सरस्वती वंदना मंत्र
पठन सेटिंग्स
सरस्वती वंदना मंत्र एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण हिंदू मंत्र है जिसका पठन विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
मां सरस्वती को विद्या और कला की देवी माना जाता है। भारत में संगीतकारों से लेकर वैज्ञानिकों तक हर कोई ज्ञान-प्राप्ति और मार्गदर्शन के लिए मां सरस्वती देवी से पूजा-प्रार्थना करता है। मां सरस्वती के भक्तगण सौभाग्य-प्राप्ति के लिए हर सुबह सरस्वती वंदना मंत्र का पठन करते हैं। सरस्वती वंदना नियमित पूजा श्लोक का हिस्सा है और सरस्वती मंत्र सरस्वती सूक्त 'ऋग्वेद' में है जो की पूरी तरह से अलग है।
मंत्र
[संपादित करें]- या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
- या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
- या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
- सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
- अर्थ : जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें।
अन्य मन्त्र
[संपादित करें]- शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्।
- वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
- हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्।
- वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
- अर्थ : जिनका रूप श्वेत है, जो ब्रह्मविचार की परम तत्व हैं, जो सब संसार में फैले रही हैं, जो हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किये रहती हैं, अभय देती हैं, मूर्खतारूपी अन्धकार को दूर करती हैं, हाथ में स्फटिकमणि की माला लिए रहती हैं, कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और बुद्धि देनेवाली हैं, उन आद्या परमेश्वरी भगवती सरस्वती की मैं वन्दना करता हूँ ।
- सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी
- विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा॥
- ' हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूँ।
- मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूँ , मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले।
- या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥