"पाटण, गुजरात": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छोNo edit summary
छो बॉट: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
पाटण का प्राचीन नाम 'अन्हिलपुर' है। प्राचीन काल में इसे मुसलमानों ने खंडहर बना दिया था, उन्हीं खंडहरों पर पुन: नवीन पाटन ने प्रगति की है। महाराज भीम की रानी उद्यामती का बनवाया भवन खंडहर अवस्था में अब भी विद्यमान है। नगर के दक्षिण में एक प्रसिद्ध खान सरोवर है। एक जैन मंदिर में वनराजा की मूर्ति भी दर्शनीय है। नवीन पाटन [[मराठा]] लोगों के प्रयास का फल है। यह [[सरस्वती नदी]] से डेढ किमी की दूरी पर है। जैन मंदिरों की संख्या यहाँ एक सौ से भी अधिक है, पर ये विशेष कलात्मक नहीं हैं। [[खादी]] के व्यवसाय में इधर काफी उन्नति हुई है।
पाटण का प्राचीन नाम 'अन्हिलपुर' है। प्राचीन काल में इसे मुसलमानों ने खंडहर बना दिया था, उन्हीं खंडहरों पर पुन: नवीन पाटन ने प्रगति की है। महाराज भीम की रानी उद्यामती का बनवाया भवन खंडहर अवस्था में अब भी विद्यमान है। नगर के दक्षिण में एक प्रसिद्ध खान सरोवर है। एक जैन मंदिर में वनराजा की मूर्ति भी दर्शनीय है। नवीन पाटन [[मराठा]] लोगों के प्रयास का फल है। यह [[सरस्वती नदी]] से डेढ किमी की दूरी पर है। जैन मंदिरों की संख्या यहाँ एक सौ से भी अधिक है, पर ये विशेष कलात्मक नहीं हैं। [[खादी]] के व्यवसाय में इधर काफी उन्नति हुई है।


==इन्हें भी देखें==
== इन्हें भी देखें==
*[[रानी की वाव]]
*[[रानी की वाव]]


==बाहरी कड़ियाँ==
== बाहरी कड़ियाँ==
*[http://brahmbhattworld.com/?p=2053 पाटण के ऐतिहासिक स्थलों ने मन मोह लिया]
*[http://brahmbhattworld.com/?p=2053 पाटण के ऐतिहासिक स्थलों ने मन मोह लिया]
*[http://jamosnews.com/crime/unesco-acceptsgujarats-stepwell-rani-ki-vav-a-world-heritage/ यूनेस्को ने गुजरात के पाटण में स्थित ११ शताब्दी की रानी की वव (बावली) को विश्व धरोहर माना]
*[http://jamosnews.com/crime/unesco-acceptsgujarats-stepwell-rani-ki-vav-a-world-heritage/ यूनेस्को ने गुजरात के पाटण में स्थित ११ शताब्दी की रानी की वव (बावली) को विश्व धरोहर माना]

07:56, 7 सितंबर 2014 का अवतरण

पाटण का सहस्रलिंग तालाव (एक हजार लिंग वाला तालाब)

पाटण भारत के गुजरात प्रदेश का जिला एवं जिला-मुख्यालय है। यह मध्यकाल में गुजरात की राजधानी हुआ करता था। इस नगर में बहुत से ऐतिहास स्थल हैं जिनमें हिन्दू एवं जैन मन्दिर, रानी की वाव आदि प्रसिद्ध हैं।

पाटण का प्राचीन नाम 'अन्हिलपुर' है। प्राचीन काल में इसे मुसलमानों ने खंडहर बना दिया था, उन्हीं खंडहरों पर पुन: नवीन पाटन ने प्रगति की है। महाराज भीम की रानी उद्यामती का बनवाया भवन खंडहर अवस्था में अब भी विद्यमान है। नगर के दक्षिण में एक प्रसिद्ध खान सरोवर है। एक जैन मंदिर में वनराजा की मूर्ति भी दर्शनीय है। नवीन पाटन मराठा लोगों के प्रयास का फल है। यह सरस्वती नदी से डेढ किमी की दूरी पर है। जैन मंदिरों की संख्या यहाँ एक सौ से भी अधिक है, पर ये विशेष कलात्मक नहीं हैं। खादी के व्यवसाय में इधर काफी उन्नति हुई है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ