प्रबन्ध चिन्तामणि
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लेखक | मेरुतुंग |
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मूल शीर्षक | प्रबन्ध चिन्तामणि |
भाषा | संस्कृत |
विषय | जीवनी किंवदंतियों का संग्रह |
शैली | प्रबन्ध |
प्रकाशन तिथि | १३०४ ई॰ (१३६१ वि॰सं॰) |
प्रकाशन स्थान | भारत |
प्रबन्ध चिन्तामणि नामक पुस्तक में १४वीं शताब्दी के राजनीतिक व सांस्कृतिक जीवन के बारे में विवरण देती है। इस पुस्तक की रचना १३०५ ई॰ में मेरुतुंगाचार्य द्वारा की गई थी। यह जैन साहित्य का एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है।[1][2]
यह ग्रंथ पांच खण्डों में विभाजित है और इन खण्डों से क्रमशः विक्रमांक, सातवाहन मूलराज, मुंज, नृपति भोज, सिद्वराज जयसिंह, कुमार पाल, लक्ष्मण सेन, जयचन्द्र आदि के विषय में जानकारी मिलती है। पुस्तक का इतिहास में बड़ा महत्व है। इसमें कल्पना का भी समावेश है।[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "प्रबन्ध चिन्तामणि संस्कृत ग्रंथ का हिंदी भाषान्तर | Prabandha Chintamani Sanskrit Granth Ka Hindi Bhasantar | हजारी प्रसाद द्विवेदी - Hazari Prasad Dwivedi | Hindi PDF Download | Read Online |". ePustakalay. अभिगमन तिथि 2020-05-27.
- ↑ Talbot, Cynthia (2016). The Last Hindu Emperor: Prithviraj Cauhan and the Indian Past, 1200–2000 (अंग्रेज़ी में). Cambridge University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-107-11856-0. मूल से 16 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2020.
- ↑ Srivastava, Vishnulok Bihari (2009). Dictionary of Indology (अंग्रेज़ी में). Pustak Mahal. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-223-1084-9.
बाहरी कड़ियाँ
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