बोर का परमाणु मॉडल
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परमाणु भौतिकी में, रदरफोर्ड-बोर मॉडल या बोर मॉडल सन १९१३ में नील्स बोर तथा रदरफोर्ड द्वारा सम्मिलित रूप से प्रस्तुत किया गया था। इस मॉडल के अनुसार परमाणु के केन्द्रीय भाग में छोटा, धनात्मक आवेश वाला नाभिक होता है तथा उसके चारो ओर वृत्ताकार कक्षा में इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं। यह मॉडल सौर मण्डल के मॉडल जैसा ही है, अन्तर केवल इतना है कि यहाँ इलेक्ट्रॉनों की वृत्तीय गति के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल नाभिक में स्थित धनावेशित प्रोटॉनों एवं ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों के बीच के आकर्षण बल से मिलता है, गुरुत्वाकर्षण से नहीं। यह मॉडल, रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में थोड़ा सुधार करके किया गया है- इसके क्वाण्टम भौतिकी का सहारा लिया गया है।