क्रिस्टल





रसायन शास्त्र, खनिज शास्त्र एवं पदार्थ विज्ञान में क्रिस्टल उन ठोसों को कहते हैं जिनके अणु, परमाणु या आयन, एक व्यवस्थित क्रम में लगे होते हैं तथा यही क्रम सभी तरफ दोहराया जाता है। प्रतिदिन के प्रयोग के अधिकतर पदार्थ बहुक्रिस्टलीय (पॉलीक्रिटलाइन) होते हैं।
क्रिस्टलों तथा क्रिस्टल निर्माण के वैज्ञानिक अध्ययन को क्रिस्टलकी (crystallography) कहते हैं। क्रिस्टल बनने की प्रक्रिया को क्रिस्टलन या क्रिस्टलीकरण (crystallization या solidification) कहते हैं।[1]
क्रिस्टल की संरचना:
[संपादित करें]क्रिस्टल की मूलभूत इकाई इकाई सेल (Unit Cell) होती है, जो एक छोटा घन, षट्कोण, या अन्य ज्यामितीय आकार हो सकता है। इन सेलों की पुनरावृत्ति से क्रिस्टल का जालक (Lattice) बनता है। उदाहरण के लिए, साधारण नमक (सोडियम क्लोराइड) में Na⁺ और Cl⁻ आयन एक घनाकार जालक में व्यवस्थित होते हैं।
- एकक्रिस्टल vs बहुक्रिस्टल:
- एकक्रिस्टल (Monocrystalline): सम्पूर्ण संरचना एक ही जालक से निर्मित (जैसे हीरा, क्वार्ट्ज)।
- बहुक्रिस्टल (Polycrystalline): छोटे क्रिस्टलों के समूह (जैसे धातुएँ, मिट्टी के बर्तन)।
क्रिस्टलों का व्यावहारिक उपयोग: विज्ञान से जीवन तक
[संपादित करें]- इलेक्ट्रॉनिक्स: सिलिकॉन क्रिस्टल्स ट्रांजिस्टर, सोलर सेल, और कंप्यूटर चिप्स का आधार।
- चिकित्सा: एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी से प्रोटीन संरचना का विश्लेषण, दवा अनुसंधान।
- ऊर्जा: क्वार्ट्ज क्रिस्टल्स घड़ियों और सेंसरों में पाएज़ोइलेक्ट्रिक प्रभाव के लिए उपयोगी।
- आभूषण: हीरा, एमेथिस्ट, और नीलम जैसे रत्न सौंदर्य और निवेश का प्रतीक।
क्रिस्टलकी (Crystallography): क्रिस्टलों का विज्ञान
[संपादित करें]क्रिस्टलकी वह शास्त्र है जो क्रिस्टलों की आंतरिक संरचना, उनके गुणों, और निर्माण प्रक्रिया का अध्ययन करता है। 20वीं शताब्दी में एक्स-रे विवर्तन (X-ray Diffraction) तकनीक के विकास के बाद यह विज्ञान क्रांतिकारी बना। इसी तकनीक से डीएनए की द्वि-कुंडलिनी संरचना की खोज हुई!
- 7 क्रिस्टल तंत्र (Crystal Systems):
- घनाकार (Cubic) – हीरा, नमक।
- चतुष्कोणीय (Tetragonal) – ज़िरकॉन।
- षट्कोणीय (Hexagonal) – बर्फ, एमेथिस्ट।
- त्रिनताक्ष (Trigonal) – क्वार्ट्ज, रूबी।
- समचतुर्भुजी (Orthorhombic) – टोपाज़।
- एकनताक्ष (Monoclinic) – जिप्सम।
- त्रिनताक्ष (Triclinic) – टर्कोइज।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Microcrystaline and Nanocrystalline Semiconductors - 2000 Archived 2017-03-12 at the वेबैक मशीन," Volume 638, Materials Research Society symposia proceedings; J. M. Buriak, L. T. Canham, P. M. Fauchet, B. E. White, Jr, N. Koshida; Materials Research Society, 2001
बाहरी संबंध
[संपादित करें]- क्रिस्टल हीलिंग गाइड: क्रिस्टल कैसे काम करते हैं और उनके लाभ [Trendza]
- What Are Crystals? A Beginner’s Guide to Their Magic [Prabhu Ke Dwar]
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