राजलदेसर
राजलदेसर
Rajaldesar | |
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निर्देशांक: 28°02′N 74°28′E / 28.03°N 74.47°Eनिर्देशांक: 28°02′N 74°28′E / 28.03°N 74.47°E | |
ज़िला | चूरू ज़िला |
प्रान्त | राजस्थान |
देश | ![]() |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 44,385 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | राजस्थानी, हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
राजलदेसर (Rajaldesar) भारत के राजस्थान राज्य के चूरू ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2] राजलदेसर का इतिहास एवं संक्षिप्त परिचय-
यद्यपि लगभग छः सौ वर्ष पूर्व बसे राजलदेसर कस्बे के इतिहास का कोई अधिकृत अभिलेख नहीं है फिर भी कस्बे के मुख्य बाजार में स्थित श्री आदिनाथ जैन मन्दिर पर अंकित सम्वत् 1584 तथा गौशाला के पास स्थित छोटे से देवालय में रखी पत्थर की सती माता की प्रतिमा पर अंकित सम्वत् 1581 इस बात का प्रमाण है कि राजलदेसर करीब 600 वर्ष पूर्व बसा कस्बा है।
राजलदेसर बीकानेर राज्य के संस्थापक राव बीका के एक पुत्र राजसी का ठिकाना था। राजलदेसर के उत्तर पश्चिम में वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग ग्यारह पर श्री राजलदेसर गौशाला के निकट राजसी की देवली सम्वत् (11 जून 1524) की मौजूद है। आज भी सतीजी के मन्दिर की पूजा होती हैं लोगों में उस देवली के प्रति श्रद्धा है। सम्वत् 1560 में मूंथा बैद, सिया पुरोहित, टोकसिया नाई, घूंघरवाल मेघवाल और सांवलेश सेवग राजलदेसर आए थे।
यहां की नगरपालिका की स्थापना आजादी से पहले सन् 1922 में की गई पर कस्बे का विकास आजादी के बाद ही हुआ। वर्ष 1929 में स्थापित यूनियन क्लब ने चिकित्सा सुविधा के लिए मातृ शिशु कल्याण भवन, महिला शिक्षा के लिए बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन व सभी सुविधाओं से युक्त यूनियन क्लब अतिथि भवन का निर्माण करवाया है।
वर्ष 1564 में स्थापित युवक संघ के द्वारा संचालित युवा भारती स्टेडियम चूरू जिले का सभी सुविधाओं से युक्त पहला स्टेडियम है। शिक्षा के क्षेत्र में युवक संघ अभिनव बाल भारती व शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालय व भारती विद्यापीठ महाविद्यालय का संचालन कर रहा है।
कस्बे के विकास में तोदी ट्रस्ट, टांटिया चेरेटेबल ट्रस्ट, फ्रेण्ड्स सोसायटी, शांति समिति, हनुमान सेवा समिति व जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा ने भी महती भूमिका निभाई है। तोदी परिवार फूसराज तोदी टेक्निकल ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट का संचालन कर रहा है।
कस्बे के विकास में 1990 के बाद द्रुतगति पकड़ी है वहीं कस्बे को आस पास के सभी गांवो को सड़क द्वारा जोड़ने से भी आवागमन की सुविधा बढ़ी है।
कस्बा राष्ट्रीय राजमार्ग 11 से जुड़ा होने से आवागमन की सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। रेलवे का आमान परिवर्तन का कार्य पूर्ण होने के पश्चात कस्बा राजलदेसर विभिन्न महानगरों से सीधे जुड़ने से विकास की ओर उम्मीद जगी है।
कस्बे में सभी त्यौहार सौहार्द्रपूर्ण ढंग से मनाये जाते है। साम्प्रदायिक व मजहबी एकता का प्रतीक यहां का विख्यात लोक नृत्य गींदड़ अपने आप में बेजोड है।JD
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
- ↑ "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990