वार्ता:मधुकर राव चौधरी

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बालासाहब मधुकरराव चौधरी[संपादित करें]

लोकसेवक बाळासाहेब मधुकरराव चौधरी (जन्म 16 जून, 1919 -- 8 जुलाई 2010) लेखक: डॉ. विजय सोनजे, प्रध्यापक हिंदी विभाग, डी. एन. महाविद्यालय, फैजपूर बालासाहेब मधुकरराव चौधरी एक प्रखर गांधीवादी,समाजसेवी नेता थे। उनके पिता श्री.धनाजी नाना चौधरीजी ने जलगांव जिले के यावल तहसील में स्थित फैजपुर में राष्ट्रीय कांग्रेस समिति द्वारा आयोजित 1936 के अत्यंत भव्य एवं ऐतिहासिक 'ग्रामीण अधिवेशन' का नेतृत्व किया था, उनका पालन पोषण गांधी विचारों को समर्पित प्रखर राष्ट्रवादी परिवार में हुआ, बालासाहेब स्वातंत्र्य वीर धनाजी नाना चौधरी के इकलौते पुत्र थे मां का नाम सरस्वतीबाई था , माता पिता के संस्कार और प्रियजनों के वचनों का पालन करने वाले बालक मधुकर ने बड़े होकर सदियों से चली आई परिवार की देश सेवा की विरासत को बखूबी से आगे बढ़ाया, परिवार में अत्यंत संस्कारी दो बहने थी, बालासाहब ने अपने जीवन काल में बचपन से ही अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्राणपण से लड़ने वाले परिवार जनों को अनुभव किया था इसलिए वे बचपन से ही गांधी विचारों के अनुयाई और समर्थक थे, इसी विचारों के स्थाई विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने चुनावी एवं सक्रिय राजनीति में प्रवेश लिया और रावेर विधान सभा चुनावी संघ से बहुमत से विजय प्राप्त कर समाज के लिए और परिसर के लिए अत्यंत उदात्त भाव से अनेक कार्य किए, आज रावेर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले शेकड़ो गावों को जल,जमीन, शिक्षा,और यातायात की सुविधा मिल रही है। यह क्षेत्र महाराष्ट्र के विकास प्रवण क्षेत्रों में से है, जो अत्यंत विकसित क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है, यहां की जनता इसका सारा श्रेय बालासाहब मधुकरारव चौधरीजी को ही देती है, क्योंकि उन्होंने आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए अपना जीवन समर्पित किया, लगभग 100 से भी अधिक छोटे,बड़े तालाबों का निर्माण किया, व्यापक जलसिंचन के कारण किसानों को खेती करने में सुविधा प्राप्त हुई और अनगिनत परिवार खेती के माध्यम से उन्नत होने लगे, पहाड़ी, ग्रामीण और नगरीय हर स्तर पर शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराकर युवकों को रोजगार के अवसर प्रदान कराएं, उत्तम शिक्षा के कारण ही आज देश और दुनिया के अनेक कोनो में यावल रावेर के युवक बड़े बड़े पदों पर नियुक्त हैं, विलक्षण दूर दृष्टि के कारण बालासाहब मधुकरराव चौधरी जी ने सातपुड़ा जैसे बीहड़ और पहाड़ी क्षेत्र में भी सभी सुविधाओं को पहुंचाने का कार्य अपने आप में एक चमत्कार लगता है, राजनीतिक पदों का जनता के लिए उचित उपयोग करने वाले वे सच्चे लोकसेवक थे, इसलिए जनता ने उन्हें यह उपाधि दी है, शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, जैसे जिम्मेदार पदों पर रहकर भी वे जनता के हितों को लेकर प्रतिबद्ध थे, राजनीतिक पटल पर आज भी उनके निर्णय मार्गदर्शक है, वे महाराष्ट्र विधानसभा के अबतक के एकमात्र अध्यक्ष थे जिन्होने श्वेतपत्र निकालने का प्रामाणिक और साहस से भरा कार्य किया था। राजनिति के अलावा राष्ट्र हित के अनेक कार्यों में उन्होंने अपना योगदान दिया है, जैसे हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा के साथ साथ विश्व भाषा बनाने के लिए भी उन्हों अनेक प्रयास किए हैं, वे राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अध्यक्ष भी रहे।===क्रमशः=

..... डॉ.विजय सोनजे, फैजपुर... डॉ.विजय सोनजे (वार्ता) 13:55, 16 जून 2022 (UTC)[उत्तर दें]

यावल्च न्यू लेवल कम्पलीट जिल्ह्यच्य विकाससथी झटनारे एक ओनली नेते महानजे सेल्फ। लोकसेवक बालासाहेब मधुकरराव चौधरी… त्यान्चा का जन्म 16 जून 1928 को रोजी नासिक येठे झाला में हुआ था। त्यांचे मूल गांव खिरोड़ा (टी. रावेर) अरे त्यांचे वर्धा को पढ़ाते हैं फिर भी जाते हैं। एमकॉम तक कॉमर्स कॉलेज झालौन होता। स्वर्गीय बालासाहेबनी 1942 के मध्य में 'चले जाव' में शामिल हुए होंगे।जिल्ह्याच्या विकासात कार्याचा ठसा उमटवणारे लोकसेवक स्व. मधुकरराव चौधरी चाहर धर्मेंद्र (वार्ता) 17:06, 16 जून 2022 (UTC)[उत्तर दें]