"पहला जौहर करने वाली रानी बाई": अवतरणों में अंतर

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रानी बाई सिंध के शासक दाहिर की पत्नी थी .वह भारतवर्ष के इतिहास में जौहर करने वाली प्रथम रानी थी .
 
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रानी बाई सिंध के राजा दाहिर की पत्नी थी .इस्लामिक खलीफाओं ने सिन्ध फतह के लिए कई अभियान चलाए। सिन्ध पर ईस्वी सन् 638 से 711 ई तक कई आक्रमण किये गये .ज 712 ई० में इराकी अरब शासक अल हज्जाज के भतीजे एवं दामाद मुहम्मद बिन कासिम ने 17 वर्ष की अवस्था में सिन्ध और बलूचिस्तान पर हमला किया ।. 10 हजार सैनिकों का एक दल ऊंट-घोड़ों के साथ सिन्ध पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया। सिंध पर ब्राह्मण वंश के राजा चच के पुत्र राजा दाहिर का शासन था .मुहम्मद बिन कासिम से पूर्व खलीफा उमर के समय से ही अरबों के हमले होते रहे थे .मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में अरबों ने अब तक का सबसे भीषण हमला किया था .इस युद्ध में दाहिर के वीरगति प्राप्त करने का समाचार जब रानी बाई को मिला तो उसने दासियों के साथ किले के भीतर ही चिता में कूदकर प्राण दे दिए .यह भारतवर्ष के इतिहास में किसी हिन्दू रानी द्वारा किया गया पहला जौहर था .दाहिर की दूसरी रानी सुह्न्दी और उसकी पुत्री झरोखे से कूद गयी .वे अरबों के हाथ पड गयी . का सफल नेतृत्व किया।
रानी बाई सिंध के राजा दाहिर की पत्नी थी .इस्लामिक खलीफाओं ने सिन्ध फतह के लिए कई अभियान चलाए। सिन्ध पर ईस्वी सन् 638 से 711 ई तक कई आक्रमण किये गये .ज 712 ई० में इराकी अरब शासक अल हज्जाज के भतीजे एवं दामाद मुहम्मद बिन कासिम ने 17 वर्ष की अवस्था में सिन्ध और बलूचिस्तान पर हमला किया ।. 10 हजार सैनिकों का एक दल ऊंट-घोड़ों के साथ सिन्ध पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया। सिंध पर ब्राह्मण वंश के राजा चच के पुत्र राजा दाहिर का शासन था .मुहम्मद बिन कासिम से पूर्व खलीफा उमर के समय से ही अरबों के हमले होते रहे थे .मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में अरबों ने अब तक का सबसे भीषण हमला किया था .इस युद्ध में दाहिर के वीरगति प्राप्त करने का समाचार जब रानी बाई को मिला तो उसने दासियों के साथ किले के भीतर ही चिता में कूदकर प्राण दे दिए .यह भारतवर्ष के इतिहास में किसी हिन्दू रानी द्वारा किया गया पहला जौहर था .दाहिर की दूसरी रानी सुह्न्दी और उसकी पुत्री झरोखे से कूद गयी .वे अरबों के हाथ पड गयी . का सफल नेतृत्व किया।

16:09, 1 अगस्त 2023 का अवतरण

रानी बाई सिंध के राजा दाहिर की पत्नी थी .इस्लामिक खलीफाओं ने सिन्ध फतह के लिए कई अभियान चलाए। सिन्ध पर ईस्वी सन् 638 से 711 ई तक कई आक्रमण किये गये .ज 712 ई० में इराकी अरब शासक अल हज्जाज के भतीजे एवं दामाद मुहम्मद बिन कासिम ने 17 वर्ष की अवस्था में सिन्ध और बलूचिस्तान पर हमला किया ।. 10 हजार सैनिकों का एक दल ऊंट-घोड़ों के साथ सिन्ध पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया। सिंध पर ब्राह्मण वंश के राजा चच के पुत्र राजा दाहिर का शासन था .मुहम्मद बिन कासिम से पूर्व खलीफा उमर के समय से ही अरबों के हमले होते रहे थे .मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में अरबों ने अब तक का सबसे भीषण हमला किया था .इस युद्ध में दाहिर के वीरगति प्राप्त करने का समाचार जब रानी बाई को मिला तो उसने दासियों के साथ किले के भीतर ही चिता में कूदकर प्राण दे दिए .यह भारतवर्ष के इतिहास में किसी हिन्दू रानी द्वारा किया गया पहला जौहर था .दाहिर की दूसरी रानी सुह्न्दी और उसकी पुत्री झरोखे से कूद गयी .वे अरबों के हाथ पड गयी . का सफल नेतृत्व किया।