अमर्त्य सेन

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अमर्त्य सेन
क्षमता दृष्टिकोण
जन्म 3 नवम्बर 1933 (1933-11-03) (आयु 90)
शांतिनिकेतन, ब्रिटिश इंडिया (अब बीरभूम, भारत)
मृत्यु i
क्षेत्र कल्याण अर्थशास्त्र
वैकासिक अर्थशास्त्र
शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय (बीए)
ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (एमए, पीएचडी)
प्रभावों गौतम बुद्ध, एडम स्मिथ, जॉन राल्स, जॉन मेनार्ड कीन्स, बी.आर.अम्बेडकर, मैरी वोलस्टोनक्राफ़्ट,[1] कार्ल मार्क्स[2]
योगदान मानव विकास सिद्धांत
अकाल के लिए पात्रता दृष्टिकोण[3]
पुरस्कार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार (1998)
भारत रत्‍न (1999)
राष्ट्रीय मानविकी मैडल (2012)[4]
राजनीति विज्ञान में जोहान स्काईटे पुरस्कार (2017)

[5][5]अमर्त्य सेन (जन्म: ३ नवंबर, १९३३) अर्थशास्त्री हैं, उन्हें १९९८ में अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। संप्रति वे हार्वड विश्वविद्यालय (अमरीका)|हार्वड विश्वविद्यालय में प्राध्यापक थे। वे जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकानामिक्स और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी शिक्षक रहे हैं। सेन ने एमआईटी, स्टैनफोर्ड, कॉर्नेल और बेर्केलेय विश्वविद्यालयों में अतिथि अध्यापक के रूप में भी शिक्षण किया है।

जीवन[संपादित करें]

उनका जन्म कोलकाता में शांति निकेतन के कायस्थ परिवार में हुआ था, जहाँ उनके नाना क्षिति मोहन सेन शिक्षक थे। उनके पिता आशुतोष सेन ढाका विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र पढ़ाते थे। कोलकाता स्थित शांति निकेतन और प्रेसीडेंसी कॉलेज से पढ़ाई पूर्ण करने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की।[6] अपने जीवन के कुछ वर्ष उन्होंने मांडले (बर्मा में स्थित) में भी बिताए और उनकी प्रारम्भिक शिक्षा ढाका में हुई।[7] उन्हें वर्ष 1998 में अर्थशास्त्र का नोबल सम्मान मिला और 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 2019 - Bodale medal from Oxford University

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा[संपादित करें]

सेन का जन्म मणिकगंज (ब्रिटिश भारत में, अब बांग्लादेश में) में एक बंगाली कायस्थ परिवार में, आशुतोष सेन और अमिता सेन के घर हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर ने इनका नामकरण अमर्त्य (बंगाली अमर्त्य ômorto, lit "अमर") किया। उनके पिता आशुतोष सेन ढाका विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर थे, जो 1945 में अपने परिवार के साथ पश्चिम बंगाल में बस गए थे। सेन की मां अमिता सेन प्राचीन और मध्ययुगीन भारत के एक प्रसिद्ध विद्वान और रवींद्रनाथ टैगोर के निकट सहयोगी क्षितिजमोहन सेन की बेटी थीं। उन्होंने कुछ वर्षों के लिए विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में सेवा की।

व्यावसायिक कैरियर[संपादित करें]

सेन ने अपने कैरियर की शुरुआत एक शिक्षक और अनुसंधान विद्वान के तौर पर अर्थशास्त्र विभाग, जादवपुर विश्वविद्यालय से किया। 1960 और 1961 के बीच सेन, संयुक्त राज्य अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एक विजिटिंग प्रोफेसर थे, जहां उन्हें पॉल सैमुएलसन, रॉबर्ट सोलो, फ्रेंको मोडिग्लिनी, और नॉर्बर्ट वीनर के बारे में पता चला। [5] वे यूसी-बर्कले और कॉर्नेल में भी विजिटिंग प्रोफेसर प्रोफेसर थे।

उन्होंने 1963 और 1971 के बीच दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में पढ़ाया। सेन बहुत सारे प्रतिष्ठित अर्थशास्त्र के विद्वान् के सहयोगी भी रह चुके हैं जिनमे मनमोहन सिंह (भारत के पूर्व प्रधान मंत्री और भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए जिम्मेदार एक अनुभवी अर्थशास्त्री) केएन राज (विभिन्न प्रधान मंत्रियों के सलाहकार और एक अनुभवी अर्थशास्त्री जो सेंटर फॉर डेवेलपमेंट स्टडीज के संस्थापक थे) और जगदीश भगवती है। 1987 में वे हार्वर्ड में अर्थशास्त्र (इकॉनॉमिक्स) के थॉमस डब्ल्यू. लैंट यूनिवर्सिटी प्रोफेसर के रूप में शामिल हो गए।

नालंदा प्रोजेक्ट[संपादित करें]

नालंदा जो 5 वीं शताब्दी से लेकर 1197 तक उच्च शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र था। इसको पुनः चालु किया गया एवं 19 जुलाई 2012 को, सेन को प्रस्तावित नालंदा विश्वविद्यालय (एनयू) के प्रथम चांसलर के तौर पर नामित किया गया था। [8] इस विश्वविद्यालय में अगस्त 2014 में अध्यापन का कार्य शुरू हुआ था। 20 फरवरी 2015 को अमर्त्य सेन ने दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली।

निजी जिन्दगी और विश्वास[संपादित करें]

अमर्त्य सेन की तीन बार शादी हुई है उनकी पहली पत्नी नबाणीता देव सेन, एक भारतीय लेखक और विद्वान थी। जिनसे उनकी दो बेटियां थीं: अंतरा( एक पत्रकार और प्रकाशक) और नंदना, एक बॉलीवुड अभिनेत्री। 1971 में लंदन जाने के तुरंत बाद उनकी शादी टूट गई। 1978 में सेन ने इतालवी अर्थशास्त्री ईवा कोलोरी से शादी की, और उनके दो बच्चे हुए एक बेटी इंद्रानी, न्यूयॉर्क में पत्रकार और पुत्र कबीर एक हिप हॉप कलाकार। 1991 में, सेन ने एम्मा जॉर्जीना रोथस्चल्ड से शादी की, जो हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जेरेमी और जेन नोल्स के प्रोफेसर के रूप में कार्य करता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Sen, Amartya (2010). The Idea of Justice. London: Penguin. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780141037851.
  2. Deneulin, Séverine (2009). "Book Reviews: Intellectual Roots of Amartya Sen: Aristotle, Adam Smith and Karl Marx". Journal of Human Development and Capabilities. 10 (2): 305–306. S2CID 216114489. डीओआइ:10.1080/19452820902941628.
  3. Nayak, Purusottam (2000). "Understanding the Entitlement Approach to Famine". Journal of Assam University. 5: 60–65.
  4. "President Obama Awards 2011 National Humanities Medals". National Endowment for the Humanities. 13 December 2012. अभिगमन तिथि 16 June 2014.
  5. "Amartya Sen | Biographical: opening paragraph". The Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel 1998. Nobel Prize. मूल से 28 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 June 2012.
  6. "अमर्त्य सेन". नोबेलप्राइज़.ऑर्ग. मूल से 2 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 नवम्बर 2009.
  7. "अमर्त्य सेन". भारतीय साहित्य संग्रह. अभिगमन तिथि 12 नवम्बर 2009.[मृत कड़ियाँ]
  8. Ahmad, Faizan (20 July 2012). "Amartya Sen named Nalanda University chancellor". The Times Of India. India. मूल से 4 नवंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 June 2014.