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"शूद्र": अवतरणों में अंतर

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शिव पुराण
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[[भीमराव आम्बेडकर|बी आर अम्बेडकर]]<ref>{{cite book|last1=Dr. B.R. Ambedkar|first1=|title=Who were the Shudras?|date=1949|publisher=Thackers|location=Bombay}}</ref><ref>{{citation|last1=Karmarkar|first1=A.P.|title=Review: Who were the Shudras? by Bhimrao Ramji Ambedkar|date=1946|journal=Annals of the Bhandarkar Oriental Research Institute |volume=30 |issue=1-2 |pages=158–160 |jstor=41784527}}</ref> द्वारा लिखित पुस्तक '''''हु वज़ द शूद्रस?''''' में [[ऋग्वेद]], [[महाभारत]] और अन्य [[वैदिक धर्म|प्राचीन वैदिक धर्मग्रंथों]] का हवाला देते हुए वे कहते हैं कि शूद्र मूल रूप से [[आर्य]] थे।<ref>http://www.ambedkar.org/ambcd/38A.%20Who%20were%20the%20Shudras%20Preface.htm#PRE</ref><ref>http://www.ambedkar.org/ambcd/38C2.%20Who%20were%20the%20Shudras%20PART%20II.htm#a11</ref> अंबेडकर आर्यन जाति के सिद्धांत पर भी चर्चा करते हैं और अपनी पुस्तक में [[आर्य प्रवास सिद्धान्त|इंडो-आर्यन प्रवासन सिद्धांत]] को खारिज करते हैं।<ref name="Bryant, Edwin 2001. pp. 50-51">Bryant, Edwin (2001). ''The Quest for the Origins of Vedic Culture'', Oxford: Oxford University Press. pp. 50–51. {{ISBN|9780195169478}}</ref><ref>http://www.ambedkar.org/ambcd/38B2.%20Who%20were%20the%20Shudras%20PART%20I.htm#a04</ref>
[[भीमराव आम्बेडकर|बी आर अम्बेडकर]]<ref>{{cite book|last1=Dr. B.R. Ambedkar|first1=|title=Who were the Shudras?|date=1949|publisher=Thackers|location=Bombay}}</ref><ref>{{citation|last1=Karmarkar|first1=A.P.|title=Review: Who were the Shudras? by Bhimrao Ramji Ambedkar|date=1946|journal=Annals of the Bhandarkar Oriental Research Institute |volume=30 |issue=1-2 |pages=158–160 |jstor=41784527}}</ref> द्वारा लिखित पुस्तक '''''हु वज़ द शूद्रस?''''' में [[ऋग्वेद]], [[महाभारत]] और अन्य [[वैदिक धर्म|प्राचीन वैदिक धर्मग्रंथों]] का हवाला देते हुए वे कहते हैं कि शूद्र मूल रूप से [[आर्य]] थे।<ref>http://www.ambedkar.org/ambcd/38A.%20Who%20were%20the%20Shudras%20Preface.htm#PRE</ref><ref>http://www.ambedkar.org/ambcd/38C2.%20Who%20were%20the%20Shudras%20PART%20II.htm#a11</ref> अंबेडकर आर्यन जाति के सिद्धांत पर भी चर्चा करते हैं और अपनी पुस्तक में [[आर्य प्रवास सिद्धान्त|इंडो-आर्यन प्रवासन सिद्धांत]] को खारिज करते हैं।<ref name="Bryant, Edwin 2001. pp. 50-51">Bryant, Edwin (2001). ''The Quest for the Origins of Vedic Culture'', Oxford: Oxford University Press. pp. 50–51. {{ISBN|9780195169478}}</ref><ref>http://www.ambedkar.org/ambcd/38B2.%20Who%20were%20the%20Shudras%20PART%20I.htm#a04</ref>

शूद्र वास्तव में रूद्र और, छुद्र का ही विक्रत रूप है, शिव शंकर रूद्र है और सभी सभी देव, भूत, प्रेत, मानव उनकी संतती है, शिव को शूद्र रूप अति प्रिय है इसलिए शूद्र रूद्र का अंश है, जिन्हे वास्तविक ज्ञान नही है वहीं इनसे नफरत करते है, शरीर नश्वर है, आत्मा अमर और सर्वत्रिक है वहीं शिव है जो सबमे समाया है, और रूद्र शूद्र उसी का अंश है अतः शूद्र को गर्व महशूश करना चाहिए वे रूद्र वंश से आते है।

शिव +रूद्र =शूद्र

शिव,गणेश, हनुमान, भैरव नाथ ये सभी रूद्र या शूद्र रूप ही है।

शिवोहम

शिवोहम, शिवोहम

शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम।

शिव पुराण के अनुसार शिव सृष्टि के आदि देव है।

By शिवदयाल शास्त्री


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==

03:34, 3 मई 2024 का अवतरण

शूद्र भारत में हिन्दू वर्ण व्यवस्था के चार वर्णों में से एक है। शूद्र वर्ण की सनातन धर्म में विभिन्न कालखण्दों में क्या स्थिति थी, इस पर बहुत मतभेद है।

बी आर अम्बेडकर[1][2] द्वारा लिखित पुस्तक हु वज़ द शूद्रस? में ऋग्वेद, महाभारत और अन्य प्राचीन वैदिक धर्मग्रंथों का हवाला देते हुए वे कहते हैं कि शूद्र मूल रूप से आर्य थे।[3][4] अंबेडकर आर्यन जाति के सिद्धांत पर भी चर्चा करते हैं और अपनी पुस्तक में इंडो-आर्यन प्रवासन सिद्धांत को खारिज करते हैं।[5][6]

शूद्र वास्तव में रूद्र और, छुद्र का ही विक्रत रूप है, शिव शंकर रूद्र है और सभी सभी देव, भूत, प्रेत, मानव उनकी संतती है, शिव को शूद्र रूप अति प्रिय है इसलिए शूद्र रूद्र का अंश है, जिन्हे वास्तविक ज्ञान नही है वहीं इनसे नफरत करते है, शरीर नश्वर है, आत्मा अमर और सर्वत्रिक है वहीं शिव है जो सबमे समाया है, और रूद्र शूद्र उसी का अंश है अतः शूद्र को गर्व महशूश करना चाहिए वे रूद्र वंश से आते है।

शिव +रूद्र =शूद्र

शिव,गणेश, हनुमान, भैरव नाथ ये सभी रूद्र या शूद्र रूप ही है।

शिवोहम

शिवोहम, शिवोहम

शिवोहम, शिवोहम, शिवोहम।

शिव पुराण के अनुसार शिव सृष्टि के आदि देव है।

By शिवदयाल शास्त्री

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. Dr. B.R. Ambedkar (1949). Who were the Shudras?. Bombay: Thackers.
  2. Karmarkar, A.P. (1946), "Review: Who were the Shudras? by Bhimrao Ramji Ambedkar", Annals of the Bhandarkar Oriental Research Institute, 30 (1–2): 158–160, JSTOR 41784527
  3. http://www.ambedkar.org/ambcd/38A.%20Who%20were%20the%20Shudras%20Preface.htm#PRE
  4. http://www.ambedkar.org/ambcd/38C2.%20Who%20were%20the%20Shudras%20PART%20II.htm#a11
  5. Bryant, Edwin (2001). The Quest for the Origins of Vedic Culture, Oxford: Oxford University Press. pp. 50–51. ISBN 9780195169478
  6. http://www.ambedkar.org/ambcd/38B2.%20Who%20were%20the%20Shudras%20PART%20I.htm#a04