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हिन्दू धर्म में भद्र शिकार का देवता है और शिव का एक गन है। भगवान् कृष्ण की आंठ्वी रानी का नाम भद्रा था जो की राजा भद्रसेन की की बेटी थे |यह पर्वत मेरु की एक उपाधि भी  है
[[हिन्दू धर्म]] में भद्रा शिकार का [[देवता]] है और शिव का एक [[गण]] है। भगवान् कृष्ण की आंठवीं रानी का नाम भद्रा था जो राजा भद्रसेन की की बेटी थीं। भद्रा , [[मेरु पर्वत]] की एक उपाधि भी  है।


== भद्रा ==
== भद्रा ==
भद्रा सोम और चन्द्र की बेटी है। अन्गिरास के वंस के एक ब्राह्मण जिसने भद्रा से विवाह किया जो की सोम की बेटी है जो बहुत सुंदर है। भगवान वरुण, जो पूर्व में उसके द्वारा आकृष्ट किया गया था,उतथ्य के आश्रम से उसे ले जाता है और उसे नारद को नहीं देता है जिन्होंने ने उसे भद्रा को वापस लाने के लिए भेजा था। उतथ्य बहुत खफा हो जाता है और पूरा समुन्द्र पी जाता है लेकिन तब भी वरुण उसे जाने नहीं देता है। उतथ्य की इक्षा से वरुण का झील सूख गया और समुन्द्र बह गया। देश के सूख जाने के बाद वरुण ने उतथ्य के सामने खुद को पेश किया और भद्रा को वापस लाया। ऋषि अपनी पत्नी को वापस पाकर खुश हुआ और दुनिया और वरुण दोनों को उनके कष्टों से मुक्त कर दिया।
भद्रा सोम या चन्द्र की बेटी है। वह बहुत सुन्दर थी। अंगिरस के वंश के एक ब्राह्मण ने उससे [[विवाह]] किया। भगवान वरुण भी भद्रा से बहुत आकृष्ट थे। उन्होने [[उतथ्य]] के आश्रम से भद्रा का हरण कर लिया। [[नारद]] उसे लेने आये किन्तु वरुण ने भद्रा को वापस नहीं किया। उतथ्य बहुत क्रोधित हुए और पूरा समुन्द्र पी गये। लेकिन तब भी वरुण उसे वापस नहीं किये। उतथ्य की इच्छा से वरुण की झील सूख गया और समुन्द्र बह गया। देश के सूख जाने के बाद वरुण ने उतथ्य के सामने खुद को पेश किया और भद्रा को वापस लाया। ऋषि अपनी पत्नी को वापस पाकर खुश हुआ और दुनिया और वरुण दोनों को उनके कष्टों से मुक्त कर दिया।


== संदर्भ ==
== संदर्भ ==

13:22, 2 जनवरी 2017 का अवतरण

हिन्दू धर्म में भद्रा शिकार का देवता है और शिव का एक गण है। भगवान् कृष्ण की आंठवीं रानी का नाम भद्रा था जो राजा भद्रसेन की की बेटी थीं। भद्रा , मेरु पर्वत की एक उपाधि भी  है।

भद्रा

भद्रा सोम या चन्द्र की बेटी है। वह बहुत सुन्दर थी। अंगिरस के वंश के एक ब्राह्मण ने उससे विवाह किया। भगवान वरुण भी भद्रा से बहुत आकृष्ट थे। उन्होने उतथ्य के आश्रम से भद्रा का हरण कर लिया। नारद उसे लेने आये किन्तु वरुण ने भद्रा को वापस नहीं किया। उतथ्य बहुत क्रोधित हुए और पूरा समुन्द्र पी गये। लेकिन तब भी वरुण उसे वापस नहीं किये। उतथ्य की इच्छा से वरुण की झील सूख गया और समुन्द्र बह गया। देश के सूख जाने के बाद वरुण ने उतथ्य के सामने खुद को पेश किया और भद्रा को वापस लाया। ऋषि अपनी पत्नी को वापस पाकर खुश हुआ और दुनिया और वरुण दोनों को उनके कष्टों से मुक्त कर दिया।

संदर्भ