यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन
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सर्न के सदस्य देश | |
स्थापना | २९ सितम्बर १९५४ |
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प्रकार | कण त्वरक प्रयोगशाला |
मुख्यालय | जिनेवा |
सदस्यता |
22 सदस्य देश एवं 8 पर्यवेक्षक देश |
Leader | रॉबर्ट ऐमार (Robert Aymar) |
जालस्थल |
सर्न (Organisation Européenne pour la Recherche Nucléaire या CERN (फ़्रान्सीसी में) = यूरोपीय नाभिकीय अनुसन्धान संगठन) कण भौतिकी की विश्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है। यह फ्रान्स और स्विट्जरलैण्ड की सीमा पर जिनेवा के उत्तर-पश्चिमी उपनगरीय क्षेत्र में है। इस संस्था में बीस यूरोपीय सदस्य देश हैं। इस समय लगभग २६०० स्थाई कर्मचारी एवं दुनिया भर के कोई ५०० विश्वविद्यालयों एवं ८० राष्ट्रों के लगभग ७९३० वैज्ञानिक एवं अभियन्ता कार्यरत हैं।
भारत भी इसका 2002 से इसका एक पर्यवेक्षक देश है। वर्तमान में भारत को 2017 में सहायक सदस्य ( Associate Member ) बनाया गया ।
कार्य एवं उद्देश्य
[संपादित करें]इसका प्रमुख उद्देश्य उच्च ऊर्जा भौतिकी से सम्बन्धित अनुसंधान करने के लिये विभिन्न प्रकार के कण त्वरकों का विकास करना है।
सार्वजनिक प्रदर्शन
[संपादित करें]एक आम आदमी के लिए सर्न में निम्न सुविधाएँ उपलब्द्ध हैं:
- विज्ञान और नवप्रवर्तन का ग्लोब का निर्माण २००५ के अन्त में किया गया। यह रविवार को छोड़कर दिन के समय हमेशा खुला रहता है।
- कण भौतिकी के लिए माइक्रोकोस्म संग्रहालय - यह सर्न के इतिहास का दर्शन भी करवाता है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- वृहद हेड्रॉन संघट्टक (लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर)
- राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र इन्दौर (RRCAT Indore)
- फर्मी लैब
- कण त्वरक
- अन्तरराष्ट्रीय रैखिक संघट्टक (International Linear Collider या ILC)