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स्वच्छंद कविता संग्रह

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स्वच्छंद कविता संग्रह  

स्वच्छंद का मुखपृष्ठ
लेखक सुमित्रानंदन पंत
देश भारत
भाषा हिंदी
विषय स्वतंत्र्य-संग्राम से संबंधित
प्रकाशक राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
प्रकाशन तिथि 18 मई 2000
पृष्ठ 172
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-267-0092-0

स्वच्छंद श्री सुमित्रानंदन पंत की जन्मशती के अवसर पर सन 2000 में, उनकी विपुल काव्य-संपदा से से चुनी हुई कविताओं को लेकर तैयार किया गया है। यह चयन पंतजी के अंतिम दौर की कविताओं के इर्द-गिर्द ही नहीं घूमता, जो काल की दृष्टि से हमारे अधिक निकट है, बल्कि उनके बिलकुल आरंभ काल की कविताओं से लेकर अंतिम दौर तक की कविताओं के विस्तार को समेटने की चेष्टा करता है। चयन के पीछे पंतजी को किसी राजनीतिक-सामाजिक विचारधारा, किसी नई नैतिक-दार्शनिक दृष्टि जैसे काव्य-बाह्म दबाव में नए ढंग से प्रस्तुत करने की प्रेरणा नहीं है-यह एक नई शताब्दी और सहस्राब्दी की उषा वेला में मनुष्य की उस आदिम साथ ही चिरनवीन सौंदर्याकांक्षा का स्मरण है, पंतजी जैसे कवि जिसे प्रत्येक युग में आश्चर्यजनक शिल्प की तरह गढ़ जाते हैं।

किसी कवि की जन्मशती के अवसर पर परवर्ती पीढ़ी की इससे अच्छी श्रद्धाजंलि क्या हो सकती है कि वह उसे अपने लिए सौंदर्यात्मक विधि से समकालीन करे। पंत-शती के उपलक्ष्य में उनकी कविताओं के संचयन को ‘स्वच्छंद’ कहने के पीछे मात्र पंतजी की नहीं, साहित्य मात्र की मूल प्रवृत्ति की ओर भी संकेत है। संचयन में कालक्रम के स्थान पर एक नया अदृश्य क्रम दिया गया है, जिसमें कवि-दृष्टि, प्रकृति, मानव-मन, व्यक्तिगत जीवन, लोक और समाज के बीच संचरण करते हुए अपना एक कवि-दर्शन तैयार करती है। ‘स्वच्छंद’ के माध्यम से पंतजी के प्रति विस्मरण का प्रत्याख्यान तो है ही, इस बात को नए ढंग से चिन्हित भी करना है कि जैसे प्रकृति का सौंदर्य प्रत्येक भिन्न दृष्टि के लिए विशिष्ट है, वैसे ही कवि-संसार का सौंदर्य भी अशेष है, जिसे प्रत्येक नई दृष्टि अपने लिए विशिष्ट प्रकार से उपलब्ध करती है। [1]

सन्दर्भ

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  1. "स्वच्छंद". भारतीय साहित्य ऑनलाइन. Archived from the original (पीएचपी) on 15 अगस्त 2012. Retrieved 27 नवंबर 2007. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= (help)