"भगवान": अवतरणों में अंतर

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'''''भगवान = "मानव का शरीर चार भौतिक पदार्थ ( भ = भूमि , ग = गर्मी, व =वायु और न = नीर अर्थात भूमि+गर्मी+ वायु+नीर ) से निर्मित है " शोधकर्ता'''''
'''''भगवान = "मानव का शरीर चार भौतिक पदार्थ ( भ = भूमि , ग = गर्मी, व =वायु और न = नीर अर्थात भूमि+गर्मी+ वायु+नीर ) से निर्मित है " शोधकर्ता'''''

'''(By-Kaushal''' Kant Baudh) 


'''भगवान''' गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह "भग" धातु से बना है ,भग के ६ अर्थ है:-
'''भगवान''' गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह "भग" धातु से बना है ,भग के ६ अर्थ है:-

14:13, 26 अगस्त 2019 का अवतरण

भगवान = "मानव का शरीर चार भौतिक पदार्थ ( भ = भूमि , ग = गर्मी, व =वायु और न = नीर अर्थात भूमि+गर्मी+ वायु+नीर ) से निर्मित है " शोधकर्ता

(By-Kaushal Kant Baudh) 

भगवान गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह "भग" धातु से बना है ,भग के ६ अर्थ है:- १-ऐश्वर्य २-वीर्य ३-स्मृति ४-यश ५-ज्ञान और ६-सौम्यता जिसके पास ये ६ गुण है वह भगवान है।

पाली भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं:- तोड़ना। जो राग,द्वेष ,और मोह के बंधनों को तोड़ चुका हो अथवा भाव में पुनः आने की आशा को भंग कर चुका हो भावनाओ से परे जहाँ सारे विचार शून्य हो जाये और वहीँ से उनकी यात्रा शुरु हो उसे भगवान कहा जाता है।

संज्ञा

संज्ञा के रूप में भगवान् हिन्दी में लगभग हमेशा ईश्वर / परमेश्वर का मतलब रखता है। इस रूप में ये देवताओं के लिये नहीं प्रयुक्त होता।

विशेषण

विशेषण के रूप में भगवान् हिन्दी में ईश्वर / परमेश्वर का मतलब नहीं रखता। इस रूप में ये देवताओं, विष्णु और उनके अवतारों (राम, कृष्ण), शिव, आदरणीय महापुरुषों जैसे गौतम बुद्ध, महावीर, धर्मगुरुओं, गीता, इत्यादि के लिये उपाधि है। इसका स्त्रीलिंग भगवती है।

इन्हें भी देखें