बिहार संग्रहालय

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बिहार म्यूजियम
Bihar Museum.jpg
नक्शा
स्थापितअगस्त 15, 2015 (2015-08-15)
अवस्थितिपटना, बिहार
प्रकारकला और संस्कृति
रखवाला (क्यूरेटर)रणवीर सिंह राजपूत[1]
जालस्थलbiharmuseum.org/hi

बिहार संग्रहालय पटना में स्थित एक कला संग्रहालय है।[2] यह अगस्त 2015 में आंशिक रूप से खोला गया था जब 'बच्चों के संग्रहालय', मुख्य प्रवेश क्षेत्र और एक अभिविन्यास थियेटर सार्वजनिक रूप से खोल दिया गया था। बाद में, अक्टूबर 2017 में शेष दीर्घाओं को भी खोला गया। यहां पटना संग्रहालय से 100 से अधिक कलाकृतियों को स्थानांतरित किया गया था।

इतिहास[संपादित करें]

बेली रोड से बिहार म्यूजियम का दृश्य
दीदारगंज यक्षी बिहार संग्रहालय में

इस संग्रहालय की कल्पना बिहार राज्य के लिए एक इतिहास संग्रहालय के रूप में की गई थी। इसकी स्थापना का ध्येय इस क्षेत्र के हजारों वर्ष के इतिहास को सामने लाना तथा बिहार की समृद्ध विरासत एवं ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक आकर्षणों का पता लगाना था ताकि स्थानीय निवासियों और विश्व के चारों ओर से आये आगंतुकों के लिये यह संग्रहालय प्रेरक बन सके। अक्टूबर 2013 में पटना के बेली रोड पर के साथ निर्माण शुरू किया।

अनुमानित बजट 498 करोड़ रूपये था। यह 5.6-हेक्टेयर में फैला छह मंजिला भवन है जिसमें 24,000 वर्ग मीटर का निर्माण क्षेत्र है।[3]

जापान के माकी एंड एसोसिएट्स ने मुंबई के ओपोलिस आर्किटेक्ट्स के साथ इस संग्रहालय के वास्तुशिल्प का विकास किया। इस प्रस्ताव में चार प्रमुख प्रदर्शनी दीर्घाओं, शैक्षिक लॉबी, प्रशासनिक और स्थायी गैलरी शामिल थी। परियोजना के लिए सलाहकार नियुक्त करने के लिए बिहार सरकार ने जुलाई 2011 में कनाडा की परामर्श कंपनी लॉर्ड सल्चरल रिसोर्सेस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। जनवरी 2012 में, राज्य मंत्रिमण्डल ने जापान-आधारित माकी एंड एसोसिएट्स और उसके भारतीय पार्टनर ओपोलिस, मुंबई को परियोजना के प्राथमिक सलाहकार वास्तुकार के रूप में चयन को मंजूरी दे दी।

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बॉबी बेदी की कंपनी, कैलिडोस्कोप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने संग्रहालय के लिए श्रव्य-दृश्य और फिल्मायी गई सामग्री का निर्माण किया है।

अक्टूबर 2017 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस संग्रहालय का भ्रमण किया।

बिहार संग्रहालय में प्रसिद्ध दीदारगंज यक्षी भी है जो ल्गभग 2300 वर्ष पुरानी है। प्राचीन युग से 1764 ( बक्सर का युद्ध) तक कलाकृतियों को बिहार संग्रहालय में रखा गया है। 1764 के बाद के अवयव पटना संग्रहालय में रखे जाते हैं।[4]

पटना म्यूजियम के लिए विरासत सुरंग[संपादित करें]

जनवरी 2023 में, बिहार सरकार ने बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय के बीच 1.4 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित मेट्रो (हेरिटेज टनल) के निर्माण के लिए दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया।[5][6][7]

चित्रशाला[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "CM to Inaugurate Bapu Meeting Hall and Bihar Museum on Monday". 2017-10-02. मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-11-26. PatnaDaily.com
  2. "बिहार संग्रहालय : इतना सुंदर बना है कि देखनेवाले विरोध करना भूल जायेंगे : सीएम". मूल से 7 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवंबर 2017.
  3. "Sister Act: Patna Museum is in stellar company with the newly minted Bihar Museum". मूल से 14 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 नवंबर 2017.
  4. "CM for expansion of old Patna Museum". मूल से 13 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवंबर 2017.
  5. "DMRC named consultant for tunnel between Patna museums".
  6. "Nitish Kumar asks officials to develop proposed subway between Bihar Museum and Patna Museum as a 'world-class heritage tunnel'".
  7. "Patna Metro: पटना मेट्रो की सुरंग में दिखेगी सांस्कृतिक विरासत, खासियत जानकर हैरान रह जाएंगे".

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]