"शलाकापुरुष": अवतरणों में अंतर
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[[जैन धर्म]] में ६३ शलाकापुरुष हुए है। यह है – चौबीस [[तीर्थंकर]], बारह [[चक्रवर्ती]], नौ [[बलभद्र]], नौ [[वासुदेव]] और नौ [[प्रति वासुदेव]]। इन ६३ महापुरुष जिन्हें त्रिषष्टिशलाकापुरुष भी कहते हैं के जीवन चरित्र दूसरों के लिए प्रेरणादायी होते है। |
[[जैन धर्म]] में ६३ शलाकापुरुष हुए है। यह है – चौबीस [[तीर्थंकर]], बारह [[चक्रवर्ती]], नौ [[बलभद्र]], नौ [[वासुदेव]] और नौ [[प्रति वासुदेव]]। इन ६३ महापुरुष जिन्हें त्रिषष्टिशलाकापुरुष भी कहते हैं के जीवन चरित्र दूसरों के लिए प्रेरणादायी होते है।६३ शलाकापुरुष के नाम अग्रलिखित है। |
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== तीर्थंकरो के नाम == |
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09:42, 21 जून 2019 का अवतरण
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जैन धर्म में ६३ शलाकापुरुष हुए है। यह है – चौबीस तीर्थंकर, बारह चक्रवर्ती, नौ बलभद्र, नौ वासुदेव और नौ प्रति वासुदेव। इन ६३ महापुरुष जिन्हें त्रिषष्टिशलाकापुरुष भी कहते हैं के जीवन चरित्र दूसरों के लिए प्रेरणादायी होते है।६३ शलाकापुरुष के नाम अग्रलिखित है।
तीर्थंकरो के नाम
1 ऋषभदेव
2 अजितनाथ
3 सम्भवनाथ
10 शीतलनाथ जी
11 श्रेयांसनाथ
12 वासुपूज्य जी
13 विमलनाथ जी
14 अनंतनाथ जी
15 धर्मनाथ जी
16 शांतिनाथ
17 कुंथुनाथ
18 अरनाथ जी
19 मल्लिनाथ जी
21 नमिनाथ जी
23 पार्श्वनाथ
सन्दर्भ
- गुणभद्र, आचार्य; जैन, साहित्याचार्य डॉ पन्नालाल (2015), उत्तरपुराण, भारतीय ज्ञानपीठ, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-263-1738-7