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सुहागा

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बोरेक्स का क्रिस्टल

सुहागा (Na2B4O7·10H2O ; संस्कृत: सुभग ; अंग्रेजी: Borax) टांकण (बोरॉन) का एक यौगिक, खनिज तथा बोरिक अम्ल का लवण है। इसे 'क्षारातु बोरेट', 'सोडियम टेट्राबोरेट', या 'डाईसोडियम टेट्राबोरेट' भी कहते हैं। प्राय: यह मुलायम सफेद पाउडर के रूप में मिलता है जो पानी में आसानी से घुल जाता है।

सुहागा तिब्बत, लद्दाख और कश्मीर में बहुत मिलता है। korba

सुहागा एक क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है जो अनेक निक्षेपों, विशेषत: तिब्बत, कैलिफोर्निया, पेरू, कनाडा, अर्जेंटिना, चिली, टर्की, इटली और रूस में साधारणतया टिंकल (Tincal) (Na2B4O7·10H2O) के रूप में में पाया जाता है। इसके खनिज रेसोराइट (Rasorite) (Na2B4O7·4H2O) और कोलेमैनाइट (Colemanite, Ca2 B6 O11 5H2O) भी पाए जाते हैं।

सुहागे के सामान्य क्रिस्टलीय रूप का सूत्र (Na2B4O7·10H2O) है जो सामान्य ताप पर सुहागे के विलयन से क्रिस्टल के रूप में प्राप्त होता है। ६० सें. से ऊपर गरम करने से यह अष्टफलकीय पेंटाहाइड्रेट (octahedral pentahydrate) (जौहरी के सुहागे) में परिणत हो जाता है। इसका जलीय विलयन क्षारीय होता है। हाइड्रोजन पेराक्साइड के उपचार से यह 'परबोरेट' (Na Bo3. 4H2O) बनता है जिसका उपयोग विरंजक या आक्सीकारक के रूप में होता है। गरम करने से इसका कुछ जल निकल जाता है जिससे यह स्वच्छ काँच सा पदार्थ बन जाता है। पिघला हुआ सुहागा धातुओं के अनेक आक्साइडों से मिलकर बोरन काँच बनाता है जिसके विशिष्ट रंग होते हैं। इनका उपयोग रसायन विश्लेषण में होता है।

सुहागा बहुत उपयोगी पदार्थ है। यह बहुत से डिटर्जेंट, सौन्दर्य प्रसाधनों आदि में प्रयुक्त होता है। जैवरसायन में यह बफर विलयन बनाने के काम आता है। यह अग्निरोधी के रूप में, फफूँदनाशी के रूप में, कीटनाशक के रूप में और धातुकर्म में फ्लक्स (flux) के रूप में, व्यंजनों में रंजक के रूप में, तथा टांकण के अन्य यौगिकों के निर्माण के लिये प्रयोग किया जाता है।

यह छींट छापने, सोना गलाने तथा ओषधि के काम में आता है। इसे घाव पर छिड़कने से घाव भर जाता है। मीना इसी का किया जाता है और चीनी के बर्तनों पर इसी से चमक दी जाती है। वैद्यक के अनुसार यह कटु, उष्ण तथा कफ, विष, खाँसी और श्वास को हरनेवाला है।

सुहागा का उपयोग धातुक्रम में आक्साइड धातु मलों के निकालने, धातुओं पर टाँका देने या संधान में, धातुओं के पहचानने, पानी के मृदु बनाने और रंगीन चमकीले ग्लेज तैयार करने में होता है। काँच और लोहे के पात्रों पर इसका इनेमल भी चढ़ाया जाता है। इससे महत्व का, औषधियों में उपयुक्त होने वाला कीटाणुनाशक बोरिक अम्ल प्राप्त होता है। उर्वरक के रूप में भी सुहागे का उपयोग अब होने लगा है यद्यपि अधिक मात्रा में इसका उपयोग कुछ फसलों के लिए विषैला भी हो सकता है।

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