वार्ता:राजस्थान
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कवि रसखान
[संपादित करें]रसखान का जन्म सन 1548 में हुआ माना जाता है| उनका मूल नाम सैयद इब्राहिम था | वे दिल्ली के आस पास के रहने वाले थे| कृष्णभक्ति ने उन्हें ऐसा मुग्ध कर दिया कि गोस्वामी विट्ठलनाथ से दिक्षा ली और ब्रजभूमि में जा बसे| सन 1628 के लगभग उनकी मृत्यु हो गई| सुजान रसखान और प्रेम वाटिका उनकी प्रमुख उपलब्ध कृतियाँ हैँ| रसखान रचनावली के नाम से उनकी रचनाओँ का संग्रह मिलता हैँ|
राजपुताना से राजस्थान
[संपादित करें]सारे विश्व मे ऐसा कोई प्रदेश नही है जो राजस्थान से शुरवीरता मे मुकाबला कर सके। इसका श्रेय यहा के वीर राजपूतो को जाता है। इसका नाम राजपुजताना इसीलिये रखा गया था। एक भारत के लिये राजपूत राजाओ ने अपने रजवाडे त्याग कर दान दिये और राजपुताना राजस्थान बन गया। वीरता से भरपूर इतिहास के साथ राजस्थान आज भी गर्व से उन गाथाओ को लोकगीतो द्वारा सुनाता है। कला प्रेमियो के लिये और विदेशी पर्यटको के लिये राजस्थान सबसे उपयुक्त प्रान्त है।--Tripal Singh Chauhan (वार्ता) 16:51, 13 जनवरी 2016 (UTC)
कला से भरपूर
[संपादित करें]राजस्थान भारत का सबसे बडा राज्य है और यहा पर लोग भाईचारे की भावना से रहते है। राजस्थान कला का भन्डार है। राजधानी जयपुर कला प्रेमियो के लिये हमेशा आकर्षण क शहर रहता है।--Lokeshpincha.h (वार्ता) 16:41, 13 जनवरी 2016 (UTC)
Indea hestri 2409:4055:2E91:4326:2090:AB82:73D7:1F64 (वार्ता) 02:21, 23 मई 2024 (UTC)