बैरी जॉन
बैरी जॉन | |
---|---|
जन्म |
1944 कोवेंट्री, इंग्लैंड, यूनाइटेड किंगडम | (आयु 80)
पेशा | थियेटर निर्देशक, अभिनेता, डिज़ाइनर, लेखक, शिक्षक |
वेबसाइट www.bjas.in |
बैरी जॉन (जन्म: १९४४[1]) (अंग्रेज़ी: Barry John) ब्रिटेन में जन्मे एक भारतीय थियेटर निर्देशक और शिक्षक हैं, जो कि दिल्ली में स्थित शुरुआती थियेटर समूहों में से एक, थिएटर एक्शन ग्रुप (टीएजी) (१९७३) के संस्थापक-निदेशक रह चुके हैं। १९९७ में उन्होंने संजय सुगितभ के साथ मिलकर दिल्ली में इमागो मीडिया कंपनी और इमागो एक्टिंग स्कूल खोला था; दोनों ही मार्च २००७ में मुंबई स्थानांतरित कर दिए गए। इस स्कूल से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली, क्योंकि उनके कुछ छात्र आगे चलकर बॉलीवुड अभिनेता बने, जिनमें शाहरुख खान, मनोज वाजपेयी, समीर सोनी, शाइनी आहूजा,[2][3] और फ्रीडा पिंटो[4] प्रमुख हैं।
१९९३ में उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा साहित्य कला परिषद पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह १९६९ के बाद से ही भारत में रह रहे हैं। मुंबई के अंधेरी में उनका एक अभिनय स्कूल स्थित है, जिसका नाम 'द बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो' है।[5]
प्रारम्भिक जीवन
[संपादित करें]बैरी जॉन का जन्म १९४४ में, इंग्लैंड के पश्चिम मिडलैंड्स काउंटी के औद्योगिक शहर कोवेन्ट्री में हुआ था। उनके पिता, जो व्यवसाय से एक इंजीनियर थे, द्वितीय विश्व युद्ध के समय नौसेना में शामिल हुए; और उनकी मां एक गृहणी थी। उनकी एक छोटी बहन क्रिस्टीन भी थी।
१२ वर्ष की उम्र में उन्होंने समाचार पत्र बेचने शुरू कर दिए, और इसके बाद शाम को वह थिएटर सीखने जाते थे। १५ साल की उम्र में उनके पिता ने उनके लिए कारखाने में एक नौकरी तय की जहां उन्होंने काम भी किया। स्कूली शिक्षा समाप्त करने के बाद, वह लंदन चले गए, लेकिन अभिनय स्कूलों में एडमिशन पाने में असमर्थ होकर, वह अंततः वेस्ट यॉर्कशायर में लीड्स विश्वविद्यालय में शामिल हुए, और वहां उन्होंने विभाग के प्रमुख जॉन हचसन के तहत तीन साल के लिए थियेटर शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया।[6]
कार्यक्षेत्र
[संपादित करें]हिप्पियों के युग में बैरी भारत और उसकी संस्कृति की गहराई से प्रभावित हुए, और उन्होंने उपनिषदों का अध्ययन भी किया। फिर १९६८ में पंडित रविशंकर ने कोवेन्ट्री कैथेड्रल में एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसके कुछ दिनों बाद, उन्होंने भारत में एक शिक्षण नौकरी के लिए एक विज्ञापन देखा। इसके लिए उन्होंने आवेदन किया, और चुने जाने पर २२ वर्ष की उम्र में वह बेंगलुरु पहुंचे, जहां वह अगले दो सालों तक रहे। इस समय उन्होंने कनिंघम रोड पर स्थित क्षेत्रीय संस्थान में दिन के समय अंग्रेजी पढ़ाना और रेडियो कार्यक्रम करना शुरू किया। शाम के समय वह बैंगलोर एमेच्योर नाटक सोसायटी और बंगलौर लिटिल थियेटर के नाटकों में भाग लेते थे। १९७० में दिल्ली पहुंचने के बाद, वह 'याट्रिक' थिएटर ग्रुप में शामिल हो गए। इस समय वह वाईएमसीए हॉस्टल में रहे, और उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में फ्रीलांस शिक्षक के रूप में काम भी किया था।
१९७३ में उन्होंने सिद्धार्थ बसु, रोशन सेठ, लिलीट दुबे, मीरा नायर, रवि दुबे, मनोहर सिंह, खालिद तय्यबजी, पामेला रूक्स, सुरेखा सीकरी और पंकज कपूर के साथ मिलकर थियेटर एक्शन ग्रुप (टैग) की स्थापना की। इस समूह में उन्होंने १९७७ तक विभिन्न नाटकों का प्रदर्शन किया, और इसके बाद वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली (१९७७-८०) में शिक्षक के रूप में शामिल हो गए, और बाद में एनएसडी के थियेटर इन एजुकेशन कंपनी (टीआईई) (१९८९) के संस्थापक-निदेशक बने।[6][7] तब से वह लगातार थिएटर कार्यशालाएं करते रहे हैं, और १९९७ में उन्होंने दिल्ली में 'इमागो एक्टिंग स्कूल' खोला था।
उन्होंने कुछ फिल्में में भी अभिनय किया, जिनमें सत्यजीत रे के शतरंज के खिलाड़ी (१९७७), रिचर्ड एटनबरो की गांधी (१९८२), तथा प्रदीप किशन की मैसी साहिब (१९८५) प्रमुख हैं। उन्होंने अपनी कई प्रस्तुतियों में भी अभिनय किया, साथ ही साथ अन्य निर्देशकों की कृतियों में भी जैसे रॉयटेन हाबिल के "ओथेलो ए प्ले इन ब्लैक एंड व्हाईट" में। उनकी हाल की फिल्म तेरे बिन लादेन है जिसमें उन्होंने एक अमेरिकी सुरक्षा जनरल की भूमिका निभाई है।[8]
२००७ में वह मुंबई चले गए, जहां उनके अभिनय स्कूल को 'बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो' के रूप में खोला गया।[9] उसी वर्ष उन्होंने मैकमिलन द्वारा प्रकाशित एक पुस्तक "प्लेइंग फॉर रीयल" भी प्रकाशित की, जिसमें बच्चों के लिए १७८ नाटक अभ्यास थे। इस पुस्तक के सह-लेखक उनकी इमागो थिएटर की शिक्षा कंपनी के छात्र राजन चावला और कैथी योगिन थे।[10]
फिल्मों की सूची
[संपादित करें]- शतरंज के खिलाड़ी (१९७७)
- गांधी (१९८२)
- मैसी साहिब (१९८५) - चार्ल्स एडम
- मिस बेटीज चिल्ड्रन (१९९२)
- शहीद ऊधम सिंह (२०००) - माइकल ओ ड्वायर
- थैंक्स मां (२०१०) - चर्च के पादरी
- तेरे बिन लादेन (२०१०) - टेड वुड
- द ग्रेट इंडियन बटरफ्लाई (२०१०)
- चिट्टागोंग (२०१२) - मजिस्ट्रेट विल्किंसन
- एम क्रीम (२०१२) - विष्णु दास
पुरस्कार
[संपादित करें]- १९९३: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार: थिएटर निर्देशन।[11]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Barry John". मूल से 13 अप्रैल 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 November 2010.
- ↑ 'Theatre is at an all-time low in Delhi' Archived 6 जून 2011 at the वेबैक मशीन हिन्दुस्तान टाईम्स, Mumbai, 9 April 2007.
- ↑ The guru of Shah Rukh Archived 2016-06-05 at the वेबैक मशीन द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, TNN 22 April 2007.
- ↑ "Freida Pinto thanks mentor Barry John for success". Daily News & Analysis. 29 January 2009. मूल से 27 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 February 2009. Italic or bold markup not allowed in:
|publisher=
(मदद) - ↑ The Barry John Acting Studio – Inauguration Archived 11 अप्रैल 2009 at the वेबैक मशीन 6 April 2007.
- ↑ अ आ The drama of Barry John's life Archived 2017-11-27 at the वेबैक मशीन Divya Vasisht, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, 23 November 2002.
- ↑ Profile Archived 2018-03-28 at the वेबैक मशीन IMAGO.
- ↑ Star guru: Film stars such as Shah Rukh Khan have trained under him... Archived 2009-05-29 at the वेबैक मशीन The Hindu, 16 August 2006.
- ↑ Interview with Barry John Archived 2018-03-28 at the वेबैक मशीन mumbaitheatreguide.
- ↑ Barry John reveals past peeves and new hopes Archived 2012-11-05 at the वेबैक मशीन The Hindu, 24 September 2007.
- ↑ Sangeet Natak Akademi Awards – Theatre Direction Archived 2015-09-03 at the वेबैक मशीन Sangeet Natak Akademi Award Official listings.