"आँख": अवतरणों में अंतर
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
[[चित्र:Schematic diagram of the human eye en.svg|right|thumb|मानव नेत्र का योजनात्मक आरेख]] |
[[चित्र:Schematic diagram of the human eye en.svg|right|thumb|मानव नेत्र का योजनात्मक आरेख]] |
||
'''आँख''' या '''नेत्र''' जीवधारियों का वह अंग है जो प्रकाश के प्रति संवेदनशील है। यह प्रकाश को संसूचित करके उसे तंत्रिका कोशिकाओ द्वारा विद्युत-रासायनिक संवेदों में बदल देता है। उच्चस्तरीय जन्तुओं की आँखें एक जटिल प्रकाशीय तंत्र की तरह होती हैं जो आसपास के वातावरण से प्रकाश एकत्र करता है; मध्यपट के द्वारा आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता का नियंत्रण करता है; इस प्रकाश को लेंसों की सहायता से सही स्थान पर केंद्रित करता है (जिससे [[प्रतिबिम्ब]] बनता है); इस प्रतिबिम्ब को विद्युत संकेतों में बदलता है; इन संकेतों को तंत्रिका कोशिकाओ के माध्यम से [[मस्तिष्क]] के पास भेजता है।आँखो का रंग और वर्णन |
'''आँख''' या '''नेत्र''' जीवधारियों का वह अंग है जो प्रकाश के प्रति संवेदनशील है। यह प्रकाश को संसूचित करके उसे तंत्रिका कोशिकाओ द्वारा विद्युत-रासायनिक संवेदों में बदल देता है। उच्चस्तरीय जन्तुओं की आँखें एक जटिल प्रकाशीय तंत्र की तरह होती हैं जो आसपास के वातावरण से प्रकाश एकत्र करता है; मध्यपट के द्वारा आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता का नियंत्रण करता है; इस प्रकाश को लेंसों की सहायता से सही स्थान पर केंद्रित करता है (जिससे [[प्रतिबिम्ब]] बनता है); इस प्रतिबिम्ब को विद्युत संकेतों में बदलता है; इन संकेतों को तंत्रिका कोशिकाओ के माध्यम से [[मस्तिष्क]] के पास भेजता है।आँखो का रंग और वर्णन |
||
आँखें काली, निली, भूरी, हरी और लाल रंग की हो सकती है। नेत्र यह तेजस्वी होते है। उन्हे कफ इन दोष से डर |
आँखें काली, निली, भूरी, हरी और लाल रंग की हो सकती है। नेत्र यह तेजस्वी होते है। उन्हे कफ इन दोष से डर रहता है। इस कारण आँखो में सात दिन में कम-से-कम एक बार अंजन करना चाहिए। |
||
नेत्र रोग :- आयुर्वेद में नेत्र के विविध रोगो का ( संख्या: ७६) वर्णन किया है। |
नेत्र रोग :- आयुर्वेद में नेत्र के विविध रोगो का ( संख्या: ७६) वर्णन किया है। |
10:59, 10 दिसम्बर 2020 का अवतरण
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (दिसम्बर 2020) स्रोत खोजें: "आँख" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
आँख या नेत्र जीवधारियों का वह अंग है जो प्रकाश के प्रति संवेदनशील है। यह प्रकाश को संसूचित करके उसे तंत्रिका कोशिकाओ द्वारा विद्युत-रासायनिक संवेदों में बदल देता है। उच्चस्तरीय जन्तुओं की आँखें एक जटिल प्रकाशीय तंत्र की तरह होती हैं जो आसपास के वातावरण से प्रकाश एकत्र करता है; मध्यपट के द्वारा आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता का नियंत्रण करता है; इस प्रकाश को लेंसों की सहायता से सही स्थान पर केंद्रित करता है (जिससे प्रतिबिम्ब बनता है); इस प्रतिबिम्ब को विद्युत संकेतों में बदलता है; इन संकेतों को तंत्रिका कोशिकाओ के माध्यम से मस्तिष्क के पास भेजता है।आँखो का रंग और वर्णन आँखें काली, निली, भूरी, हरी और लाल रंग की हो सकती है। नेत्र यह तेजस्वी होते है। उन्हे कफ इन दोष से डर रहता है। इस कारण आँखो में सात दिन में कम-से-कम एक बार अंजन करना चाहिए।
नेत्र रोग :- आयुर्वेद में नेत्र के विविध रोगो का ( संख्या: ७६) वर्णन किया है।
इसी प्रकार उसपर उत्तम चिकित्सा भी बचाई है। ( नेत्र तर्पण, सेक, इ.) संरचना
संरचना
आंखे के विभिन्न भाग इस प्रकार है-
- श्वेतपटल
- रक्तक
- दृष्टिपटल
- नेत्रश्लेष्मला (कंजंक्टिभा)
- स्वच्छमण्डल
- परितारिका
- पुतली
- पूर्वकाल कक्ष
- पश्च कक्ष
- नेत्रोद
- नेत्रकाचाभ द्रव
- रोमक पिंड
इन्हें भी देखें
- मानव नेत्र
- नेत्रविज्ञान (Ophthalmology)