रजब
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रज्जब (अरबी: رجب) इस्लामी कैलेण्डर का सातवां मास है। रज्जब की शब्दकोषीय या शाब्दिक परिभाषा है "आदर करना", जिससे कि रज्जब शब्द निकला है।
रज्जब बतलाता है 'सम्मनित मास'। इस मास को अति आदर सूचक माना जाता था, पागान अरबों द्वारा, रमजाज्ञ की तरह ही इसमें भी युद्ध वर्जित था।
समय
[संपादित करें]इस्लामी कैलेण्डर में मास आरम्भ होता है, नए चाँद, यानि प्रतिपदा से, लेकिन गणना से नहीं, बल्कि दिखने पर। क्योंकि यह कैलेण्दर 11 से 12 दिवस छोटा होता है, सौर वर्ष से, रज्जब मास भी पूरे वर्ष भर के हर ऋतु में घूमता रहता है। रज्जब की अनुमानित तिथियाँ निम्न हैं:-
- 1426 AH – मासारम्भ: अगस्त 6, 2005; अन्तः सितंबर 4, 2005
- 1427 AH – मासारम्भ: जुलाई 27, 2006; अन्तः अगस्त 25, 2006
- 1428 AH – मासारम्भ: जुलाई 16, 2007; अन्तः अगस्त 14, 2007
- 1429 AH – मासारम्भ: जुलाई 5, 2008; अन्त: अगस्त 3, 2008
इस्लामी घटनाएं
[संपादित करें]- 01 रजब - पाँचवे इमाम मुहम्मद अल-बाक़िर का जन्म।
- 03 रजब - दसवें इमाम अली नक़ी की मृत्यु।
- 04 रजब - चिश्ती सिलसिले के ख्चाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स।
- 05 रजब - दसवें इमाम अली नक़ी का जन्म।च
- 07 रजब - शिया मुसलमान इमाम मूसा अल-काज़िम की ईद मनाते हैं।
- 09 रजब - हुसैन इब्न अली को एक पुत्र अली असग़र पैदा हुए।
- 10 रजब - नौवें इमाम मुहम्मद अल-तक़ी का जन्म।
- 13 रजब - शिया मुसलमान अपने पहले अली इब्न अबी तालिब का जन्म जोश से मनाते हैं।
- 18 रजब - इब्राहीम की शिया इस्लाम के अनुसार मृत्यु।
- 22 रजब - कुंडे शिया मुसलमानों और ग़ैर-सलफ़ी / ग़ैर अहले हदीस मुसलमानों मुसलमानों की ओर से मनाए जाते हैं क्योंकि कहा जाता है कि छटे इमाम जाफ़र अस-सादिक़ ने ऐसा करने को कहा। उसी दिन मुआविया प्रथम की भी मृत्यु हुई थी, इस कारण कुछ सुन्नी मुसलमान शंकास्पद है यह प्रथा असल में उनके देहान्त का जश्न है।
- 24 रजब -खैबर की युद्ध में मुसलमानों की विजय।
- 25 रजब - सातवें इमाम मूसा अल-काज़िम की मृत्यु।
- 27 रजब - ग़ैर अहले हदीस सुन्नी मेराज का जश्न मनाते हैं।
- 28 रजब - हुसैन इब्न अली करबला तक मदीने से रवाना हुए।
- सन 5 हिजरी में बिलाल इब्न हारिस के बारे में कहा जाता है की उन्होंने बनू मुज़ीना के सौ लोगों को पैगम्बर मुहम्मद के सामने प्रस्तुत किया। उन सभी ने इस्लाम क़बूल किया।
- सन 5 हिजरी में तबूक का युद्ध हुआ। यह अंतिम युद्ध था जिसमें पैगम्बर मुहम्मद शरीक थे।
- अक़ाबा सन 12 हिजरी में ली गई।
- सलाउद्दीन रजब के महीने में यरुशलम में प्रवेश किए थे।
- 28 रजब 1342 हिजरी (3 मार्च 1924) इस्लाम की खिलाफ़त को आधुनिक तुर्की के क्रान्तिकारी नेता अतातुर्क मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने समाप्त करके अपने देश को पहला मुसलमान धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाया।