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वार्ता:कुरुक्षेत्र युद्ध

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Latest comment: 10 वर्ष पहले by AbHiSHARMA143 in topic समयांकन

यह पृष्ठ कुरुक्षेत्र युद्ध लेख के सुधार पर चर्चा करने के लिए वार्ता पन्ना है। यदि आप अपने संदेश पर जल्दी सबका ध्यान चाहते हैं, तो यहाँ संदेश लिखने के बाद चौपाल पर भी सूचना छोड़ दें।

लेखन संबंधी नीतियाँ

कुछ सुझाव

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  • लेख में दिनों के क्रमवार ब्यौरा चाहे ३-४ वाक्य प्रतिदिन (सेनापतियों, प्रमुख हताहतोंआदि के नाम, प्रमुख घटनाओं का उल्लेख) हों तो बेहतर होगा।
  • अंत में एक शीर्षक युद्ध के परिणाम, नाम से हो तो अच्छा रहेगा।
  • सेनाओं व सहायक साथियों का वर्णन
  • युद्ध टालने का श्रीकृष्ण द्वारा किये गये अंतिम प्रयास का वर्णन
  • संभव हो तो व्यूह रचना वर्णन (प्रमुख)
  • अभिमन्यु, कर्ण, जयद्रथ, दुःशासन एवं दुर्योधन के वध पर विशेष ध्यान
इन सब बिन्दुओं का कुछ ध्यान रखा जाये तो और अच्छा रहेगा। कुछ पाठ मात्रा तो वर्तमाण पाटः में से ही इन शीर्षकों को मिल जाएगी।

--प्र:आशीष भटनागर  वार्ता  १६:४१, १३ अप्रैल २०१० (UTC)


कुरुक्षेत्र युद्ध लेख की श्रेनियो में कर्ण

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म्युर जी आप ने यह लेख बहुत अच्छा बनाया है,प्र्न्तु एक चीज गलत डाली,आप्ने कर्ण को श्रेनी २ के योद्धाओ मे डाला,जबकि वो अर्जुन के बराबर का था यह पूरा विश्व जानता है,इतना अच्छा लेख बन्नए के बाद भी आप्से य्ह गलती करने की उम्मीद न थी,आशा है कि आप इसे जल्द ही सुधरेगे,please donot get biased for arjuna,your article is wonderful and excellent except this biggest mistake for keeping karna in 2nd category,please change this--122.160.178.38 २२:५१, १९ अप्रैल २०१० (UTC)


हाँ,अब बात करते है आपकी समस्या की,देखिये विकिपिडिया भावनाओ से ज्यादा विश्वसनीय संदर्भो पर टिका है,मैने उस श्रेणि को इस लिये डाला जिससे कोई भी महाभारत कालीन योद्धाओं मे से सबसे अच्छे योद्धाओ को जान पाये।इतने सारे जनपदो और योद्धाओ की सूची मे यह नहीं पता लगता कि कौन शेर,कौन हाथी और कौन बाघ और कौन गेण्डा।अतः एक सुची जनपदो और योद्धाओ की योग्यताओ के आधार पर दी गयी,तथा इसमे पक्षपात न हो इसके लिये मैने अपना दिमाग न लगाते हुए महाभारत के भीष्म पर्व मे स्वयं भीष्म द्वारा उच्च श्रेणि के योद्धाओ की सूचि से संदर्भ लिया।

आपने लगता है कि शायद कभी महाभारत नही पढी और कर्ण के बारे मे आपकी सुचना बी आर चोपड़ा की महाभारत देखकर बनायी गयी लगती है,कृप्या महाभारत ग्रंथ से कोई संद‍र्भ लाये,जो कर्ण को अर्जुन की श्रेणि मे रखता हों,मै आपकी कुछ मदद अवश्य कर सकता हुँ

१)कर्ण विराट युद्ध मे अर्जुन से हारा थ
२)द्रुपद से भी हार गया था(जब द्रोण ने कौरवों को गुरु दक्षिणा मे द्रुपद को जीतकर लाने को कहा
३)कर्ण भीम और सात्यकि से कई बार हारा था
४)अभिमन्यु से भी हारा था

श्रेणि १ मे उन योद्धो को रखा गय है जो ,कभी किसे से नहीं हारे या बहुत ही कम बार हारे--Mayur २३:२१, १९ अप्रैल २०१० (UTC)

समा करना मैने इस वार्त को यंहा नीचे transfer कर दिया, कर्ण अर्जुन के बराबर का योद्धा था यह बात अनेक सास्त्रो में कही ग्यी है व जगत प्रसिद्ध है, आप यहा अप्नी सोच ही लगा रहे है, कर्ण के हाथो अर्जुन महाभारत युद मे सिर्फ् सुर्यास्त मी वजह से बच गया था, मतलब कि अर्जुन हारा था उस दिन्,अत अर्जुन को भी द्वितिय श्रेनी में रके या फिर करण को पहली श्रेनि में--सुलोचना २१:००, १५ मई २०१० (UTC)

यह सुर्यास्त वाली कहानी सिर्फ बी र चोपड़ा ने दिखायी थी ,अन्यथा महाभारत में यह कथा नहीं आती।--मयुर बंसल वार्ता १०:०२, १६ मई २०१० (UTC)

पुनरीक्षित

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मयूर जी द्वारा रचित इस लेख के अधुनावधि संस्करण का पुनरीक्षण मैंने कर लिया है, संभवतः सारे साँचे भी। तथा आवश्यक सुधार कर दिये हैं। यदि कुछ छूट गया हो तो विज्ञ पाठक ध्यान दिला दें। - धन्यवाद । -Hemant wikikosh ०८:३५, १४ जून २०१० (UTC)

सापेक्ष

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  • इस युद्ध के बाद युधिष्ठिर के राज्य-अभिषेक के साथ धरती पर धर्म के राज्य की स्थापना हुई।
यह वाक्य सापेक्ष है एवं संदर्भो का अभाव है । इस वाक्यकी विश्वकोशीय उल्लेखनीयता की जांच होनी आवश्यक है। 219.64.202.149 ०९:४८, ९ अगस्त २०१० (UTC)

समयांकन

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http://vaigyanik-bharat.blogspot.in/2010/06/blog-post_5312.html के अनुसार कलियुग का आरंभ भारतीय गणना में ईसा से 3102 वर्ष पूर्व 20 फरवरी को 2 बजकर 27 मिनट तथा 30 सेकेंड पर हुआ था। भागवत आदि पुराणों में लिखा है कि महाभारत युद्ध हुआ उसके पश्चात जब कृष्ण का गोलोक गमन हुआ तब कलयुग का प्रादुर्भाव हुआ। और मोहन जोदाड़ो में भी एक बालक तथा दो वृक्ष का चित्र है जिससे यह सिद्ध होता है कि इस लेख में लिखी बात कि यह युद्ध 3000 ई° पूर्व हुआ था, यह सत्य लगता है।

मोहन जोदाड़ो वाली जो टिप्पणी इस लेख के 'ऐतिहासिकता' नामक विषय में है उसमें कृपया ऊपर बताया गया कलयुग का समय भी लिखें। जिससे इस पृष्ठ का विकास हो।~ शर्मा जी वार्तालाप 📥 07:31, 10 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

@AbHiSHARMA143: कृपया ब्लॉग का सन्दर्भ न दें। यदि आपके पास कोई विश्वसनीय सन्दर्भ है तो दें उसके अनुसार लेख में परिवर्तन कर दिया जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:11, 10 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

मै समझ गया!!!! ये blogspot वाले पते का संदर्भ नहीं देना चाहिये। मैने ठीक कहा?~ शर्मा जी वार्तालाप 📥 09:39, 10 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

@संजीव कुमार: इस टिप्पणी के लिये नया स्रोत ये रहा।

http://www.oyepages.com/blog/view/id/51665121bc54b23d7c000007 ~ शर्मा जी वार्तालाप 📥 09:47, 10 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

@AbHiSHARMA143: आपने ठीक समझा कि blogspot के सन्दर्भ नहीं डालने। इसके अतिरिक्त wordpress और सोशल साइटों के सन्दर्भ भी हमें नहीं डालने। आपने पहले ब्लॉगस्पोट का सन्दर्भ बताया और दूसरा ओयपेजेज का। ब्लॉगस्पोट के बारे में तो आपने जान लिया अब ओयपेजेज के बारे में कृपया यहाँ पढ़ लें। दोनों सन्दर्भों में कोई अन्तर नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:57, 10 जून 2014 (UTC)उत्तर दें
संजीव जी मुझे माफ कीजिये। :( तथा आपके वार्ता पृष्ठ पर मुझे बताएँ कि आप इतने अच्छे स्रोत प्राप्त कैसे करते हैं?~ शर्मा जी वार्तालाप 📥 10:12, 10 जून 2014 (UTC)उत्तर दें