"यूनियन कार्बाइड": अवतरणों में अंतर
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== भोपाल गैस त्रासदी == |
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भोपाल गैस त्रासदी एक [[औद्योगिक दुर्घटना]] थी जो भारत के राज्य मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में यूनियन कार्बाइड, के एक कीटनाशक संयंत्र में घटी थी। 3 दिसंबर 1984, की आधी रात को कम्पनी के संयंत्र से अकस्मात हुए विषाक्त मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस और अन्य रसायनो के रिसाव की चपेट में संयंत्र के आसपास के इलाकों में रहने वाले लगभग 500000 लोग आये थे। पहली आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार तत्काल मरने वालों की संख्या 2259 थी। मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार कुल 3787 व्यक्तियों की मृत्यु गैस के रिसाव के परिणामस्वरूप हुई थी। गैर सरकारी अनुमानो के अनुसार 8,000-10,000 व्यक्तियों की मौत गैस रिसाव के 72 घंटे के भीतर हो गई थी, और लगभग 25,000 व्यक्ति अब तक गैस से संबंधित बीमारियों से मर चुके हैं। 40,000 से अधिक स्थायी रूप से विकलांग, अंधे और अन्य गैस व्याधियों से ग्रसित हुए थे, सब मिला कर 521.000 लोग गैस से प्रभावित हुए। |
भोपाल गैस त्रासदी एक [[औद्योगिक दुर्घटना]] थी जो भारत के राज्य मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में यूनियन कार्बाइड, के एक कीटनाशक संयंत्र में घटी थी। 3 दिसंबर 1984, की आधी रात को कम्पनी के संयंत्र से अकस्मात हुए विषाक्त मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस और अन्य रसायनो के रिसाव की चपेट में संयंत्र के आसपास के इलाकों में रहने वाले लगभग 500000 लोग आये थे। पहली आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार तत्काल मरने वालों की संख्या 2259 थी। मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार कुल 3787 व्यक्तियों की मृत्यु गैस के रिसाव के परिणामस्वरूप हुई थी।<ref>http://www.mp.gov.in/bgtrrdmp/relief.htm</ref> गैर सरकारी अनुमानो के अनुसार 8,000-10,000 व्यक्तियों की मौत गैस रिसाव के 72 घंटे के भीतर हो गई थी, और लगभग 25,000 व्यक्ति अब तक गैस से संबंधित बीमारियों से मर चुके हैं। 40,000 से अधिक स्थायी रूप से विकलांग, अंधे और अन्य गैस व्याधियों से ग्रसित हुए थे, सब मिला कर 521.000 लोग गैस से प्रभावित हुए।<ref name="Eckerman2001">Eckerman (2001).</ref><ref name="Eckerman2004">Eckerman (2004).</ref><ref>[http://www.sscnet.ucla.edu/southasia/History/Current_Affairs/Bhopal_indepindia.html Vinay Lal, ''Bhopal and the Crime of Union Carbide''. ucla.edu.]</ref> |
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== संदर्भ == |
== संदर्भ == |
04:37, 8 जून 2010 का अवतरण
यूनियन कार्बाइड | |
प्रकार | उपक्रम |
---|---|
उद्योग | विनिर्माण |
स्थापना | 1917 |
मुख्यालय | हूस्टन, टेक्सास |
प्रमुख व्यक्ति | पैट्रिक इ. गॉटशाक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष |
उत्पाद | थोक रसायन, इथाइलीन, इथाइलीन यौगिक |
राजस्व | $7.33 अरब (2008, 10-K द्वारा जारी, 20 फरवरी, 2009) |
स्वामित्व | डॉव केमिकल कंपनी |
वेबसाइट | www.unioncarbide.com |
यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन (यूनियन कार्बाइड) संयुक्त राज्य अमेरिका की रसायन और बहुलक बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों मे से एक है, और वर्तमान में कम्पनी में 3,800 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।[1] 1984 में कम्पनी के भारत के राज्य मध्य प्रदेश के शहर भोपाल स्थित संयंत्र से मिथाइल आइसो साइनाइड नामक गैस के रिसाव को अब तक की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना माना जाता है[2], जिसने कम्पनी को इसकी अब तक की सबसे बड़ी बदनामी दी है। यूनियन कार्बाइड को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार पाया गया, लेकिन कम्पनी ने इस त्रासदी के लिए खुद को जिम्मेदार मानने से साफ इंकार कर दिया जिसके परिणामस्वरूप लगभग 15000 लोगों की मृत्यु हो गयी और लगभग 500000 व्यक्ति इससे प्रभावित हुए। 6 फ़रवरी, 2001 को यूनियन कार्बाइड, डॉव केमिकल कंपनी की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गयी।[3] इसी वर्ष कम्पनी के गैस पीड़ितों के साथ हुए एक समझौते और भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के शुरुआत के साथ भारत में इसका अध्याय समाप्त हो गया।[4] यूनियन कार्बाइड अपने उत्पादों का अधिकांश डॉव केमिकल को बेचती है। यह डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज का एक पूर्व घटक है।[5]
सन 1920 में, इसके शोधकर्ताओं ने प्राकृतिक गैस द्रवों जैसे कि इथेन और प्रोपेन से इथाइलीन बनाने की एक किफायती विधि विकसित की जिसने आधुनिक पेट्रोरसायन उद्योग को जन्म दिया। आज, यूनियन कार्बाइड के पास इस उद्योग से जुड़ी सबसे उन्नत प्रक्रियायें और उत्प्रेरक प्रौद्योगिकियां हैं, और यह विश्व की कुछ सबसे किफायती और बड़े पैमाने की उत्पादन सुविधाओं का प्रिचालन करती है। विनिवेश से पहले विभिन्न उत्पाद जैसे कि एवरेडी और एनर्जाइज़र बैटरीज़, ग्लैड बैग्स एंड रैप्स, सिमोनिज़ कार वैक्स और प्रेस्टोन एंटीफ्रीज़ आदि कम्पनी के स्वामित्व के आधीन थे। डॉव केमिकल कंपनी द्वारा कम्पनी के अधिगहण से पहले इसके इलेक्ट्रॉनिक रसायन, पॉलीयूरेथेन इंटरमीडिएट औद्योगिक गैसों और कार्बन उत्पादों जैसे व्यवसायों का विनिवेश किया गया।
भोपाल गैस त्रासदी
भोपाल गैस त्रासदी एक औद्योगिक दुर्घटना थी जो भारत के राज्य मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में यूनियन कार्बाइड, के एक कीटनाशक संयंत्र में घटी थी। 3 दिसंबर 1984, की आधी रात को कम्पनी के संयंत्र से अकस्मात हुए विषाक्त मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस और अन्य रसायनो के रिसाव की चपेट में संयंत्र के आसपास के इलाकों में रहने वाले लगभग 500000 लोग आये थे। पहली आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार तत्काल मरने वालों की संख्या 2259 थी। मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार कुल 3787 व्यक्तियों की मृत्यु गैस के रिसाव के परिणामस्वरूप हुई थी।[6] गैर सरकारी अनुमानो के अनुसार 8,000-10,000 व्यक्तियों की मौत गैस रिसाव के 72 घंटे के भीतर हो गई थी, और लगभग 25,000 व्यक्ति अब तक गैस से संबंधित बीमारियों से मर चुके हैं। 40,000 से अधिक स्थायी रूप से विकलांग, अंधे और अन्य गैस व्याधियों से ग्रसित हुए थे, सब मिला कर 521.000 लोग गैस से प्रभावित हुए।[7][8][9]
संदर्भ
- ↑ Union Carbide Corporation, About Us. Accessed July 9, 2008.
- ↑ [1]
- ↑ Union Carbide Corporation, History, Accessed July 9, 2008.
- ↑ http://www.bhopal.com/chrono.htm Website on chronology of Bhopal events set up and maintained by Union Carbide
- ↑ History of DJIA, globalfinancialdata.com
- ↑ http://www.mp.gov.in/bgtrrdmp/relief.htm
- ↑ Eckerman (2001).
- ↑ Eckerman (2004).
- ↑ Vinay Lal, Bhopal and the Crime of Union Carbide. ucla.edu.