"सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार": अवतरणों में अंतर

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
पंक्ति 86: पंक्ति 86:
|style="border-top: 1px solid gray;" | आपके मूल्यवान और अन्वरत योगदान हेतु यह बार्नस्टार आपको मेरी ओर से दिया जा रहा है। <br />--<small><span style="border:1px solid #0000ff;padding:1px;">'''प्र:'''[[User:आशीष भटनागर|<b>आशीष भटनागर</b>]][[User_talk:आशीष भटनागर|<font style="color:#FF4F00;background:#4B0082;"> &nbsp;वार्ता&nbsp;</font>]] </span></small> ०५:४६, २५ दिसंबर २००९ (UTC)
|style="border-top: 1px solid gray;" | आपके मूल्यवान और अन्वरत योगदान हेतु यह बार्नस्टार आपको मेरी ओर से दिया जा रहा है। <br />--<small><span style="border:1px solid #0000ff;padding:1px;">'''प्र:'''[[User:आशीष भटनागर|<b>आशीष भटनागर</b>]][[User_talk:आशीष भटनागर|<font style="color:#FF4F00;background:#4B0082;"> &nbsp;वार्ता&nbsp;</font>]] </span></small> ०५:४६, २५ दिसंबर २००९ (UTC)
|}
|}

::अरे अनिरुद्ध जी, मुझे तो आपकी बाद वाली टिप्पणी (जो इस समय दिख रही है) वह घिसी-पिटी (यानी आशीष भटनागर और मुनिता प्रसाद के उपदेशों जैसी) लगी वर्ना बात निकलेगी... पढ़कर तो मुझे बड़ा मज़ा आया था। वह भी इसलिए मैंने आपका नाम लिया नहीं था मगर आपने समझ लिया। आप अपने को विकि पर ब्लॉक न करें। कुछ ही लोग तो हैं जो ढंग का लिखते हैं। (मेधावी विद्यार्थी की उद्दंडता गुरूजन हमेशा क्षमा कर देते हैं।) वैसे आपने कोई उद्दंडता नहीं की। सदा की तरह उत्तरदायित्वपूर्वक सारा काम जारी रखें, मुझे खुशी होगी।--[[सदस्य:सुरुचि|सुरुचि]] १५:१६, १३ जनवरी २०१० (UTC)

15:16, 13 जनवरी 2010 का अवतरण

साँचा:अनिरुद्ध

अपनी बात

कर्मण्येवाधिकारस्ते

  • कर्मक्षेत्र और अधिकारक्षेत्र को परस्पर सीमित और संयमित करने वाला गीता का यह श्लोकांश, जो प्रकारांतर से इनकी सहजिविता का भी संकेतक है, मुझे बेहद पसंद है। स्वयं को समझकर और समझाकर देख चुका हूँ कि अनासक्त मैं हो नहीं सकता। दुखों का भय मुझे दुखी नहीं कर सकता। पुनर्जन्म में मेरी कोई आस्था नहीं है इसलिए वर्तमान का दायित्व अज्ञेय अतीत पर थोपकर अनंत भविष्य को स्वप्निल बनाने की कोशिशें भी मेरे चिंता के दायरे में शामिल नहीं है। मेरे कर्तव्य और अधिकार क्षेत्र की सीमाएं ज्ञान क्षेत्र की सीमाओं ने निर्धारित की है। भूत, प्रेत, परी, जिन्न सबसे दोस्ती का इरादा है। वरना जबतक स्पष्ट रूप से महसूस न कर लूँ तबतक ईश्वर का अस्तित्व भी स्वीकार नहीं। अज्ञान को ईश्वर बनाकर पूजना मेरे वश में नहीं।
  • मुझे उछलता-कूदता, शरारतें करता बचपन, हँसती-खिलखिलाती, सपने सजाती लड़कियाँ और समझदारी भरी बातें करते लोग बेहद पसंद हैं। रंग-रूप, धन-दौलत, जाति-धर्म, आदि के आधार पर कर्तव्य तय करना मुझे पसंद नहीं।
  • मैं तबतक अपने परिचितों का सम्मान करता हूँ जबतक वह स्वयं को अनादर के सर्वथा उपयुक्त सिद्ध न कर दे और इस योग्यता का निर्धारण सिर्फ मेरे प्रति किये गये व्यवहार से नहीं बल्कि अन्यों के प्रति किये जाने वाले व्यवहार से भी होता है। किसी पर उँगली उठाते वक्त बाकी तीन उँगलियों पर मेरी हमेशा नजर होती है शायद इसीलिए मैं शिकायत नहीं करता, फ़ैसले लेता हूँ। तटस्थ रहने की मेरी आदत नहीं है।
  • मेरी निजी आकांक्षाएँ बहुत छोटी हैं किंतु सामाजिक सपने बहुत बड़े। एक ऐसी भाषा मेरी मातृभाषा है जिसके बोलने वाले बहुत गरीब हैं। एक ऐसी संस्कृति मुझे विरासत में मिली है जिसमें अच्छा चाहे जितना भी हो बुरा इतना है जो अच्छे को उभरने नहीं देता। स्वयं को सही और दूसरों को गलत मानने की इतनी गहरी आदत है कि दूसरों को सही समझकर कुछ सीखने की बात सिर्फ बातों और किताबों तक सिमट जाती है। इतना संतोष ज़रूर है कि मुझे सीमाओं की पहचान है और सामर्थ्य का ज्ञान भी।
संकल्प चरैवेती-चरैवेती का फ़ैज़ के सुबहे आज़ादी [[]]नज़्म की आखिरी पंक्तियों के रूप में-

अभी गरानी-ए-शब में कमी नहीं आई

निज़ाते-दीदा-ओ-दिल की घड़ी नहीं आई

चले चलो कि वो मंज़िल अभी नहीं आई


प्रिय अनिरुद्ध कुमार, हिन्दी विकिपीडिया पर आपका स्वागत है!

निर्वाचित सूची उम्मीदवार का सिम्बल
निर्वाचित सूची उम्मीदवार का सिम्बल

विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है जो विश्वभर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जा रहा है।
कुछ भी लिखने से पहले कृपया सहायता के निम्नांकित पृष्ठों को ध्यान से पढ़ें:

किसी भी वार्ता/संवाद पृष्ठ, चौपाल या अन्य कहीं भी जहां सदस्यों के मध्य वार्ता होती है, पर अपना सन्देश छोड़ने के बाद अपना हस्ताक्षर अवश्य छोड़े। इसके लिए अपने सन्देश की समाप्ति पर --~~~~ लिख दें।

हम आशा करते है कि आपको विकिपीडिया से जुड़ने में आनन्द आएगा।

--Munita Prasadवार्ता १८:०१, ५ सितंबर २००९ (UTC)

नमस्कार

कई अच्छे लेख आपने बनाए हैं अनिरूद्ध जी। धन्यवाद।

-- सौरभ भारती (वार्ता) ०४:३३, ८ सितंबर २००९ (UTC)

नमस्कार!

नमस्कार! आपका कार्य सराहनीय है। आप के इस कार्य से हिंदी विकी और भी ज्ञानपूरक हो रही है. मेरे कुछ सुझाव है जिनसे आपके लेख और भी बेहतर हो सकते है।

1. जब भी आप कोई नया लेख बनाएं तो एकबार उस नाम को विकी में खोज कर के देख ले की उस नाम का लेख अस्तित्व में है की नहीं।

2. नए लेख में कम से कम अंग्रेजी विकी का लिंक आवश्यक रूप से जोड़ दे। इससे लेख का प्रचार होता है एवं पुनार्वृति की संभावना कम हो जाती है।

३. लेखो में उचीत श्रेणियां लगाये. जैसे बिहार संबन्धी लेख में [[श्रेणी:बिहार]] जोड़ दे। आप अपने विवेक के अनुसार अन्य श्रेणियां भी बना सकते है।

आशा करता हूँ आप निरंतर ऐसे ही योगदान देते रहेंगे जिससे विकी का स्थान और भी उंचा होता जायेगा। और एक बात आप अपना सदस्य पृष्ठ पर कुछ आपने बारे में लिख दे जैसे की आपकी रुचियाँ आदि जिससे अन्य सदस्यों को भी आपके बारे में जानकारी होगी। धन्यवाद --गुंजन वर्मासंदेश ०८:५०, ८ सितंबर २००९ (UTC)

साधु-आधु

नमस्कार,
आपके योगदान निश्चय ही सराहनीय हैं। हिन्डी विकि को आज ऐसे ही योगदानकर्ताओं की आशा और आवश्यकता है। लेखों की गिनती मात्र बढ़ाने से काम नहीं चलता है। उनमें सूचना अंश भी होना चाहिये। वैसे तो आपके कई लेखों में श्रेणियां दिखीं हैं, किंतु कुछ में नहीं भी दिखीं, किंतु इस बारे में गुंजन जी पहले ही लिख चुके हैं। बस उन्हीं बिन्दुओं का ध्यान रखें, तथा सांचे, चित्र और ज्ञानसन्दूक आदि के विषय में कुछ अध्ययन कर प्रयोग करें। इन विषयों पर मुझे निस्संकोच लिखें व कुछ भी पूछें। (ऐसे कुछ ही और कुछ खास लोग ही होते हैं, जिनकी सराहना करने के लिए लोग सिफारिश करें) आपके नाम के आगे जेएनयू लिखा देख कर अधिक कहने की हिम्मत नहीं होती, बस हमारे साथ विकि के सफर पर बने रहें और यह योगदान जारी रखें। इस आशा के साथ शुभकामनाएं। --प्रबंधक:आशीष भटनागर  वार्ता  ०९:१०, ८ सितंबर २००९ (UTC)

हिन्दी विकि पर ५०००० लेख

नमस्कार,

हिन्दी विकि पर ५०००० लेख होने में बस २०० लेख ही बचे हैं। आज इसे पूरा करने में मदद करें। -- सौरभ भारती (वार्ता) ०७:४७, १४ सितंबर २००९ (UTC)

चौपाल पर आपकी दुविधा

देखे - विकिपीडिया:योगदान#मैं समान शीर्षक वाले लेख कैसे बना सकता हूँ? --मितुल ०२:३१, १७ सितंबर २००९ (UTC)

हाल की घटनाए

Aniruddhajnu जी, साँचा वार्ता:मुखपृष्ठ समाचार पर आप भी नएँ एवं मह्त्त्वपूर्ण समाचार सुझा सकते हैं एवं विकिपीडिया की मदद कर सकते हैं सिर्फ शिकायत करके क्या फायदा है? --Munita Prasadवार्ता ०३:३३, २३ सितंबर २००९ (UTC)

Aniruddhajnu, विकिपीडिया शिकायत से नही योगदान से बनती हैं। आप मदद करे, पूर्ण समर्थन होगा। --मितुल ०४:२९, २३ सितंबर २००९ (UTC)
किसी भी संदेश के बाद हस्ताक्षर करना आवश्यक है, यदि करना नहीं जानते हैं तो अपना स्वागत संदेश पढ़िए जो कि मैंने ही आपको ५ सितंबर २००९ को लिखा था।--Munita Prasadवार्ता १०:४८, २३ सितंबर २००९ (UTC)

Aniruddhajnu नए समाचार सुझाते रहिए। वैसे मैंने अपनी तरफ से अपडेट किया है। आपने १० अक्तूबर की तरह अन्य दिनों में जो घटनाएँ डाले हैं, वह बहुत अच्छा काम हैं। यदि हम रोज एक एक भी ठीक करें तो साल भर में पूरे ३६५ ठीक हो जाएँगें।--Munita Prasadवार्ता ०३:१५, ११ अक्तूबर २००९ (UTC)

अक्तूबर

अनिरुद्ध जी अक्तूबर सही है या कि अक्टूबर या कि दोनो सही है? आपका क्या विचार है कृपया अवगत कराएँ।--Munita Prasadवार्ता १७:१३, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

धन्यवाद जी बहुत अच्छी बात बताई आपने पर फिर भी मुझे एक संदेह है कि यदि अक्तूबर फ्रेंच का प्रभाव है तो फिर ब्रिटेन के बीबीसी पर अक्टूबर नहीं लिखकर वे सदा अक्तूबर ही क्यों लिखते हैं जबकि वे तो फ्रांसिसि नहीं अंग्रेज हैं। एक अनुरोध भी है आपने कई जगहों पर अक्टूबर बदल कर अक्तूबर किए हैं तो यदि लेखों का नाम बदलते समय हम इसी प्रकार की वार्ता कर लें या फिर लेखों के संवाद पृष्ठ पर चर्चा कर लें तो कैसा रहेगा। चर्चा के बाद जो निष्कर्ष निकले वही नाम रख लें एवं दूसरे को रिडाटरेक्ट कर लें।--Munita Prasadवार्ता ००:२८, १५ अक्तूबर २००९ (UTC)

नमस्कार जी, दक्षिण अमेरिका लेख में क्या कुछ योगदान कर सकेंगें?--Munita Prasadवार्ता ०४:२५, २१ अक्तूबर २००९ (UTC)

अच्छी बात है जी, धन्यवाद--Munita Prasadवार्ता १५:५९, २१ अक्तूबर २००९ (UTC)

हस्ताक्षर

आपके हस्ताक्षर में वार्ता लिंक नहीं आता है, इसे आप चाहें तो सुधार सकते हैं। इस प्रकार आपकी वार्ता पर जाना सरलतर होगा। इस बारे में अनुनाद जी को मेरा यह संदेश पढ़ लें, तो सहायता मिलेगी। हां द्वितीय अनुच्छेद से आगे ही पढें। सधन्यवाद:--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:३३, ३ नवंबर २००९ (UTC)

हस्ताक्षर बदलने और वार्ता लिंक जोड़ने का सुझाव मान लेने का धन्यवाद। किन्तु एक आग्रह करता हूं। उसमें रंग जरा बदल लेते तो मेरे वाले से कुछ अलग हो जाता। जैसे:
अनिरुद्ध  वार्ता  , या और कोई मनचाहा रंग, यदि आपकी इच्छा हो तो। हां आपकी वार्ता गलत जगह जा रही थी, जिसे मैंने पुनर्निर्देशित कर दिया है। अब सही है।
--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:४७, ४ नवंबर २००९ (UTC)
अरे गुनाह और अपराध जैसे इतने बड़े शब्दों का उपयोग न किया करो भाई। हां भाई ही कहूंगा, क्योंकि मेरे शायद छोटे, भाई जैसे ही हो। यदि बड़े हो तो क्षमा करना। जैसे मैंने कहीं से सीखा, वैसे ही ज‘जान आगे संचरित कर रहा हूं। --आशीष भटनागर  वार्ता  १७:२३, ४ नवंबर २००९ (UTC)

समाचार

अनिरूद्ध जी जो समाचार आपने सुझाया था वो तो मैं लगा चुकी पर उसकी गुप्त कड़ी आपने बताई नहीं। उसका एक संदर्भ भी सुझा दीजिए। क्योंकि संदर्भ को गुप्त कड़ी के रूप में लगाना पड़ता है।--Munita Prasadवार्ता १४:१३, १२ नवंबर २००९ (UTC)

नमस्कार अनिरूद्ध जी, नूरजहां पृष्ठ तो है ही मैंने कहाँ मिटाया है। बहुविकल्पी पृष्ठ जिस का आपने उल्लेख्य किया है उसका मैं भी समर्थन करती हूँ। वो पृष्ठ रहना ही चाहिए। बहुविकल्पी पृष्ठ में दिए हुए दोनों लेखों की कड़िया लाल थी एक को सही तरीके से जोड़ कर मैंने नीला कर दिया और कुछ नहीं। मैंने नहीं मिटाया है आप जाँच लीजिए। इतने दिनों बाद संवाद करके अच्छा लगा, धन्यवाद।--Munita Prasadवार्ता ०३:१८, २४ दिसंबर २००९ (UTC)

बार्न स्टार

बार्न स्टार

कार्यशील पुरुष सदस्य बार्नस्टार
आपके मूल्यवान और अन्वरत योगदान हेतु यह बार्नस्टार आपको मेरी ओर से दिया जा रहा है।
--प्र:आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:४६, २५ दिसंबर २००९ (UTC)
अरे अनिरुद्ध जी, मुझे तो आपकी बाद वाली टिप्पणी (जो इस समय दिख रही है) वह घिसी-पिटी (यानी आशीष भटनागर और मुनिता प्रसाद के उपदेशों जैसी) लगी वर्ना बात निकलेगी... पढ़कर तो मुझे बड़ा मज़ा आया था। वह भी इसलिए मैंने आपका नाम लिया नहीं था मगर आपने समझ लिया। आप अपने को विकि पर ब्लॉक न करें। कुछ ही लोग तो हैं जो ढंग का लिखते हैं। (मेधावी विद्यार्थी की उद्दंडता गुरूजन हमेशा क्षमा कर देते हैं।) वैसे आपने कोई उद्दंडता नहीं की। सदा की तरह उत्तरदायित्वपूर्वक सारा काम जारी रखें, मुझे खुशी होगी।--सुरुचि १५:१६, १३ जनवरी २०१० (UTC)