सलेमपुर गाँव (कटिहार )
सलेमपुर | |||||||
— गाँव — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | बिहार | ||||||
ज़िला | कटिहार | ||||||
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, मैथिली,अंगिका, अंग्रेज़ी | ||||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: http://salempur.webs.com/ |
निर्देशांक: 25°18′N 87°10′E / 25.30°N 87.16°E सलेमपुर कटिहार जिले के समेली प्रखंड का एक समृद्ध गाँव है।सलेमपुर, कटिहार से 45 कि० मि० दूर NH 31 पे स्थित है। यहाँ कि आबादी लगभग 4000 है।
भुगोल
[संपादित करें]सलेमपुर के पुर्व दिशा में चकला, पशिच्म में नरैहिया, उत्तर में मलहरीया तथा दक्षिण में खैरा है। प्राचीन समय में गाँव के पश्चिम दिशा से कोसी नदी बहती थी जोकि अब लगभग 15 किलोमीटर दूर चली गई है। कोसी नदी के प्रमाण आज भी गाँव के पश्चिमी दिशा में देखे जा सकते हैं।
जनसांख्यिकी
[संपादित करें]यहाँ कि आबादी लगभग 2000 है।
यातायात
[संपादित करें]बस मार्ग से- कटिहार से भागलपुर तथा पुर्णियाँ से भागलपुर जाने के रास्ते में सलेमपुर है। यहाँ जानें के लिए कटिहार, पुर्णियाँ तथा भागलपुर से बस मिलती है। सलेमपुर NH 31 पे समेली के नजदीक स्थित है॥
रेलमार्ग से- यहाँ का नजदीकी स्टेशन कुर्सेला और बखरी है।
वायुमार्ग से - यहाँ का नजदीकी एयरपोर्ट पुर्णियाँ बागडोगरा पटना है।
आदर्श स्थल
[संपादित करें]गाँव के उत्तर दिशा में दक्षिण काली जी का भव्य एवंम् प्राचीन मंदिर है। यहाँ प्रतिवर्ष दिपावली में मेले का आयोजन किया जाता है।
नई काली मंदिर
[संपादित करें]गाँव के दक्षिण में भी काली जी का एक मंदिर है। इस मंदिर कि स्थापना पुरानी काली मंदिर से ही हुई है।
माता वैश्णो मंदिर
[संपादित करें]गाँव के पश्चिम में माता वैश्णो देवी का मंदिर(कुटि) हैै। वैसे तो ये मंदिर प्राचीन है लेकिन इसकी विधिवत स्थापना तथा मंदिर निर्माण 2003 में संपन्न हुआ, इस अवसर पर गाँव में भव्य यज्ञ का आयोजन हुआ था। इस यज्ञ की वर्षी पर जगन्नाथ पुरी के शंकराचार्य भी आए थे।
श्री अमोल गौशाला
[संपादित करें]श्री अमोल गोशाला का निर्माण भारत के आजादी से पहले अपने समय के प्रख्यात पंडित अमोल झा ने करवाया था। ये 4 एकड़ में फैला हुआ है, लेकिन सरकारी उपेक्षाअों के कारण इसकी स्थिति जर्जर है।
ठाकुर बाबा स्थान
[संपादित करें]गाँव की दक्षिणी पूर्वी कोने में ठाकुर बाबा स्थान है।
शिवालय
[संपादित करें]गाँव के पूरब दिशा में शिव मंदिर है।
ब्रम्ह बाबा स्थान
[संपादित करें]गाँँव के पश्चिमी दक्षिणी कोने में ब्रम्ह बाबा स्थान है। यहाँ एक प्राचीन पीपल का पेड़ है। इस पीपल के पेड़ के बारे में गाँव के लोगो की मान्यता है कि रातोरात प्रकट हो गया था।
आदर्श व्यक्ति
[संपादित करें]पंडित श्री अमोल झा अपने समय के प्रख्यात पंडित थे। इन्हौने अपनी जमीन दान में दे कर गाँव में गोशाला का निर्माण कराया।
श्री वाचस्पति मिश्र
[संपादित करें]श्री वाचस्पति मिश्र प्रख्यात पंडित, संस्कृताचार्य, तथा नरहैया उच्च विद्यालय के शिक्षक थे।