भोगला सोरेन

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भोगला सोरेन
व्यवसायसाहित्यकार
भाषासंथाली भाषा
राष्ट्रीयताभारतीय
विषयनाटक
उल्लेखनीय सम्मानसाहित्य अकादमी पुरस्कार

भोगला सोरेन संताली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक राही रांवाक् काना के लिये उन्हें सन् 2010 में भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1] इनकी प्रमुख कृतियां है- राही रांवाक काना (नाटक), सूडा साकोम (नाटक), राही चेतान ते (नाटक), खोबोर कागोज (नाटक), सोसनो: (नाटक), बिटलाहा (नाटक), मान दिसोम पोरान परायनी (नाटक), उपाल (उपन्यास), चापोय (उपन्यास) एवं संताली भाषा लिपि और साहित्य का विकास (लेख)।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.