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पुंडलीक नारायण नायक कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक एकांकीचौरंग के लिये उन्हें सन् 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]