मूसा (अंग्रेज़ी : Mosesमोसिस, इब्रानी : מֹשֶׁה मोशे), इस्लाम और ईसाई धर्मों में एक प्रमुख नबी (ईश्वरीय सन्देशवाहक) माने जाते हैं। ख़ास तौर पर वो यहूदी धर्म के संस्थापक और इस्लाम धर्म[2] में रसूल माने जाते हैं। कुरान और बाइबल में हज़रत मूसा की कहानी दी गयी है, जिसके मुताबिक लगभग १२०० ई.पू. मिस्र के फ़राओ के ज़माने में जन्मे मूसा बनी इसराईली माता-पिता की औलाद थे पर मौत के डर से उनको उनकी माँ ने नील नदी में बहा दिया। उनको फिर फ़राओ की पत्नी ने पाला और मूसा एक मिस्री राजकुमार बने। बाद में मूसा को मालूम हुआ कि वो बनी इसराईली हैं और बनी इसराईल (जिसको फरओ ने ग़ुलाम बना लिया था) अत्याचार सह रहा है। मूसा का एक पहाड़ पर परमेश्वर से साक्षात्कार हुआ और परमेश्वर की मदद से उन्होंने फ़राओ को हराकर बनी इसराईल को आज़ाद कराया। इसके बाद मूसा ने बनी इसराइल को ईश्वर द्वारा मिले "दस आदेश" दिये जो आज भी यहूदी धर्म का प्रमुख स्तम्भ है।[3][4]