2. वेदव्यास की ऋग्वेद-शिष्य-परंपरा में बाष्कल का शिष्य। इसकी चलाई हुई शाखा पराशरी नाम से प्रसिद्ध है। यह श्रुतर्षि, ऋषिक और ब्रह्मचारी था (वायु. 1, 60; ब्रह्मांड 2, 34)
3. वेदव्यास की सामवेद-शिष्य-परंपरा में हिरण्य नाम का शिष्य (वायु., 1, 61; ब्रह्मांड 2, 35) ब्रह्मांडपुराण में पाराशर्य पाठभेद है।
4. वेदव्यास की सामवेद-शिष्य-परंपरा में कुथुमि का शिष्य (ब्रह्मांड 2, 35 ; वायु. 1, 61)।