परवेज़ मुशर्रफ़
परवेज़ मुशर्रफ़ (उर्दू: پرويز مشرف; जन्म अगस्त 11, 1943) पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके हैं। इन्होंने साल 1999 में नवाज़ शरीफ की लोकतान्त्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की बागडोर संभाली और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। 5 फरवरी 2023 को दुबई में निधन हो गया ।[1]
प्रारंभिक जीवन
[संपादित करें]मुशर्रफ़ का जन्म राजस्थान के जिला श्री गंगानगर के गांव बहरमपुरा बोदला में हुआ था। जो सादुल शहर के समीप स्थित है। भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार कराची में जाकर बसा।
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष
[संपादित करें]अप्रैल से जून 1999 तक भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के दौरान मुशर्रफ़ ही पाकिस्तान के सेना-प्रमुख थे।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति
[संपादित करें]अक्टूबर 1999 में नवाज़ शरीफ़ ने जब मुशर्रफ़ को उनके पद से हटाने की कोशिश की तो मुशर्रफ़ के प्रति वफ़ादार जनरलों ने शरीफ़ का ही तख्ता पलट करके सरकार पर कब्जा कर लिया। मई 2000 में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि पाकिस्तान में चुनाव कराए जाएं। मुशर्रफ़ ने जून 2001 में तत्कालीन राष्ट्रपति रफीक़ तरार को हटा दिया व खुद राष्ट्रपति बन गए। अप्रैल 2002 में उन्होंने राष्ट्रपति बने रहने के लिए जनमत-संग्रह कराया जिसका अधिकतर राजनैतिक दलों ने बहिष्कार किया। अक्टूबर 2002 में पाकिस्तान में चुनाव हुए जिसमें मुशर्रफ़ का समर्थन करने वाली मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमाल पार्टी को बहुमत मिला। इनकी सहायता से मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान के संविधान में कई परिवर्तन कराए जिनसे 1999 के तख्ता-पलट और मुशर्रफ़ के अन्य कई आदेशों को वैधानिक सम्मति मिल गई। {{तथ्य}
मुशर्रफ़ के शासन के दौरान भारत पर उग्रवादी हमले बढ़े, लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच शान्ति की बात-चीत भी आगे बढ़ी।[तथ्य वांछित] 2005 में परेड पत्रिका ने मुशर्रफ़ को दुनिया के 10 सबसे बुरे तानाशाहों की सूची में शामिल किया। २४ नवम्बर २००७ को उन्होने सेना प्रमुख का पद त्याग दिया तथा असैन्य राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।[तथ्य वांछित]
पाकिस्तान के शासक के रूप में कार्यकाल के दौरान प्रमुख घटनाएं
[संपादित करें]अमेरिका पर आतंकवादी हमला (9/11)
[संपादित करें]11 सितम्बर 2001 के हमले के बाद जब संयुक्त राज्य अमरीका ने अफ़गानिस्तान और ईराक पर युद्ध शुरु किया तो मुशर्रफ़ ने अमेरिका का पूरा समर्थन किया।
नवाब बुग्ती हत्याकांड
[संपादित करें]नवाब अकबर खान बुगती पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के एक राष्ट्रवादी नेता थे जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक देश बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। 2006 में बलूचिस्तान के कोहलू जिले में एक सैन्य कार्रवाई में अकबर बुगती और उनके कई सहयोगियों की हत्या कर दी गई थी। इस अभियान का आदेश जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने दिया था जो तब देश के सैन्य प्रमुख और राष्ट्रपति दोनों थे।[2]
आपातकाल
[संपादित करें]मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 2007 में आपातकाल लागू कर दिया।[3]
बेनजीर भुट्टो की हत्या
[संपादित करें]बेनजीर भुट्टो दिसम्बर 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के बाद एक आत्मघाती हमले में मारी गई। मुशर्रफ पर उन्हें जरूरी सुरक्षा मुहैया नहीं कराने के आरोप लगे।[4]
लाल मस्जिद पर हमला
[संपादित करें]मुशर्रफ के आदेश पर 2007 में लाल मस्जिद पर सैन्य कार्रवाई की गई जिसमें लगभग 90 धार्मिक विद्यार्थियों की मृत्यु हो गई थी।[5]
आगरा शिखर वार्ता
[संपादित करें]भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ आगरा में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष के रूप में मुलाकात की। इस मुलाकात का दोनों देशों के रिश्तों पर कोई खास असर नहीं पडा।
शीर्ष न्यायाधीश की बर्खास्तगी
[संपादित करें]9 मार्च 2007 को उन्होंने शीर्ष न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी को जबरन पदमुक्त कर दिया। उनके इस कदम के बाद समूचे पाकिस्तान में वकीलों ने मुशर्रफ के खिलाफ आंदोलन कर दिया।
शासन के अंत के बाद के प्रमुख घटनाक्रम
[संपादित करें]मुशर्रफ का शासन समाप्त होने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए देश छोड़ दिया। किंतु वापस आते ही उन पर कई मुकद्दमे चलाए गए और इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मुकद्दमे तथा गिरफ्तारी
[संपादित करें]पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो तथा बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता अकबर खान बुगती की हत्या तथा लाल मस्जिद की करवाई के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया गया।[6][7][8] 2007 में आपातकाल के दौरान जजों को हिरासत में लिए जाने के मामले में भी केस चलाया गया।[9] 2013 में नवाज शरीफ सरकार ने उन पर राजद्रोह का मुकद्दमा शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया। पाकिस्तान में इस आरोप के सही साबित होने पर मृत्युदंड तक का प्रावधान है।[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का हुआ निधन". जूम न्यूज. Retrieved 2023-02-05.
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(help) - ↑ "बुगती के बेटे ने मुशर्रफ की हत्या पर इनाम दोगुना किया". नवभारत टाईम्स. 4 दिसम्बर 2013. Archived from the original on 26 मार्च 2020. Retrieved 5 दिसम्बर 2013.
- ↑ अ आ "मुशर्रफ पर राजद्रोह का केस शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को लेटर". नवभारत टाईम्स. 19 नवम्बर 2013. Archived from the original on 26 मार्च 2020. Retrieved 5 दिसम्बर 2013 2013.
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(help) - ↑ "बेनजीर केस से नहीं हटेगा मुशर्रफ का नाम". नवभारत टाईम्स. 8 अक्टूबर 2013. Archived from the original on 26 मार्च 2020. Retrieved 5 दिसम्बर 2013.
- ↑ "लाल मस्जिद मामले में मुशर्रफ को मिली जमानत". नवभारत टाईम्स. 4 नवम्बर 2013 2013. Archived from the original on 26 मार्च 2020. Retrieved 5 दिसम्बर 2013 2013.
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(help) - ↑ "मुशर्रफ अरेस्ट, जुडिशल कस्टडी में भेजे गए". नवभारत टाईम्स. 13 जून 2013. Retrieved 5 दिसम्बर 2013 2013.
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(help)[मृत कड़ियाँ] - ↑ "लाल मस्जिद अभियान मामले में मुशर्रफ अरेस्ट". नवभारत टाईम्स. 10 अक्टूबर 2013. Archived from the original on 26 मार्च 2020. Retrieved 5 दिसम्बर 2013 2013.
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(help) - ↑ "बेनजीर हत्या: मुशर्रफ करेंगे आरोपों का सामना". नवभारत टाईम्स. 6 अगस्त 2013. Archived from the original on 26 मार्च 2020. Retrieved 5 दिसम्बर 2013.
- ↑ "मुशर्रफ की हिरासत 14 दिन बढ़ी". नवभारत टाईम्स. 18 मई 2013. Archived from the original on 26 मार्च 2020. Retrieved 5 दिसम्बर 2013.
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