"मंदसौर": अवतरणों में अंतर
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'''मंदसौर''' [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] [[प्रान्त]] में स्थित एक प्रमुख शहर है। मंद्सौर का प्राचिन नाम दशपुर था ! पुरातात्विक और ऐतिहासिक विरासत को संजोए उत्तरी मध्य प्रदेश का मंदसौर एक ऐतिहासिक जिला है। यह 5530 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। आजादी के पहले यह ग्वालियर रियासत का हिस्सा था। मंदसौर |
'''मंदसौर''' [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] [[प्रान्त]] में स्थित एक प्रमुख शहर है। मंद्सौर का प्राचिन नाम दशपुर था ! पुरातात्विक और ऐतिहासिक विरासत को संजोए उत्तरी मध्य प्रदेश का मंदसौर एक ऐतिहासिक जिला है। यह 5530 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। आजादी के पहले यह ग्वालियर रियासत का हिस्सा था। मंदसौर का [[कयामपुर]] गाँव खासा लोकप्रिय है। पशुपतिनाथ मंदिर, बाही पारसनाथ जैन मंदिर और गांधी सागर बांध यहां के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। इस जिले में अफीम का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। मंदसौर राजस्थान के चित्तौड़गढ़, कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़ और मध्य प्रदेश जावरा- रतलाम जिलों से घिरा हुआ है। |
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== प्रमुख आकर्षण == |
== प्रमुख आकर्षण == |
14:42, 29 अप्रैल 2020 का अवतरण
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मंदसौर | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | मध्य प्रदेश | ||||||
ज़िला | मंदसौर | ||||||
महापौर | मोहम्मद हनीफ शैख | ||||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: www.mandsaur.nic.in |
निर्देशांक: 24°02′N 75°05′E / 24.03°N 75.08°E
मंदसौर भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। मंद्सौर का प्राचिन नाम दशपुर था ! पुरातात्विक और ऐतिहासिक विरासत को संजोए उत्तरी मध्य प्रदेश का मंदसौर एक ऐतिहासिक जिला है। यह 5530 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। आजादी के पहले यह ग्वालियर रियासत का हिस्सा था। मंदसौर का कयामपुर गाँव खासा लोकप्रिय है। पशुपतिनाथ मंदिर, बाही पारसनाथ जैन मंदिर और गांधी सागर बांध यहां के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। इस जिले में अफीम का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। मंदसौर राजस्थान के चित्तौड़गढ़, कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़ और मध्य प्रदेश जावरा- रतलाम जिलों से घिरा हुआ है।
प्रमुख आकर्षण
पशुपतिनाथ मंदिर
यह मंदिर मंदसौर जिले का प्रमुख आकर्षण है। संभवतः पूरे विश्व की एकमात्र अष्टमुखी भगवान शिव की प्रतिमा वाला पशुपतिनाथ मंदिर शिवना नदी के तट पर स्थित है। चारों दिशाओं में मंदिर के दरवाजे हैं, प्रवेश द्वार केवल पश्चिम दिशा में ही खुलता है। मंदिर में 7.5 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है। प्रतिमा के ऊपर के चार मुख शिव के बाल्यकाल, युवावस्था, अधेडवस्था, वृधावस्था को प्रदर्शित करते है! भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। हर साल श्रावण मास में मंदिर परिसर में मनोकामना अभिषेक होता है! जो सम्पूर्ण भारत के किसी भी शिव मंदिर में नहीं होता है!ऐसा माना जाता है कि भगवान पशुपतिनाथ की यह मूर्ति शिवना नदी से ही निकली है ।
श्री वही तीर्थ
वही स्थित इस तीर्थस्थल की स्थापना राजा संप्रति ने की थी। यहां भगवान वही पार्श्वनाथ की काले रंग की प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में विराजमान है। मूर्ति के स्थित पास बाघ की आकृति बेहद खूबसूरत प्रतीत होती है। श्री वही पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन तीर्थ नामक ट्रस्ट इस मंदिर को संचालित करता है। मंदिर मंदसौर से 16 किलोमीटर की दूरी पर है।
धर्म राजेश्वर
धर्म राजेश्वर मंदसौर से १०६ कि॰मी॰ पर शामगढ़ तहसील में चंदवासा ग्राम के निकट स्थीत है !
कुकड़ेश्वर
जैन तीर्थस्थल के रूप में विख्यात यह पवित्र गांव मंदसौर से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां के मंदिर राज्य के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में एक माने जाते हैं। श्री कुकादेशर तीर्थ यहां का 1050 साल पुराना जैन मंदिर है। मध्य प्रदेश का नीमच जिला इस स्थान से करीब 40 किलोमीटर दूर है।
भानपुरा
यह स्थान मंदसौर से 127 किलोमीटर दूर है। यहां शासन करने वाले राजा भामन के नाम पर इस स्थान का नाम भानपुरा पड़ा। यहां बना एक संग्रहालय मुख्य दर्शनीय स्थल है। संग्रहालय में कला की अनेक दुर्लभ वस्तुओं को संग्रह देखा जा सकता है। उमा महेश्वर, कार्तिकेय, विष्णु और नंदी की आकर्षक तस्वीरों को भी यहां देखा जा सकता है।
गांधी सागर बांध
चंबल नदी पर बना यह बांध जिला मुख्यालय से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 7 मार्च 1954 को प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस बांध की नींव डाली थी। इस बांध और यहां के पावर स्टेशन को बनवाने की कुल लागत 18 करोड़ 40 लाख थी। यह बांध 65 मीटर लंबा और 56 मीटर चौड़ा है। यहां के पावर स्टेशन में 23 मेगावाट के 5 टरबाइन हैं और इनकी कुल क्षमता 115 मेगावाट है।
पारासली
मंदसौर जिले का यह गांव मंदसौर से 90 किलोमीटर दूर है। जैन तीर्थ केन्द्र के रूप में विख्यात इस गांव में राज्य के कुछ लोकप्रिय मंदिर देखे जा सकते हैं। श्री पारासली तीर्थ और श्री नागेश्वर तीर्थ यहां के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। गांधी सागर बांध और गांधी सागर अभयारण्य यहां से पहुंचा जा सकता है।
आवागमन
- वायु मार्ग
इंदौर का देवी देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट मंदसौर का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़ा है। इंदौर मंदसौर से 210 किलोमीटर दूर है। उदयपुर एयरपोर्ट से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग
मंदसौर रेलवे स्टेशन अजमेर-रतलाम बड़ी लाइन पर स्तिथ है! यहाँ के लिए दिल्ली, अजमेर, जयपुर, मुंबई, उदयपुर, इंदौर, भोपाल, उज्जैन,हैदराबाद, कोल्कता, कोटा से नियमित ट्रेन उपलब्ध है! जिले का प्रमुख क़स्बा शामगढ़ दिल्ली-मुंबई रेललाइन से जुड़ा है। इस रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनें यहाँ भी रूकती हैं।
- सड़क मार्ग
मंदसौर देश के अनेक हिस्सों से राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से जुड़ा है। दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसें चलती हैं।
इन्हें भी देखें
[1]== सन्दर्भ ==
- ↑ Editorial Team Naidunia, Editorial Team. http://naidunia.jagran.com/madhya-pradesh/mandsaur-mandsaur-prahalad-bandhwar-napa-election-chairman-614095. गायब अथवा खाली
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(मदद)
- इस लेख की सामग्री सम्मिलित हुई है ब्रिटैनिका विश्वकोष एकादशवें संस्करण से, एक प्रकाशन, जो कि जन सामान्य हेतु प्रदर्शित है।.
बाहरी कड़ियाँ
विकियात्रा पर Mandsaur के लिए यात्रा गाइड