अंतरिक्ष उड़ान (Spaceflight) अंतरिक्ष में गुज़रने वाली प्रक्षेपिक उड़ान होती है। अंतरिक्ष उड़ान में अंतरिक्ष यानों का प्रयोग होता है, जो मानव-सहित या मानव-रहित हो सकते हैं। मानवीय अंतरिक्ष उड़ान में अमेरिकी द्वारा करी गई अपोलो चंद्र यात्रा कार्यक्रम और सोवियत संघ (और उसके अंत के बाद रूस) द्वारा संचालित सोयूज़ कार्यक्रम शामिल हैं। मानव-रहित अंतरिक्ष उड़ान में पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करते सैंकड़ो उपग्रह तथा पृथ्वी की कक्षा छोड़कर अन्य ग्रहों, क्षुद्रग्रहों व उपग्रहों की ओर जाने वाले भारत के मंगलयान जैसे अंतरिक्ष शोध यान शामिल हैं।
भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (अंग्रेज़ी:जियोस्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, लघु: जी.एस.एल.वी) अंतरिक्ष में उपग्रह के प्रक्षेपण में सहायक यान है। ये यान उपग्रह को पृथ्वी की भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने में मदद करता है। जीएसएलवी ऐसा बहुचरण रॉकेट होता है जो दो टन से अधिक भार के उपग्रह को पृथ्वी से 36000 कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है जो विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा की सीध में होता है। ये रॉकेट अपना कार्य तीन चरण में पूरा करते हैं। इनके तीसरे यानी अंतिम चरण में सबसे अधिक बल की आवश्यकता होती है। रॉकेट की यह आवश्यकता केवल क्रायोजेनिक इंजन ही पूरा कर सकते हैं। इसलिए बिना क्रायोजेनिक इंजन के जीएसएलवी रॉकेट का निर्माण मुश्किल होता है। अधिकतर काम के उपग्रह दो टन से अधिक के ही होते हैं। इसलिए विश्व भर में छोड़े जाने वाले 50 प्रतिशत उपग्रह इसी वर्ग में आते हैं। जीएसएलवी रॉकेट इस भार वर्ग के दो तीन उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में ले जाकर निश्चित कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है। यही इसकी की प्रमुख विशेषता है।
यांग लिवेइ (Yang Liwei) चीन के पहले अंतरिक्ष यात्री है। जिसे चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन द्वारा अंतरिक्ष में 2003 को भेजा गया था। यांग लिवेइ चीनी वायु सेना के लड़ाकू विमान पायलट भी है।