सदस्य:Amanswami786/पंजाबी संस्कृति

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                                               पंजाबी संस्कृति

पंजाबी संस्कृति, अधिकांश दुनिया के अन्य संस्कृतियों की तरह, बोलि जाने वाली भाषा,साहित्य लिखा, भोजन, विज्ञान,प्रौदयोगित,सैन्य युद्ध,वास्तुकला, परंपराओं,मल्यों और पंजाबी लोगों के इतिहास शामिल हैं। 'पंजाबी' शब्द का दो अर्थ हो सकता है, एक जो लोग पंजाबी बोलतें हैं और दूसरा जो लोग पंजाब में रेहतें हैं। यह नाम फरसी भाषा 'पंज' (पाँच) और 'एबी' (नदी) से निकलती हैं। एक साथ संयुक्त शब्द बन जाता हैं पंजाब या पांच नदियों के पंजाब भूमि। सिंधुु नदी (यह ५ नदी प्रणाली का सबसे बड़ा नदी हैं) और दक्षिण में ५ अन्य नदियां, बाद में नीचे की ओर पंजाब घाटी में मिल जातें हैं। सभी नदियां हिमालय से प्रारंभ होकर वहाँ से बाहर बहती हैं। अन्य पांच नदियां इस प्रकार हैं झेलम नदी, चिनाब नदी, रावी नदी, ब्यास नदी और सतलुज नदी हैं।

गोल्देन तेम्प्ले

मध्यकालीन युग में,पंजाब की संस्कृति[संपादित करें]

पंजाब की संस्कृति, मध्य युग में अत्यंत विविध था जो एक व्यक्ति कि जाति, समुदाय, धर्म और गांव पर निर्भर था। संस्कृतियों की एक सरणी ऐतिहासिक दृष्टि से पाया जा सकता हैं। मुख्य संस्कृतियां जो उठी पंजाब में, मध्यकालीन युग के दौरान, इंडो-आर्यन प्रभुत्व का था, ब्रह्मण और खत्री, जो हिंदू धर्म का अभ्यस करतें थे, वे कभी पंजाब में रहने वाले एक समूह थे। वे वैदिक लोगों के वंशज थे जो भारत-युरोपिया भाषा और समाज एक भूमि के लिए जो द्रविड इतिहास पर हावी था। उनकी संसकृति उनके धार्मिक विश्वासों पर आधारित था जो आज पूरे उत्तर भारत में रहने वाले हिन्दुओं के लिए समान रूप में वर्णित किया जा सकता हैं। दूसरी सबसे मजबूत आकस्मिक पहचान जाट-गुर्जर संस्कृति थी, जो देशभक्ति, कृषि और पूर्वज पूजा पर आधारित थी, आधुनिक पंजाब में। पश्चिमी क्षेत्र के अधिकांश, गुर्जर के वंशज हैं, जबकी पूर्वी क्षेत्र जातीय जाट हैं। इस्लामी परंपरायें पंजाब के मुसलमान के जीवन में शामिल थें, इन लोगों को अक्सर एक साथ उनके जैसे अन्य लोगों से शादी होता था। सिख रीति-रिवाज़ संस्कृति पर हावी हैं और जो रीति-रिवाज़ सदियों पहले अभ्यास करतें थे, अभी भी दिखाई दे रहे हैं सभी जातियों और धार्मिक समूहों में, जो वहां रहते हैं।

२०वीं सदी में[संपादित करें]

२०वीं सदी में, अधिक संख्या में सिख, १६वीं सदी के सिख धर्म का अभ्यास कर रहें हैं। दुनिया भर में वितरित पंजाबियों की बड़ी संख्या के कारण, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान में, लोग तेजी से पंजाबि संस्कृति का सामना कर रहें और उससे प्रभावित होते जा रहें हैं। स्वाभाविक रूप से लोग एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं, वे जहाँ कहीं भी बसते और रहते हैं। पंजाबि संस्कृति की झलक, पंजाबि दर्शन, कविता, आध्यात्मिकता, शिक्षा,संगीत, भोजन, वास्तुकला से स्पष्ट दिख सकता है, उपरोक्त सभी देशों में।

पंजाब में आक्रमण[संपादित करें]

उसी प्रकार, प्र्वासियों का पंजाब में आना या पंजाब में आक्रमण यह सब आर्यों, यूनानियों, सिथियन्स द्वारा हुआ था जो पंजाब में रवी नदी तक पहुंच गए। अरबों, फारसियों, अफगान, मंगोल और फिर ब्रिटिश, विभिन्न आर्थिक कारणॊं के लिए पंजाब के उपजाऊ कृषि भूमि और जल संसाधनों की बहुतायत इन कारणॊं के लिए वे पंजाब में आयें। इन प्रवासी नागरिकोने पंजाब के लोगों को प्रभावित किया और बदले में पंजाब के प्रचलित संस्कृति से प्रभवित हुए। पंजाबी संस्कृति दुनिया के इतिहास में सबसे पुराना और सब्से अमीर संस्कृतियों में से एक हैं, और सबसे जीवंत में से एक हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

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  1. http://www.newkerala.com/states-of-india/punjab.php
  2. http://www.importantindia.com/7362/facts-about-punjab
  3. http://www.punjab-state.com