सोर्ड राजवंश

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सोर्ड राजवंश गुजरात मे कोलीयों का एक राजवंश था जिसने दो पीढ़ियों तक इडर राज्य पर राज किया था जिसका अंत सन् १३०० मे हुआ।[1][2] इस वंश की स्थापना ठाकोर हाथी सोर्ड ने की थी जो कोली जाती से संबंध रखते थे।[3][4]

पहले ठाकोर हाथी सोर्ड इडर राज्य मे जागीरदार थे लेकिन इडर राज्य का शासक अमरसिंह परमार एक लडाई मे मारा गया जिसके बाद ठाकोर हाथी सोर्ड ने इडर राज्य का शासक संभाला। महाराजा हाथी सोर्ड ने अपनी मृत्यु तक शांतिपूर्ण तरीके से राज किया और उनकी मृत्यु के पश्चात उनके इकलौते बेटे राजकुमार सांवलीया सोर्द ने इडर की राजगद्दी संभाली।[3]

महाराजा सांवलीया सोर्ड ने इडर राज्य की सेना का सेनापति एक नागर ब्राह्मण को बना दिया लेकिन वह सेनापति महाराजा सोर्ड से इर्ष्या करता था जिसके कारण सेनापति राठौर राजपूतों के मिल गया। सेनापति ने राठौर राजपूतों को महाराजा पर हमला करने के लिए उकसाया लेकिन राजपूतों की हिम्मत नहीं हुई जिसके कारण सेनापति ने एक योजना बनाई। योजना के अनुसार सेनापति ने महाराजा सोर्ड को अपनी बेटी की शादी की दावत मे बुलाया और राजपूतों को पडोसीयों के घरों मे छुपा दिया।[उद्धरण चाहिए][5]

महाराजा सोर्ड अपने कुछ मंत्रीयों के साथ दावत का आनंद उठा रहें थे तभी ब्राह्मण सेनापति ने उनको शराब की दावत भी दे दी जिसके चलते महाराजा सोर्ड और उनके मंत्री एवं कुछ ख़ास सैनिक शराब के नशे में चूर हो गए। इसी का इंतजार सेनापति को था सेनापति ने पड़ोसी के घरों में छुपे हुए राठौर राजपूतों को इशारा किया और महाराजा सोर्ड समेत मंत्री एवं सैनिकों पर हमला कर दिया। यह वर्ष १३०० का था और इस वर्ष इडर राज्य के सोर्ड राजवंश का अंत हो गया।[उद्धरण चाहिए][5]

राठौर राजपूत ने महाराजा सोर्ड को मारकर उसके ख़ून से अपने माथे पर तिलक किया और एलान किया की जब भी हमारे खानदान से इडर का नया राजा बनेगा उसका राजतिलक कोली अपने ख़ून से करेगा। लेकिन बाद मे दूसरे राजपूतों ने उनहे भगाकर इडर हथिया लिया।[उद्धरण चाहिए][6]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Whitworth, George Clifford (1885). An Anglo-Indian Dictionary: A Glossary of Indian Terms Used in English, and of Such English Or Other Non-Indian Terms as Have Obtained Special Meanings in India (अंग्रेज़ी में). K. Paul, Trench.
  2. "Imperial Gazetteer2 of India, Volume 13, page 325 -- Imperial Gazetteer of India -- Digital South Asia Library". dsal.uchicago.edu. मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-21.
  3. Ananta), Rudra (Son of (1968). Rudrakavi's Great Poem of the Dynasty of Rāṣṭrauḍha: Cantos 1-13 and 18-20 (अंग्रेज़ी में). Brill Archive.
  4. "History | About Sabarkantha | About Us | Collectorate - District Sabarkantha". sabarkantha.gujarat.gov.in. मूल से 2 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-21.
  5. State), Bombay (India : (1880). Gazetteer (अंग्रेज़ी में). Printed at the Government Central Press.सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
  6. Asian Review (अंग्रेज़ी में). East & West. 1887.