओं की स्पषटता के दृष्टिकोण से यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण है!मानव जीवन के क्रमिक विकास के साथ साथ इसका भी विकास हुआ है ,और आगे भी होता रहेगा !
मनोज उपाध्याय मतिहीन... मनोज उपाध्याय मतिहीन (वार्ता) 19:38, 7 अगस्त 2018 (UTC)
सदस्य:मनोज उपाध्याय मतिहीन पृष्ठ को शीघ्र हटाने का नामांकन[संपादित करें]
नमस्कार, आपके द्वारा बनाए पृष्ठ सदस्य:मनोज उपाध्याय मतिहीन को विकिपीडिया पर पृष्ठ हटाने की नीति के मापदंड स3 के अंतर्गत शीघ्र हटाने के लिये नामांकित किया गया है।
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यदि यह पृष्ठ हटा दिया गया है, तो आप चौपाल पर इस पृष्ठ को अपने सदस्य उप-पृष्ठ में डलवाने, अथवा इसकी सामग्री ई-मेल द्वारा प्राप्त करने हेतु अनुरोध कर सकते हैं।हिंदुस्थान वासी वार्ता 13:55, 15 अगस्त 2018 (UTC)
तुम भांड मे जाओ,विद्वान जिस क्षेत्र मे महारत रखता है उसे लोगों को परोसता है, तुम्हारे जैसे चोरी करके दूसरे के रचित लिखित तथ्यो को नही लिखते... तुम्हारे जैसे ग्यानी के साथ मुझे स्वयं नही जुड़ना ,पहले जानता तो पहले ही नही जुड़ता.तुम इतिहास भूगोल से चोरी करी करो...
चेतावनी[संपादित करें]
विकिपीडिया कोई कवि बनने या कविता लिखने के लिये नहीं है। यहाँ हम तथ्यपरक ज्ञानकोश बना रहे हैं। आपके सम्पादन इसके विपरीत प्रतीत होते हैं। कृपया रुकिये और विकिपीडिया के बारे में जाने। ऐसे ही आगे बढ़ते रहे तो आपको प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 19:23, 16 अगस्त 2018 (UTC) जानकारी का प्रकार निश्चित करके क्यों रखे हो, जानकारी तो जानकारी है चाहे पद्य हो या गद्य हो.. जो समझ मे आए करो, मै दुबारा तुम्हारा यह पेज नही खोलने वाला हूँ, समझ गए न!!!?
कवि बनना है[संपादित करें]
मैने अटल जी को श्रद्धान्जलि स्वरूप एक कविता लिखी तो सोचा सांझा कर दूं.नही तो यहां सूनने वालों का आकाल नही है, बहुत फैन है... कवि बनना नही है, मै कवि हूँ, तुममे इतनी विद्वता नही कि तुम किसी को कवि बना सको, आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य, मानव होना भाग्य है,कवि होना सौभाग्य !अब समझा कि इसे भी वीकीपीडिया मे खोजेगा...!? मनोज उपाध्याय मतिहीन (वार्ता) 19:56, 17 अगस्त 2018 (UTC)