"केशों की देखभाल": अवतरणों में अंतर

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अमृतमपत्रिका, ग्वालियर मप्र

बालों में तेल कब लगाना लाभकारी रहता है?..
बालों में तेल क्यों लगाना जरूरी है?

बालों में कौनसा हेयर आयल लगाने से बल जल्दी बढ़ते हैं।
केश धोवन के पहले या बाद में तेल लगाना ठीक है।

अधिकांश महिलाएं बोरिंग के पानी से बाल धोती हैं, इस वजह से उनके बाल रूखे होने लगते हैं। बावलों में जब रूखापन या ड्राइनेस आत्य है, तभी बालों का तेजी से झड़ना, टूटना शुरू होता है।
बालों को बचाने के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार बालों में तेल अवश्य लगाना चाहिए, ताकि कम उम्र में बल सफेद न हों और न वे टूटे।
20 से 25 दिन लगाएं यह हेयर ऑयल एक इंच से ज्यादा लम्बे हो जाएंगे आपके बाल…
बालों में नियमित कुन्तल केयर हर्बल हेयर आयल Kuntalcare herbal hair oil लगाने से बाल कभी जल्दी सफेद नहीं होते और बालों का झड़ना, टूटना, दोमुंहे होना, रूसी आदि की समस्या नहीं होती।


आयुर्वेदिक की पुरानी परम्परा के मुताबिक केशवर्धन हेतु बालों में तेल अवश्य लगाएं। यह सिर का भोजन है। बालों में समय पर तेल न लगाने से बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं। तेल बालों को रूखापन, रूसी या डेंड्रफ एवं ड्राइनेस और अनेक केशविकारों से रक्षा करता है।


[[चित्र:Cutting hair at the camp. 166th Field Hospital, Baccarat, France., 05-15-1918 - NARA - 530725.tif|right|thumb|300px|फ्रांस के एक सैन्य अस्पताल में केश कर्तन कराते हुए सैनिक]]
[[चित्र:Cutting hair at the camp. 166th Field Hospital, Baccarat, France., 05-15-1918 - NARA - 530725.tif|right|thumb|300px|फ्रांस के एक सैन्य अस्पताल में केश कर्तन कराते हुए सैनिक]]
मानव के [[बाल|केशों]] के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य वृद्धि को '''केशों की देखभाल''' कहते हैं। केशों की देखभाल व्यक्ति के केशों की प्रकृति पर निर्भर करती है। सभी केश समान नहीं होते, बल्कि केश मानव की विविधता केशों की विविधता में भी परिलक्षित होती है।
मानव के [[बाल|केशों]] के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य वृद्धि को '''केशों की देखभाल''' कहते हैं। केशों की देखभाल व्यक्ति के केशों की प्रकृति पर निर्भर करती है। सभी केश समान नहीं होते, बल्कि केश मानव की विविधता केशों की विविधता में भी परिलक्षित होती है।

16:02, 17 जनवरी 2022 का अवतरण

फ्रांस के एक सैन्य अस्पताल में केश कर्तन कराते हुए सैनिक

मानव के केशों के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य वृद्धि को केशों की देखभाल कहते हैं। केशों की देखभाल व्यक्ति के केशों की प्रकृति पर निर्भर करती है। सभी केश समान नहीं होते, बल्कि केश मानव की विविधता केशों की विविधता में भी परिलक्षित होती है।

आजकल कम उम्र में गंजापन या बहुत अधिक बाल झड़ने की समस्या आम हो चली है। गंजेपन के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी उम्र से बड़ा दिखाई देने लगता है और एक बाल उड़ने शुरू हो जाते हैं तो उन्हें रोकना बहुत मुश्किल होता है। वैसे तो बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन अनुवांशिक कारणों के अलावा विकार, किसी विष का सेवन कर लेने, उपदंश, दाद, एक्जिमा आदि के कारण ऐसा हो जाता है। बालों के समय से पहले गिरने की एक अन्य आनुवंशिक समस्या को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया कहा जाता है, जिसे आमतौर से पैटर्न बाल्डमनेस के रूप में जाना जाता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही बाल गिरने का यह सामान्य रूप है, लेकिन गंजेपन की शुरुआत होने का समय और प्रतिरूप (पैटर्न) लिंग के अनुसार अलग-अलग होते हैं। इस समस्या से परेशान पुरुषों में बाल गिरने की समस्या किशोरावस्था से ही हो सकती है, जबकि महिलाओं में इस प्रकार बाल गिरने की समस्या 30 के बाद उत्पन्न होती है। पुरुषों में इस समस्या को सामान्य रूप से मेल पैटर्न बाल्डनेस के नाम से जाना जाता है। इसमें हेयरलाइन पीछे हटती जाती है और शीर्ष पर विरल हो जाती है।

महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया को फीमेल पैटर्न बाल्डनेस के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या से पीड़ित महिलाओं में पूरे सिर के बाल कम हो जाते हैं, लेकिन हेयरलाइन पीछे नहीं हटती। महिलाओं में एंड्रोजेनिक एलोपेसिया के कारण शायद ही कभी पूरी तरह गंजेपन की समस्या होती है। कुछ हर्बल नुस्खे और खान-पान के तरीके के अलावा दैनिक जीवन-शैली बालों की ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।[1]

  • नमक का अधिक सेवन करने से गंजापन आ जाता है। पिसा हुआ नमक व काली मिर्च एक-एक चम्मच नारियल का तेल पांच चम्मच मिलाकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाने से बाल आ जाते हैं। कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं और बाल घने भी होना शुरू हो जाते हैं।
  • अगर बालों का गुच्छा किसी स्थान से उड़ जाए तो गंजे के स्थान पर नींबू रगड़ते रहने से बाल दुबारा आने लगते हैं। जहां से बाल उड़ जाएं तो प्याज का रस रगड़ते रहने से बाल आने लगते हैं। बालों में नीम का तेल लगाने से भी राहत मिलती है।
  • बाल झड़ते हैं तो गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गरम पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने पर कुछ ही दिनों बालों के झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी।
  • लहसुन का खाने में अधिक प्रयोग करें। उड़द की दाल उबाल कर पीस लें। इसका सोते समय सिर पर गंजेपन की जगह लेप करें। हरे धनिए का लेप करने से भी बाल आने लगते हैं। केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीस लें और लगाएं, इससे लाभ होता है। अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
  • आंवला- आंवला के फलों का चूर्ण दही में मिलाकर हल्के-हल्के हाथों से सिर

पर मालिश करें और 5 मिनट बाद गुनगुने पानी से बालों को साफ कर लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से बाल स्वस्थ हो जाते हैं और डेंड्रफ भी दूर हो जाते हैं।

  • अमरबेल- अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ नदारद हो जाएगी, साथ ही बालों का झडने का सिलसिला भी कम हो जाता है। माना जाता है कि आम के पेड पर चढी हुई अमरबेल को उबालकर उस पानी से स्नान किया जाए तो गंजापन दूर होता है।
  • गेंदा- गेंदा के फूलों का रस नारियल तेल के साथ मिलाकर उससे हल्की-हल्की मालिश करके नहा लिया जाए तो सिर में हुए किसी भी तरह के संक्रमण, फोड़े- फुंसियों में आराम मिल जाता है।
  • बहेडा - इसके बीजों के चूर्ण को नारियल या जैतून के तेल में मिलाकर गुनगुना गर्म किया जाए और इस तेल को बालों पर लगाया जाए तो बाल चमकदार हो जाते हैं। साथ ही, इनकी जडें भी मजबूत हो जाती हैं। बालों की समस्याओं में हर्बल जानकारों के अनुसार त्रिफला का सेवन हितकर माना गया है।
  • गुड़हल या जासवंत- इसके फूलों के रस को नहाने से 10 मिनिट पहले सिर पर लगाया जाए तो इससे बालों के काला होने में मदद मिलती है। साथ ही, यह एक बेहतरीन कंडीशनर की तरह काम करता है।
  • पारिजात- आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार पारिजात की पत्तियों और बीजों का चूर्ण तेल में मिलाकर प्रतिदिन रात को बालों की जडों में मालिश करने से बालों का पुन: उगना शुरू हो जाता है, साथ ही, बालों के झडने को रोकने में मदद करता है।
  • शिकाकाई- शिकाकाई के बीजों को कुचलकर, एक कटोरे में लेकर पानी में डुबो दिया जाए और सारी रात रख दिया जाए। सुबह इस पानी से बालों की धुलाई की जानी चाहिए। ये एक नेचुरल शैम्पू होता है। आदिवासी जानकारों के अनुसार इसका इस्तेमाल बालों को चमकदार और स्वस्थ बनाने के साथ, बालों का दोमुंहा होना बंद कर देता है।
  • जटामांसी- जटामांसी की जड़ों को नारियल के तेल के साथ उबालकर ठंडा होने के बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले इससे मालिश की जाए तो असमय बालों का पकना और झड़ना रुक जाता है। आदिवासियों का मानना है कि इसके प्रयोग से बालों का दोमुंहा होना भी बंद हो जाता है और बाल स्वस्थ हो जाते हैं।
  • तिल- तिल के तेल से बालों की मालिश करना बेहतर माना जाता है। आदिवासी हर्बल जानकारों की मानी जाए तो तिल के तेल में थोड़ी-सी मात्रा गाय के घी और अमरबेल के चूर्ण में मिला ली जाए और सिर पर रात में सोने से पहले लगा लिया जाए तो बाल चमकदार, खूबसूरत होने के साथ घने हो जाते हैं और यही फार्मूला गंजेपन को रोकने में मदद भी करता है।
  • नीम- असमय बालों के पकने और बालों के झड़ने के क्रम को रोकने के लिए पातालकोट के आदिवासी नीम के बीजों से प्राप्त तेल को रात में सिर पर लगा लेते हैं और सुबह सिर को धो लिया करते हैं। माना जाता है कि नीम के बीजों का तेल बालों में एक माह तक लगातार इस्तेमाल करने से बालों का झड़ना रुक जाता है। डेंड्रफ होने पर 100 मिली नारियल तेल में नीम के बीजों का चूर्ण (20ग्राम) अच्छी तरह से मिलाकर सप्ताह में दो बार रात में मालिश की जाए तो आराम मिल जाता है।
  • टमाटर - पके हुए टमाटर का रस बालों पर लगाने से रूसी दूर हो जाती है। नहाने से 15 मिनट पहले ऐसा करना काफी कारगर होता है।
  • कनेर - कनेर की पत्तियों का रस दूध में मिला कर बालों पर लगाया जाए तो गंजापन दूर होता है, साथ ही बालों का असमय पकना दूर हो जाता है।
  • सहजन या मुनगा- इसकी पत्तियों के रस को लगा कर प्रतिदिन नहाने से सिर से रूसी या डेंड्रफ़ खत्म हो जाती है। इस रस का इस्तेमाल कम से कम एक सप्ताह तक करना जरूरी है। सहजन की फलियों को उबालकर पल्प तैयार किया जाए और नहाते वक्त इस पल्प को सिर पर शैंपू की तरह इस्तेमाल किया जाए तो यह बाजार में उपलब्ध किसी भी विटामिन ई युक्त शैंपू से बेहतर साबित होगा। आधुनिक विज्ञान भी सहजन में पाए जाने वाले विटामिन ई को बालों के लिए लाभकारी मानता है।
  • मेथी- मेथी की सब्जी का ज्यादा सेवन बालों की सेहत के लिए उत्तम माना जाता है। मेथी के बीजों का चूर्ण तैयार करके पानी के साथ मिलाया जाए और पेस्ट बना लिया जाए। इस पेस्ट को सिर पर लेप करके आधे घंटे के लिए छोड़ दिया जाए और बाद में इसे धो लिया जाए। ऐसा करने से बालों से डेंड्रफ खत्म हो जाते हैं। ऐसा सप्ताह में कम से कम दो बार किया जाना चाहिए।
  • अरण्डी- इसके बीजों के तेल के इस्तमाल से बालों का काला होना शुरू हो जाता है। सप्ताह में कम से कम दो बार अरण्डी का तेल बालों में अवश्य लगाना चाहिए। रात में तेल लगाकर सुबह इसे किसी शैम्पू से साफ किया जा सकता है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "केशों की देखभाल के घरेलू नुस्के।". मूल से 2 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अप्रैल 2018.