पंचमकार
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पंचमकार तंत्र से सम्बन्धित शब्द है जिसका अर्थ 'म से आरम्भ होने वाली पाँच वस्तुएँ' है, ये पाँच वस्तुएँ तांत्रिक साधना में उपयोग में लायी जाती हैं-
किन्तु पञ्चमकारों का उपरोक्त सामान्य अर्थ में उपयोग केवल वामाचारी ही करते हैं। दक्षिणाचारी इनको विशेष अर्थ में उपयोग करते हैं।
मद्य -- अमृत
मांस -- वाणी पर नियंत्रण ; खेचरी मुद्रा
मत्स्य -- इड़ा और पिंगला नाड़ी का प्राणायाम द्वारा नियंत्रण
मुद्रा -- सत्संग