हिंसा

विश्व स्वास्थ्य संगठन की परिभाषा के अनुसार, हिंसा "स्वयं के विरुद्ध, किसी अन्य व्यक्ति या किसी समूह या समुदाय के विरुद्ध शारीरिक बल या शक्ति का साभिप्राय उपयोग है, चाहे धमकीस्वरूप या वास्तविक, जिसका परिणाम या उच्च संभावना है कि जिसका परिणाम चोट, मृत्यु, मनोवैज्ञानिक नुकसान, दुर्बलता, या कुविकास के रूप में होता हैं", हालांकि संगठन यह स्वीकार करता है कि इसकी परिभाषा में "शक्ति का उपयोग" शामिल करना शब्द की पारंपरिक समझ को बढ़ाता है।[2] इस परिभाषा में क्रिया को ही करने की साभिप्रायता शामिल है, चाहे उससे कुछ भी परिणाम उत्पन्न हो। हालांकि, आम तौर पर, जो कुछ भी हानिकारक या क्षतिकारक तरीके से उत्तेजित किया जाता है, वह हिंसा के रूप में वर्णित किया जा सकता है, भले ही वह हिंसा के मतलब से नहीं हो (किसी व्यक्ति द्वारा और किसी व्यक्ति के विरुद्ध)।
प्रकार[संपादित करें]

हिंसा को तीन व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता हैं:[2]
- स्व-निर्देशित हिंसा
- अन्तरव्यक्तिगत हिंसा
- सामूहिक हिंसा
हिंसक क्रियाएँ निम्न हो सकती हैं:
- शारीरिक
- यौन
- मनोवैज्ञानिक
- भावनात्मक
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- हिंसा का सौन्दर्यीकरण (Aestheticization of violence)
- आक्रामकता
- शारीरिक दण्ड
- लड़ो-या-भागो अनुक्रिया
- शिकार
- विधायी हिंसा
- युद्ध कलाएँ
- परजीविता
- क्रव्यादन (Predation)
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Mortality and Burden of Disease Estimates for WHO Member States in 2002" (xls). World Health Organization. 2004. मूल से 16 जनवरी 2013 को पुरालेखित.
- ↑ अ आ इ Krug et al., "World report on violence and health" Archived 22 अगस्त 2015 at the वेबैक मशीन., विश्व स्वास्थ्य संगठन, २००२.