बुडानिया
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बुडानिया एक जाट गोत्र का नाम है[1] जो भारत के राजस्थान और हरियाणा प्रान्त में मिलते हैं। राजस्थान में चूरु, सीकर, झुन्झुनूं, जयपुर, हनुमानगढ, जोधपुर जिलों में मिलते हैं। हरियाणा में भट्टू कलां, दरबा, सिरसा, आदमपुर में मिलते हैं।
इतिहास[संपादित करें]
गोत्र का नाम बुडिया राज्य के नाम से होना बताया गया है।[2] स्थानीय परम्परा के अनुसार यह नाम बुधा जी के नाम से बताया गया है। बुधाजी का एक मन्दिर चिचरोली गांव तह्सील खेतडी में स्थित है। ठाकुर देशराज ने मेगष्थनिज़ की पुस्तक इंडिका में वर्णित Ordabae से बुड़िया की पहचान की है।[3]
- शोभा नंद बुडानिया- नेता जी (बुडानिया, चिड़ावा )
- महिपाल जी बुडानिया -मास्टर जी (गोगामेड़ी)
- नरेंद्र बुडानिया (गोगामेड़ी)
- हनुमानसिंह बुडानिया - स्वतंत्रता सेनानी
- नरेन्द्र बुडानिया (सांसद चुरू)
- डॉ माली राम
- Praveen Budania ( businessman)
- CA Ashok Budania, Chartered Accountant(Sirsa)
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ विद्या प्रकाश त्यागी (2009). Martial races of undivided India [अविभाजित भारत की सामरिक दौड़] (अंग्रेज़ी में). ज्ञान बुक्स प्राइवेट लिमिटेड. पृ॰ 71. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788178357751.
- ↑ डॉ महेन्द्र सिंह आर्य, धर्मपाल सिंह डूडी, किशन सिंह फौजदार & विजेंद्र सिंह नरवर : आधुनिक जाट इतिहास, आगरा १९९८ पृ . 266
- ↑ ठाकुर देशराज :जाट इतिहास, महाराजा सूरजमल शिक्षा संसथान, दिल्ली, 1992, पृ .144