ब्रेल पद्धति
ब्रेल | |
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प्रकार | वर्णमाला (अरैखिक लेखन) |
बोली जाने वाली भाषाएं | बहुत सी |
सृजनकर्ता | लुई ब्रेल |
काल | 1821 से वर्तमान |
मूल प्रणालियां |
रात्रि-लेखन (नाइट राइटिंग)
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यूनिकोड रेंज | U+2800 to U+28FF |
ISO 15924 | BraiBrai |
नोट: इस पन्ने पर यूनिकोड में IPA ध्वन्यात्मक चिह्न हो सकते हैं। |
ब्रेल पद्धति एक तरह की लिपि है, जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है। इस पद्धति का आविष्कार 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था। यह अलग-अलग अक्षरों, संख्याओं और विराम चिन्हों को दर्शाते हैं।[1] ब्रेल के नेत्रहीन होने पर उनके पिता ने उन्हें पेरिस के रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्डे्रन में भर्ती करवा दिया। उस स्कूल में "वेलन्टीन होउ" द्वारा बनाई गई लिपि से पढ़ाई होती थी, पर यह लिपि अधूरी थी। इस विद्यालय में एक बार फ्रांस की सेना के एक अधिकारी कैप्टन चार्ल्स बार्बियर एक प्रशिक्षण के लिये आए और उन्होंने सैनिकों द्वारा अँधेरे में पढ़ी जाने वाली "नाइट राइटिंग" या "सोनोग्राफी" लिपि के बारे में व्याख्यान दिया। यह लिपि कागज पर अक्षरों को उभारकर बनाई जाती थी और इसमें १२ बिंदुओं को ६-६ की दो पंक्तियों को रखा जाता था, पर इसमें विराम चिह्न, संख्या, गणितीय चिह्न आदि नहीं होते थे। ब्रेल को वहीम से यह विचार आया। लुई ने इसी लिपि पर आधारित किन्तु १२ के स्थाण पर ६ बिंदुओं के उपयोग से ६४ अक्षर और चिह्न वाली लिपि बनायी। उसमें न केवल विराम चिह्न बल्कि गणितीय चिह्न और संगीत के नोटेशन भी लिखे जा सकते थे। यही लिपि आज सर्वमान्य है।[2] लुई ने जब यह लिपि बनाई तब वे मात्र १५ वर्ष के थे। सन् १८२४ में पूर्ण हुई यह लिपि दुनिया के लगभग सभी देशों में उपयोग में लाई जाती है।
इसमें प्रत्येक आयताकार सेल में ६ बिन्दु यानि डॉट्स होते हैं, जो थोड़े-थोड़े उभरे होते हैं। यह दो पंक्तियों में बनी होती हैं। इस आकार में अलग-अलग ६४ अक्षरों को बनाया जा सकता है। सेल की बांई पंक्ति में उपर से नीचे १,२,३ बने होते हैं। इसी तरह दांईं ओर ४,५,६ बनी होती हैं। एक डॉट की औसतन ऊंचाई ०.०२ इंच होती है। इसको पढ़ने की विशेष तकनीक होती है। ब्रेल लिपि को पढ़ने के लिए अंधे बच्चों में इतना ज्ञान होना आवश्यक है कि वो अपनी उंगली को विभिन्न दिशाओं में सेल पर घुमा सकें। वैसे विश्व भर में इसको पढ़ने का कोई मानक तरीका निश्चित नहीं हैं। ब्रेल लिपि को स्लेट पर भी प्रयोग में लाया जा सकता है।[1] इसके अलावा इसे ब्रेल टाइपराइटर पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है। आधुनिक ब्रेल स्क्रिप्ट को ८ डॉट्स के सेल में विकसित कर दिया गया है, ताकि अंधे लोगों को अधिक से अधिक शब्दों को पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो सके। आठ डॉट्स वाले ब्रेल लिपि सेल में अब ६४ की बजाय २५६ अक्षर, संख्या और विराम चिह्नें के पढ़ सकने की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेल पद्धति को वर्णमाला के वर्णों को कूट रूप में निरूपित करने वाली सबसे प्रथम प्रचलित प्रणाली कह सकते हैं, किन्तु ब्रेल लिपि नेत्रहीनों के पढ़ने और लिख सकने के उपाय का प्रथम प्रयास अध्याय नहीं है। इससे पहले भी १७वीं शताब्दी में इटली के जेसूट फ्रांसिस्को लाना ने नेत्रहीनों के लिखने-पढ़ने को लेकर काफी कोशिशें की थीं।
ब्रेल लेखन
[संपादित करें]ब्रेल लेखन को पन्ने पर कुछ नुकीले स्टायलस द्वारा पीछे से आगे को उभरे हुए निशान द्वारा डॉट्स को अंकित कर लिखा जा सकता है। ऐसी स्थिति में पन्ने के पीछे लिखने हेतु दर्पण में छवि देखकर लिखा जा सकता है, क्योंकि वैसे तो उलटा लिखना कठिन होता है। ऐसा करने हेति ब्रेल-टाइपराईटर या पर्किन्स ब्रेलर द्वारा लिखा जा सकता है। कंप्यूटर से जुड़े ब्रेल एम्बॉसर द्वाआ इसे प्रिंट भी किया जा सकता है। ब्रेल को ब्रेल एम्बॉसर पर लिखने हेतु ८-बिन्दु पद्धति में अद्यतित किया गया है। इसमें कुछ अतिरिक्त बिन्दु पुरानी शैली में नीचे बढ़ाये गए हैं। अब ये ४ बिन्दू ऊंचा और २ बिन्दु चौड़ा हो गया है। अतिरिक्त बिन्दुओं को संख्या – ७ (नीचे बायीं बिन्दु) एवं ८ (नीचे दायीं बिन्दु) निश्चित की गई हैं। ८-बिन्दु कोड का एक लाभ ये भी है कि एक अक्षर का केस सीधे अक्षर वाली सेल में दिया जाता है एवं सभी प्रिंट होने वाले आस्की कैरेक्टर्स एक ही सेल में लिखे जा सकते हैं। ८-बिन्दुओं द्वारा संभव सभी २५६ (२८) संयोजन यूनिकोड मानक में संभव हैं। ६-बिन्दु वाली ब्रेल लिपि को ब्रेल आस्की नां से सुरक्षित रखा गया है।
अंग्रेज़ी वर्णमाला के प्रथम १० अक्षर एवं १-१० तक की संख्याएं मात्र ऊपरी चार बिन्दुओं (१,२,४ एवं ५) के प्रयोग से लिखी जाती है। बिन्दु ३ के प्रयोग से अगले दस अक्षर, बिन्दु ६ से अंतिम छः अक्षर (सिवाय डब्ल्यु के) एवं प्रायः प्रयोगनीय अंग्रेज़ी शब्द and, for, of, the, and with आदि लिखे जा सकते हैं। अक्षर यू से ज़ेड से बिन्दु-३ को एवं पांच शब्द चिह्नों को हटाने मात्र से नौ डाईग्राफ्स (ch, gh, sh, th, wh, ed, er, ou, एवं ow) अक्षर डब्ल्यु बनते हैं।
अक्षर एवं संख्याएं
[संपादित करें]-
ए, 1
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बी, 2
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सी, 3
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D, 4
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E, 5
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F, 6
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G, 7
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H, 8
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I, 9
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J, 10
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K, 11
-
L, 12
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M, 13
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N, 14
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O, 15
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P, 16
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Q, 17
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R, 18
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S, 19
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T, 20
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U, 21
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V, 22
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W, 23
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X, 24
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Y, 25
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Z, 26
yogesh kumar gupta
अन्य चिह्न
[संपादित करें]-
आगे कैपीटल अक्षर है
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आगे संख्या है
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अपॉस्ट्रॉफी
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उद्धरण चिह्न, प्रश्नसूचक चिह्न आरंभ*
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उद्धरण चिह्न बंद
नोट:
* प्रश्नसूचक चिह्न दिखाने के लिये बिन्दु २-३-६— प्रयोग किये जाते हैं, खुलते उद्धरण चिह्न के समाण ही। अतएव किसी शब्द के पूर्व या पश्चात बिन्दुओं— के लिखने से ही पता चलेगा कि ये क्या चिह्न है।
* खुलते व बंद होते ब्रैकिट समाण चिह्न द्वाआ चिह्नित हैं। अतएव प्रयोग द्वारा ही इसका पता चलेगा कि ब्रैकिट खुल रहा है या बंद हो रहा है।
श्रेणी-२ ब्रेल लिप्यांतरण
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शब्द एण्ड/AND
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अक्षर च/CH
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अक्षर SH
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अक्षर स्ट/ST
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अक्षर थ/TH
ये ग्रेड-२ ब्रेल में प्रयोग होने वाले कॉन्ट्रैक्शंस का मात्र एक नमूना भर है। इस बारे में अधिक जानकारी हेतु ब्रेल ट्रांस्क्रिप्शन देखें।
ब्रेल यूनिकोड
[संपादित करें]यूनिकोड मानक में ब्रेल को १९९९ के सितम्बर में शामिल किया गया। ब्रेल पैटर्नों के यूनिकोड U+2800 से लेकर U+28FF तक हैं। भारती ब्रेल इसमें से प्रथम ६४ (U+2800 से लेकर U+283F) का ही उपयोग करती है।
ब्रेल पैटर्न | ||||||||||||||||
0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | A | B | C | D | E | F | |
U+280x | ⠀ | ⠁ | ⠂ | ⠃ | ⠄ | ⠅ | ⠆ | ⠇ | ⠈ | ⠉ | ⠊ | ⠋ | ⠌ | ⠍ | ⠎ | ⠏ |
U+281x | ⠐ | ⠑ | ⠒ | ⠓ | ⠔ | ⠕ | ⠖ | ⠗ | ⠘ | ⠙ | ⠚ | ⠛ | ⠜ | ⠝ | ⠞ | ⠟ |
U+282x | ⠠ | ⠡ | ⠢ | ⠣ | ⠤ | ⠥ | ⠦ | ⠧ | ⠨ | ⠩ | ⠪ | ⠫ | ⠬ | ⠭ | ⠮ | ⠯ |
U+283x | ⠰ | ⠱ | ⠲ | ⠳ | ⠴ | ⠵ | ⠶ | ⠷ | ⠸ | ⠹ | ⠺ | ⠻ | ⠼ | ⠽ | ⠾ | ⠿ |
U+284x | ⡀ | ⡁ | ⡂ | ⡃ | ⡄ | ⡅ | ⡆ | ⡇ | ⡈ | ⡉ | ⡊ | ⡋ | ⡌ | ⡍ | ⡎ | ⡏ |
U+285x | ⡐ | ⡑ | ⡒ | ⡓ | ⡔ | ⡕ | ⡖ | ⡗ | ⡘ | ⡙ | ⡚ | ⡛ | ⡜ | ⡝ | ⡞ | ⡟ |
U+286x | ⡠ | ⡡ | ⡢ | ⡣ | ⡤ | ⡥ | ⡦ | ⡧ | ⡨ | ⡩ | ⡪ | ⡫ | ⡬ | ⡭ | ⡮ | ⡯ |
U+287x | ⡰ | ⡱ | ⡲ | ⡳ | ⡴ | ⡵ | ⡶ | ⡷ | ⡸ | ⡹ | ⡺ | ⡻ | ⡼ | ⡽ | ⡾ | ⡿ |
U+288x | ⢀ | ⢁ | ⢂ | ⢃ | ⢄ | ⢅ | ⢆ | ⢇ | ⢈ | ⢉ | ⢊ | ⢋ | ⢌ | ⢍ | ⢎ | ⢏ |
U+289x | ⢐ | ⢑ | ⢒ | ⢓ | ⢔ | ⢕ | ⢖ | ⢗ | ⢘ | ⢙ | ⢚ | ⢛ | ⢜ | ⢝ | ⢞ | ⢟ |
U+28Ax | ⢠ | ⢡ | ⢢ | ⢣ | ⢤ | ⢥ | ⢦ | ⢧ | ⢨ | ⢩ | ⢪ | ⢫ | ⢬ | ⢭ | ⢮ | ⢯ |
U+28Bx | ⢰ | ⢱ | ⢲ | ⢳ | ⢴ | ⢵ | ⢶ | ⢷ | ⢸ | ⢹ | ⢺ | ⢻ | ⢼ | ⢽ | ⢾ | ⢿ |
U+28Cx | ⣀ | ⣁ | ⣂ | ⣃ | ⣄ | ⣅ | ⣆ | ⣇ | ⣈ | ⣉ | ⣊ | ⣋ | ⣌ | ⣍ | ⣎ | ⣏ |
U+28Dx | ⣐ | ⣑ | ⣒ | ⣓ | ⣔ | ⣕ | ⣖ | ⣗ | ⣘ | ⣙ | ⣚ | ⣛ | ⣜ | ⣝ | ⣞ | ⣟ |
U+28Ex | ⣠ | ⣡ | ⣢ | ⣣ | ⣤ | ⣥ | ⣦ | ⣧ | ⣨ | ⣩ | ⣪ | ⣫ | ⣬ | ⣭ | ⣮ | ⣯ |
U+28Fx | ⣰ | ⣱ | ⣲ | ⣳ | ⣴ | ⣵ | ⣶ | ⣷ | ⣸ | ⣹ | ⣺ | ⣻ | ⣼ | ⣽ | ⣾ | ⣿ |
टिप्पणी
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इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- भारती ब्रेल
- द्विक कोडों की सूची (List of binary codes)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ ब्रेल लिपि Archived 2015-04-28 at the वेबैक मशीन। हिन्दुस्तान लाइव। १ फ़रवरी २०१०। सौरभ सुमन
- ↑ दृष्टिहीनों को ज्योति देने वाले लुई ब्रेल Archived 2010-01-06 at the वेबैक मशीन। वेबदुनिया। अलकनंदा साने