भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
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भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) मूल रूप से 1872 में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया था। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 11 अध्याय और 167 धाराएँ हैं। यह तीन भागों में विभक्त है। इस अधिनियम ने बनने के बाद से 125 से अधिक वर्षों की अवधि के दौरान समय-समय पर कुछ संशोधन को छोड़कर अपने मूल रूप को बरकरार रखा है। यह अदालत की सभी न्यायिक कार्यवाहियों पर लागू होता है (कोर्ट मार्शल सहित)। हालांकि, यह शपथ-पत्र और मध्यस्थता पर लागू नहीं होता है|
जुलाई 2024 से प्रभावी, भारतीय साक्ष्य अधिनियम को "भारतीय साक्ष्य अधिनियम" से बदलने के लिए 2023 में एक अधिनियम पारित किया गया था।[1]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- The Indian Evidence Act, 1872 (अंग्रेजी में)
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम ( एंड्राइड एप्प हिंदी में मुफ्त डाउनलोड करें)
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- ↑ IAS, Top IAS Coaching in Delhi-SHRI RAM. "Current Affairs for March 3, 2024 | Best IAS Coaching in Delhi, India - SHRI RAM IAS". web.shriramias.in (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-03-03.