"विजयलक्ष्मी पंडित": अवतरणों में अंतर

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श्रीमती विजय लक्षमी ने १९५२ में ग्रामीण सभ्यता व संसकृति से परिचय हेतु राजस्थान के बाडमेर जिले के सांस्कृतिक गांव बिसाणिया में मालाणी डेलूओं की ढाणी का ऐतिहासिक दौरा किया था।
श्रीमती विजय लक्षमी ने १९५२ में ग्रामीण सभ्यता व संसकृति से परिचय हेतु राजस्थान के बाडमेर जिले के सांस्कृतिक गांव बिसाणिया में 'मालाणी डेलूओं की ढाणी' का ऐतिहासिक दौरा किया था।


== राजनैतिक जीवन ==
== राजनैतिक जीवन ==

18:49, 20 अगस्त 2015 का अवतरण

विजयलक्ष्मी पंडित
जन्म18 अगस्त 1900
इलाहाबाद
मौतदिसम्बर 1, 1990(1990-12-01) (उम्र 90)
जीवनसाथीरणजीत सिताराम पण्डित
बच्चेनयनतारा सहगल

विजय लक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विजय लक्ष्मी पंडित ने अपना अमूल्य योगदान दिया।

जीवनी

इनका जन्म 18 अगस्त 1900 को गांधी-नेहरू परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा मुख्य रूप से घर में ही हुई। 1921 में उन्होंने काठियावाड़ के सुप्रसिद्ध वकील रणजीत सीताराम पण्डित से विवाह कर लिया।[1] गांधीजी से प्रभावित होकर उन्होंने भी आज़ादी के लिए आंदोलनों में भाग लेना आरम्भ कर दिया।[2] वह हर आन्दोलन में आगे रहतीं, जेल जातीं, रिहा होतीं और फिर आन्दोलन में जुट जातीं। उनके पति को भारत की स्वतंत्रता के लिए किये जा रहे आन्दोलनों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार करके लखनऊ की जेल में डाला गया जहाँ 14 जनवरी 1944 को उनका निधन हो गया। वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन थी जिनकी पुत्री इन्दिरा गांधी लगभग 13 वर्षों तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं।[3][2]


श्रीमती विजय लक्षमी ने १९५२ में ग्रामीण सभ्यता व संसकृति से परिचय हेतु राजस्थान के बाडमेर जिले के सांस्कृतिक गांव बिसाणिया में 'मालाणी डेलूओं की ढाणी' का ऐतिहासिक दौरा किया था।

राजनैतिक जीवन

वो केबिनेट मंत्री बनने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं। 1937 में वो संयुक्त प्रांत की प्रांतीय विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं और स्थानीय स्वशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री के पद पर नियुक्त की गईं। 1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली वह विश्व की पहली महिला थीं।[4][5] वे राज्यपाल और राजदूत जैसे कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहीं।

उन्होंने इन्दिरा गांधी द्वारा लागू आपतकाल का विरोध किया था और जनता दल में शामिल हो गईं थी।[6]

निधन

2 दिसम्बर 1990 को देहरादून के उत्तरी प्रान्त में उनका निधन हो गया। उनके निधन के समय उपन्यासकार नयनतारा सहित 3 पुत्रियाँ थी।[2]

सन्दर्भ

  1. भया कबीर उदास. राजकमल प्रकाशन. पृ॰ 416. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788126713691.
  2. संजय हजारिका (2 दिसम्बर 1990). "Vijay Lakshmi Pandit, Politician and Nehru's Sister, Is Dead at 90" (अंग्रेज़ी में). न्यूयॉर्क टाइम्स. अभिगमन तिथि 14 अक्टूबर 2013. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  3. रेहान फ़ज़ल (27 मई 2013). "जब नेहरू ने बहन का बिल किस्तों में चुकाया!". बीबीसी हिन्दी. अभिगमन तिथि 14 अक्टूबर 2013.
  4. "1953:Pandit Elected Head of UN" (अंग्रेज़ी में). न्यूयॉर्क टाइम्स. 16 सितम्बर 2003. अभिगमन तिथि 14 अक्टूबर 2013. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  5. "1950 - 1959" (अंग्रेज़ी में). बीबीसी. अभिगमन तिथि 14 अक्टूबर 2013.
  6. दीपा गणेश (23 मई 2011). "In the face of truth" (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. अभिगमन तिथि 14 अक्टूबर 2013. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)

बाहरी कड़ियाँ