"सोनीपत": अवतरणों में अंतर

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== स्थापना ==
== स्थापना ==
नई दिल्ली से उत्तर में 43 किमी दूर स्थित इस नगर की स्थापना संभवतः लगभग 1500 ई.पू. में आरंभिक आर्यों ने की थी। यमुना नदी के तट पर यह शहर फला-फूला, जो अब 15 किमी पूर्व की ओर स्थानांतरित हो गई है। [[हिन्दू]] महाकाव्य [[महाभारत]] में इसका 'स्वर्णप्रस्थ' के रूप में उल्लेख है। शहर में 'अब्दुल्ल नसीरुद्दीन की मस्जिद' (1272 में निर्मित), 'ख़्वाजा ख़िज़्र का मक़बरा (1522 या 1525 ईसवी में निर्मित)' और पुराने क़िले के अवशेष है।यहाँ पर हिन्दुओं का बाबा धाम मंदिर प्रसिद्ध है। सोनीपत [[दिल्ली]] से अमृतसर को जोड़ने वाले रेलमार्ग पर स्थित है। लोग काम के लिए रोज़ाना सोनीपत से दिल्ली आते-जाते हैं।
नई दिल्ली से उत्तर में 43 किमी दूर स्थित इस नगर की स्थापना संभवतः लगभग 1500 ई.पू. में आरंभिक आर्यों ने की थी। यमुना नदी के तट पर यह शहर फला-फूला, जो अब 15 किमी पूर्व की ओर स्थानांतरित हो गई है। [[हिन्दू]] महाकाव्य [[महाभारत]] में इसका 'स्वर्णप्रस्थ' के रूप में उल्लेख है। शहर में 'अब्दुल्ल नसीरुद्दीन की मस्जिद' (1272 में निर्मित), 'ख़्वाजा ख़िज़्र का मक़बरा (1522 या 1525 ईसवी में निर्मित)' और पुराने क़िले के अवशेष है।यहाँ पर हिन्दुओं का बाबा धाम मंदिर प्रसिद्ध है। सोनीपत [[दिल्ली]] से अमृतसर को जोड़ने वाले रेलमार्ग पर स्थित है। लोग काम के लिए रोज़ाना सोनीपत से दिल्ली आते-जाते हैं।

* जिला सोनीपत 22 दिसम्बर 1972 को अस्तित्व में आया उस समय गोहाना और सोनीपत दो तहसीले थी। सोनीपत एक प्राचीन ऐतिहासिक नगर है। इतिहासकारों के अनुसार 1500 ईसवी पूर्व इस नगर की स्थापना आर्यों द्वारा की गई थी और इसका नाम राजा सैन के नाम से सोनपत और बाद में सोनीपत बना। महाभारत काल में इस नगर का नाम स्वर्णप्रस्त था। कहा जाता है कि पांडवों ने महाभारत युद्ध को रोकने के लिए जिन पांच पतों की मांग की थी उनमें स्वर्णप्रस्त भी एक था। शेष चार पत थे पानीपत, इन्द्रपत या इन्द्रप्रस्त, बागपत, तिलपत। कहा जाता है कि पांडवों का खजाना भी इसी नगर में था।
* वर्ष 1871 में यहां स्थित टीले पर की गई खुदाई से प्राप्त 1200 ग्रीकों बैक्टेरियन्ज अवशेषों से प्रमाणित होता है की यह नगर सांतवीं शताब्दी तक ग्रीकों बैक्टेरियन्ज शासित रहा है। खुदाई के दौरान यहां से यौधेय काल के सिक्के तथा महाराजा हर्षवर्धन की तांबे से बनी एक मोहर प्राप्त हुई थी। वर्ष 1866 में यहां से शोरा की मिट्टी से बनी पक्की प्रतिमा प्राप्त हुई थी।
* 11वीं शताब्दी में इस नगर पर जागीरदार दिपालहर का शासन था। 1037 ईसवीं में गजनी के सुल्तान मसूद ने दिल्ली विजय पर जाते हुए रास्ते में जागीरदार दिपालहर को हराया था।
* सोनीपत नगर एक ऊचें टीले पर बसा हुआ है जो पूर्व नगरों के ध्वस्त होने से बना है। पहले यमुना नदी इस नगर के साथ लगती हुई बहती थी परन्तु अब रास्ता बदलकर 17 किलोमीटर दूर बहने लगी है। नगर के उत्तर में शेरशाह सूरी के वंशज पठान का खिजर खां का मकबरा है। जिस पर कलात्मक कार्य दर्शनीय है। नगर के मध्य में एक विशाल दुर्ग के अवशेष देखने का मिलते है। इस दुर्ग के निकट ही एक ऐतिहासिक दरगाह सैयद नसिरूदीन (मामा भांजा) है। जिस का इस क्षेत्र में विशेष महत्व है। इसे हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। कहते है कि इस दरगाह की स्थापना एक गौड ब्राह्मण हिन्दू राजा द्वारा शिव मन्दिर में की गई थी।


== शिक्षा ==
== शिक्षा ==
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== सिंचाई ==
== सिंचाई ==
कुल कृषि योग्य क्षेत्र का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा नहरों और नलकूपों द्वारा सिंचित है।
कुल कृषि योग्य क्षेत्र का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा नहरों और नलकूपों द्वारा सिंचित है।


== उद्योग ==
== उद्योग ==

06:41, 16 फ़रवरी 2020 का अवतरण

सोनीपत
Sonipat
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सोनीपत Sonipat is located in हरियाणा
सोनीपत Sonipat
सोनीपत
Sonipat
हरियाणा में स्थिति
निर्देशांक: 28°59′24″N 77°01′19″E / 28.990°N 77.022°E / 28.990; 77.022निर्देशांक: 28°59′24″N 77°01′19″E / 28.990°N 77.022°E / 28.990; 77.022
प्रांत और देशसोनीपत ज़िला
हरियाणा
 भारत
जनसंख्या
 • कुल14,50,001
भाषा
 • प्रचलित भाषाएँहरियाणवी, पंजाबी, हिन्दी

सोनीपत (Sonipat) भारत के हरियाणा राज्य के सोनीपत ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। सोनीपत का पिनकोड 131001 है।[1][2][3][4]"

स्थापना

नई दिल्ली से उत्तर में 43 किमी दूर स्थित इस नगर की स्थापना संभवतः लगभग 1500 ई.पू. में आरंभिक आर्यों ने की थी। यमुना नदी के तट पर यह शहर फला-फूला, जो अब 15 किमी पूर्व की ओर स्थानांतरित हो गई है। हिन्दू महाकाव्य महाभारत में इसका 'स्वर्णप्रस्थ' के रूप में उल्लेख है। शहर में 'अब्दुल्ल नसीरुद्दीन की मस्जिद' (1272 में निर्मित), 'ख़्वाजा ख़िज़्र का मक़बरा (1522 या 1525 ईसवी में निर्मित)' और पुराने क़िले के अवशेष है।यहाँ पर हिन्दुओं का बाबा धाम मंदिर प्रसिद्ध है। सोनीपत दिल्ली से अमृतसर को जोड़ने वाले रेलमार्ग पर स्थित है। लोग काम के लिए रोज़ाना सोनीपत से दिल्ली आते-जाते हैं।

  • जिला सोनीपत 22 दिसम्बर 1972 को अस्तित्व में आया उस समय गोहाना और सोनीपत दो तहसीले थी। सोनीपत एक प्राचीन ऐतिहासिक नगर है। इतिहासकारों के अनुसार 1500 ईसवी पूर्व इस नगर की स्थापना आर्यों द्वारा की गई थी और इसका नाम राजा सैन के नाम से सोनपत और बाद में सोनीपत बना। महाभारत काल में इस नगर का नाम स्वर्णप्रस्त था। कहा जाता है कि पांडवों ने महाभारत युद्ध को रोकने के लिए जिन पांच पतों की मांग की थी उनमें स्वर्णप्रस्त भी एक था। शेष चार पत थे पानीपत, इन्द्रपत या इन्द्रप्रस्त, बागपत, तिलपत। कहा जाता है कि पांडवों का खजाना भी इसी नगर में था।
  • वर्ष 1871 में यहां स्थित टीले पर की गई खुदाई से प्राप्त 1200 ग्रीकों बैक्टेरियन्ज अवशेषों से प्रमाणित होता है की यह नगर सांतवीं शताब्दी तक ग्रीकों बैक्टेरियन्ज शासित रहा है। खुदाई के दौरान यहां से यौधेय काल के सिक्के तथा महाराजा हर्षवर्धन की तांबे से बनी एक मोहर प्राप्त हुई थी। वर्ष 1866 में यहां से शोरा की मिट्टी से बनी पक्की प्रतिमा प्राप्त हुई थी।
  • 11वीं शताब्दी में इस नगर पर जागीरदार दिपालहर का शासन था। 1037 ईसवीं में गजनी के सुल्तान मसूद ने दिल्ली विजय पर जाते हुए रास्ते में जागीरदार दिपालहर को हराया था।
  • सोनीपत नगर एक ऊचें टीले पर बसा हुआ है जो पूर्व नगरों के ध्वस्त होने से बना है। पहले यमुना नदी इस नगर के साथ लगती हुई बहती थी परन्तु अब रास्ता बदलकर 17 किलोमीटर दूर बहने लगी है। नगर के उत्तर में शेरशाह सूरी के वंशज पठान का खिजर खां का मकबरा है। जिस पर कलात्मक कार्य दर्शनीय है। नगर के मध्य में एक विशाल दुर्ग के अवशेष देखने का मिलते है। इस दुर्ग के निकट ही एक ऐतिहासिक दरगाह सैयद नसिरूदीन (मामा भांजा) है। जिस का इस क्षेत्र में विशेष महत्व है। इसे हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। कहते है कि इस दरगाह की स्थापना एक गौड ब्राह्मण हिन्दू राजा द्वारा शिव मन्दिर में की गई थी।

शिक्षा

राजीव गांधी एजुकेशन सिटी

सोनीपत के कुंडली में "राजीव गांधी एजुकेशन सिटी (RGEC)", उच्च शिक्षा संस्थानों की एक हब विकसित करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) ने पहले से ही अपने दिल्ली परिसर के विस्तार के लिए 50 एकड़ जमीन का कब्जा ले लिया है। कई अन्य विश्वविद्यालयों ने भी अपने परिसर स्थापित करने के लिए अपनी परियोजनाओं को शुरू कर दिया है।

विश्वविद्यालय

  • दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
  • ओ.प. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी
  • भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फ़ूड टेक्नोलॉजी इंटरप्रेनियरशिप एंड मैनेजमेंट
  • अशोका विश्वविद्यालय

औद्योगिक विकास

दिल्ली से निकटता होने के कारण सोनीपत के औद्योगिक विकास का सहयोग मिला है।

कृषि

सोनीपत ज़िला एक मैदानी इलाक़ा है। जिनके 83 प्रतिशत हिस्से में खेती होती है। गेहूँ और चावल प्रमुख फ़सलें है, अन्य फ़सलों में ज्वार, दलहन, गन्ना, बाजरा, तिलहन और सब्ज़ियां शामिल हैं।

सिंचाई

कुल कृषि योग्य क्षेत्र का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा नहरों और नलकूपों द्वारा सिंचित है।

उद्योग

सोनीपत देश के अग्रणी साइकिल निर्माताओं में से एक है। इसके अतिरिक्त अन्य उद्योगों के मशीनी उपकरण, सूती वस्त्र, होज़री, शक्कर, इस्पात पुनर्ढ़लाई, सिलाई मशीन के पुर्जे, परिवहन उपकरण तथा पुर्ज़े, क़ालीन, हथकरघा वस्त्र और हस्तशिल्प में पीतलतांबे की वस्तुएं शामिल हैं।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या नगरपालिका क्षेत्र की 2,16,213 थी। सोनीपत ज़िले की कुल जनसंख्या 12,78,830 थी।

2011 की जनगणना के अनुसार सोनीपत की कुल जनसंख्या 14,50,001 जिनमे 7,81,299 पुरुष तथा 6,68,702 महिलाए है। [5]


इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "General Knowledge Haryana: Geography, History, Culture, Polity and Economy of Haryana," Team ARSu, 2018
  2. "Haryana: Past and Present," Suresh K Sharma, Mittal Publications, 2006, ISBN 9788183240468
  3. "Haryana (India, the land and the people), Suchbir Singh and D.C. Verma, National Book Trust, 2001, ISBN 9788123734859
  4. "Banking and Educational Statics of Sonipat
  5. sonipat.nic.in Sonipat District