"भगवान": अवतरणों में अंतर

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भगवान
भौवान




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जिसके पास ये ६ गुण है वह भगवान है।
जिसके पास ये ६ गुण है वह भगवान है।


संस्कृत भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं:- सेवायाम् । जो सभी की सेवा में लगा रहे कल्याण और दया करके सभी मनुष्य जीव ,भूमि गगन वायु अग्नि नीर को दूषित ना होने दे सदैव स्वच्छ रखे वो भगवान का भक्त होता है
संस्कृत भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं:- सेवायाम् । जो सभी की सेवा में लगा रहे कल्याण और दया करके सभी मनुष्य जीव ,भूमि गगन वायु अग्नि नीर को दूषित ना होने दे सदैव स्वच्छ रखे वो भगवान का भक्त होता है।

भगवान और ईश्वर एक दूसरे के पूरक शब्द है। हम जिसे परम तत्व या परम सत्ता कहते हैं वही भगवान हैं। परम सत्य परम सत्ता का तात्पर्य यह है कि जिसने भी यह संपूर्ण सृष्टि की रचना की वही परम सत्य है और जो परम सत्य है वही ईश्वर अर्थात वही भगवान है। भगवान ईश्वर बहुत ही व्यापक शब्द है इसे सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता यह सीमाओं से परे है।यह संपूर्ण जगत या यूं कहें कि यह संपूर्ण ब्रह्मांड जिस में समाया है या जो इसका सृजन कारक है वही ईश्वर वही भगवान है। भगवान का अर्थ है सर्वस्य संपूर्ण होना। जो सब में समाया है चाहे वह जीव हो या निर्जीव सत्य है या असत्य इस जगत में जो भी घटता है या प्रगट होता है सभी घटनाओं का कारक ईश्वर ही है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भगवान या ईश्वर समस्त सृष्टि के संचालक का कारण है।

समस्त जीवन की उत्पत्ति और विनाश का कारण ईश्वर ही है जो भी जीव जन्म लेता है ईश्वर का ही अंश है और जब मृत्यु होती हैं तो वह ईश्वर में ही मिल जाता है।

हम जिसे भगवान कहते हैं कुछ लोग उसे ईश्वर कहते हैं कुछ लोग उसे अल्लाह कहते हैं कुछ लोग उसे गॉड कहते हैं या यूं कहा जाए हर धर्म या मजहब को मानने वाले जिस सुप्रीम पावर को मानते हैं वही भगवान कहलाता है।


== संज्ञा ==
== संज्ञा ==

04:07, 22 मार्च 2020 का अवतरण

भगवान


भगवान गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह "भग" धातु से बना है ,भग के ६ अर्थ है:- १-ऐश्वर्य २-वीर्य ३-स्मृति ४-यश ५-ज्ञान और ६-सौम्यता जिसके पास ये ६ गुण है वह भगवान है।

संस्कृत भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं:- सेवायाम् । जो सभी की सेवा में लगा रहे कल्याण और दया करके सभी मनुष्य जीव ,भूमि गगन वायु अग्नि नीर को दूषित ना होने दे सदैव स्वच्छ रखे वो भगवान का भक्त होता है।

भगवान और ईश्वर एक दूसरे के पूरक शब्द है। हम जिसे परम तत्व या परम सत्ता कहते हैं वही भगवान हैं। परम सत्य परम सत्ता का तात्पर्य यह है कि जिसने भी यह संपूर्ण सृष्टि की रचना की वही परम सत्य है और जो परम सत्य है वही ईश्वर अर्थात वही भगवान है। भगवान ईश्वर बहुत ही व्यापक शब्द है इसे सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता यह सीमाओं से परे है।यह संपूर्ण जगत या यूं कहें कि यह संपूर्ण ब्रह्मांड जिस में समाया है या जो इसका सृजन कारक है वही ईश्वर वही भगवान है। भगवान का अर्थ है सर्वस्य संपूर्ण होना। जो सब में समाया है चाहे वह जीव हो या निर्जीव सत्य है या असत्य इस जगत में जो भी घटता है या प्रगट होता है सभी घटनाओं का कारक ईश्वर ही है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भगवान या ईश्वर समस्त सृष्टि के संचालक का कारण है।

समस्त जीवन की उत्पत्ति और विनाश का कारण ईश्वर ही है जो भी जीव जन्म लेता है ईश्वर का ही अंश है और जब मृत्यु होती हैं तो वह ईश्वर में ही मिल जाता है।

हम जिसे भगवान कहते हैं कुछ लोग उसे ईश्वर कहते हैं कुछ लोग उसे अल्लाह कहते हैं कुछ लोग उसे गॉड कहते हैं या यूं कहा जाए हर धर्म या मजहब को मानने वाले जिस सुप्रीम पावर को मानते हैं वही भगवान कहलाता है।

संज्ञा

संज्ञा के रूप में भगवान् हिन्दी में लगभग हमेशा ईश्वर / परमेश्वर का मतलब रखता है। इस रूप में ये देवताओं के लिये नहीं प्रयुक्त होता।

विशेषण

विशेषण के रूप में भगवान् हिन्दी में ईश्वर / परमेश्वर का मतलब नहीं रखता। इस रूप में ये देवताओं, विष्णु और उनके अवतारों (राम, कृष्ण), शिव, आदरणीय महापुरुषों जैसे, महावीर, धर्मगुरुओं, गीता, इत्यादि के लिये उपाधि है। इसका स्त्रीलिंग भगवती है।

इन्हें भी देखें