"कच्छपघात राजवंश": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
== इतिहास ==
"कच्छपघात" का अर्थ "[[कच्छप नाम की एक जनजाति जो कि प्राचीन भारत में ग्वालियर और मध्य भारत में रहती थी और घात शब्द का अर्थ मारने वाला" अर्थात उक्त जनजाति का उन्मूलन कर तत्कालीन कछवाहा शासकों ने यह उपाधि धारण की थी]। यह वंश पहले [[गुर्जर प्रतिहार राजवंश]] और [[चन्देल|चन्देल राजवंश]] के सामंत हुआ करता थे,कुछ समय पश्चात दोनों राजवंशों की स्थिति कमजोर होते ही कच्छपघातों ने स्वयं को उनसे अलग कर और स्वतंत्र राज करने लगे।कच्छप घातो ने ग्वालियर राज्य की स्थापना की और मध्य भारत के बड़े भूभाग पर काफी समय तक राज किया ,ग्वालियर के साथ साथ नरवर राज्य की भी स्थापना की गई जो की बहुत प्रसिद्ध राज्य रहा।यही नरवर राज्य से वर्तमान ग्वालियर के आसपास चंबल में कछ वाहो ने अपना स्वतंत्र राज्य इंदुरखी की स्थापना की और एक साखा ने जयपुर आंबेर की स्थापना की । ।<ref>{{cite book |author=Henry Miers Elliot |title=Memoirs on the History, Folk-Lore, and Distribution of the Races of the North Western Provinces of India |url=https://books.google.com/books?id=p-lAAAAAcAAJ&pg=PA158 |year=1869 |publisher=Trübner & co.|page=158}}</ref>
"कच्छपघात" का अर्थ "[[कच्छप नाम की एक जनजाति जो कि प्राचीन भारत में ग्वालियर और मध्य भारत में रहती थी और घात शब्द का अर्थ मारने वाला" अर्थात उक्त जनजाति का उन्मूलन कर तत्कालीन कछवाहा शासकों ने यह उपाधि धारण की थी]। यह वंश पहले [[गुर्जर प्रतिहार राजवंश]] और [[चन्देल|चन्देल राजवंश]] के सामंत हुआ करता थे,कुछ समय पश्चात दोनों राजवंशों की स्थिति कमजोर होते ही कच्छपघातों ने स्वयं को उनसे अलग कर और स्वतंत्र राज करने लगे।कच्छप घातो ने [[ग्वालियर]] राज्य की स्थापना की और मध्य भारत के बड़े भूभाग पर काफी समय तक राज किया ,ग्वालियर के साथ साथ [[नरवर]] राज्य की भी स्थापना की गई जो की बहुत प्रसिद्ध राज्य रहा।यही नरवर राज्य से वर्तमान ग्वालियर के आसपास चंबल में कछवाहों ने अपना स्वतंत्र राज्य इंदुरखी की स्थापना की और एक साखा ने जयपुर आंबेर की स्थापना की । ।<ref>{{cite book |author=Henry Miers Elliot |title=Memoirs on the History, Folk-Lore, and Distribution of the Races of the North Western Provinces of India |url=https://books.google.com/books?id=p-lAAAAAcAAJ&pg=PA158 |year=1869 |publisher=Trübner & co.|page=158}}</ref>


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==

13:05, 27 जनवरी 2021 का अवतरण

नक्शा
कच्छपघात राजवंश के स्थापत्यों की स्थिति[1]

कच्छपघात राजवंश (Kachchhapaghata dynasty) भारत का एक राजवंश था जिसने 10वीं से 12वीं शताब्दी ईसवी काल में मध्य भारत (आधुनिक मध्य प्रदेश) के पश्चिमोत्तरी भागों में शासन करा। धर्म सिंह इनमे एक अद्वितीय स्थान रखते है ।[2]

इतिहास

"कच्छपघात" का अर्थ "[[कच्छप नाम की एक जनजाति जो कि प्राचीन भारत में ग्वालियर और मध्य भारत में रहती थी और घात शब्द का अर्थ मारने वाला" अर्थात उक्त जनजाति का उन्मूलन कर तत्कालीन कछवाहा शासकों ने यह उपाधि धारण की थी]। यह वंश पहले गुर्जर प्रतिहार राजवंश और चन्देल राजवंश के सामंत हुआ करता थे,कुछ समय पश्चात दोनों राजवंशों की स्थिति कमजोर होते ही कच्छपघातों ने स्वयं को उनसे अलग कर और स्वतंत्र राज करने लगे।कच्छप घातो ने ग्वालियर राज्य की स्थापना की और मध्य भारत के बड़े भूभाग पर काफी समय तक राज किया ,ग्वालियर के साथ साथ नरवर राज्य की भी स्थापना की गई जो की बहुत प्रसिद्ध राज्य रहा।यही नरवर राज्य से वर्तमान ग्वालियर के आसपास चंबल में कछवाहों ने अपना स्वतंत्र राज्य इंदुरखी की स्थापना की और एक साखा ने जयपुर आंबेर की स्थापना की । ।[3]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Om Prakash Misra 2003, पृ॰ 15.
  2. "Exploration Of Kadwaha, District Ashoknagar, Madhya Pradesh (2009-2010)". Bhopal: Archaeological Survey of India (Temple Survey Project). मूल से 28 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 May 2016.
  3. Henry Miers Elliot (1869). Memoirs on the History, Folk-Lore, and Distribution of the Races of the North Western Provinces of India. Trübner & co. पृ॰ 158.