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नन्दा भनार

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नन्दा भनार
नन्दा भनार, नंदा कोट के दायीं और
उच्चतम बिंदु
ऊँचाई6,236 मी॰ (20,459 फीट) [1]
उदग्रता135 मी॰ (443 फीट) [2]
निर्देशांक30°15′52″N 80°03′46″E / 30.26444°N 80.06278°E / 30.26444; 80.06278निर्देशांक: 30°15′52″N 80°03′46″E / 30.26444°N 80.06278°E / 30.26444; 80.06278
भूगोल
नन्दा भनार is located in उत्तराखंड
नन्दा भनार
नन्दा भनार
Location in Uttarakhand
स्थानपिथौरागढ़ उत्तराखंड, भारत
मातृ श्रेणीकुमाऊं हिमालय
आरोहण
प्रथम आरोहणज्योफ होर्नबी के नेतृत्व में एक इंडो-ब्रिटिश अभियान दल ने 1987 में.

नन्दा भनार भारत के उत्तराखंड राज्य मे कुमाऊं हिमालय का एक पर्वत है। नन्दा भनार की ऊंचाई 6,236 मीटर (20,459 फीट) और इसकी प्रमुखता 135 मीटर (443 फीट) है. यह पूरी तरह से उत्तराखंड के भीतर स्थित संयुक्त रुप से 134वां उच्चतम पर्वत है। नंदा देवी, इस श्रेणी का सबसे ऊँचा पर्वत है। इसका निकटतम उच्च पड़ोसी नंदा कोट 6,861 मीटर (22,510 फीट) इसके दक्षिण पश्चिम मे 1.7 किमी दुरी पर स्थित है। डांगथल 6,050 मीटर (19,849 फीट) से 5.5 किमी दक्षिण दक्षिण पुर्व् और यह  नंदा देवी 7,816 मीटर (25,643 फीट) से 15.2 किमी दक्षिण दक्षिण पुर्व् में स्थित है. यह पनवाली द्वार 6,663 मीटर (21,860 फीट) से 10.8 किमी उत्तर में स्थित है. [2]

चढ़ाई का इतिहास

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ज्योफ होर्नबी के नेतृत्व में एक इंडो-ब्रिटिश अभियान दल ने 1987 में पिंडारी घाटी से नंदा भनार की पहली चढ़ाई की। जबकि उनकी मूल योजना दक्षिण से छांगुच पर चढ़ाई का प्रयास करना था। नन्दा भनार पर चढ़ने के पिछले तीन भारतीय प्रयास हैं लेकिन सभी विफल रहे। जॉन मैककीवर और अकील चौधरी नंदा-भनार के शिखर पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति बने और उसके बाद जोनाथन प्रेस्टन आए। टीम में जॉन मैककीवर, अकील चौधरी, राजशेखर घोष, बिभुजीत मुखोटी, डंकन हॉर्बी और जोनाथन प्रेस्टन शामिल थे। [3]

दिव्येश मुनि के नेतृत्व में बंबई से चार सदस्यीय दल ने 1992 में नंदा भनार पर चढ़ाई की। यह इस चोटी की दूसरी चढ़ाई थी। टीम में तीन महिलाएँ श्रीमती इम्माई हू, सुश्री चेतना राणा और श्रीमती विनीता मुनि शामिल थीं। मनाली के योगराज ठाकुर और कोयलू राम द्वारा समर्थित। वे मुनस्यारी, लीलम, बुगदियार, मार्टोली और शालंगगढ़ से पहुंचे। उन्होंने तीन शिविर स्थापित किए तीसरे शिविर से वे पहली बार 15 अक्टूबर को नंदखानी (6029 मीटर) पर चढ़े। 16 अक्टूबर को उन्होंने सुबह 7.30 बजे चढ़ाई शुरू करी और वे 10.45 बजे शिखर पर पहुंचे [4]

पड़ोसी और सहायक चोटियाँ

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नंदा भनार की पड़ोसी या सहायक चोटियाँ:

ग्लेशियर और नदियाँ

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नंदा भनार पूर्वी दिशा में शालंग ग्लेशियर और पश्चिम में पिंडारी ग्लेशियर के बीच स्थित है। दक्षिणी तरफ कफनी ग्लेशियर की है। शालंग ग्लेशियर दक्षिण-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है और गोरीगंगा नदी में मिलती है जो बाद में जौलजीबी में काली नदी में मिलती है। कफनी ग्लेशियर से दक्षिण की ओर कफनी नदी निकलती है और थोड़ी दूर चलने के बाद यह द्वाली में पिंडारी नदी में मिल जाती है। पश्चिमी तरफ पिंडारी ग्लेशियर उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है और पिंडारी ग्लेशियर के थूथन से पिंडारी नदी निकलती है जो बाद में कर्णप्रयाग में अलकनंदा में मिलती है। अलकनंदा नदी गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है जो बाद में देवप्रयाग में गंगा नदी की अन्य मुख्य सहायक नदियों भागीरथी नदी में मिल जाती है और बाद में गंगा बन जाती है। [5]

यह सभी देखें

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  1. http://www.alpine-club.org.uk/hi/screen2c_2.php?s=40&np=4&ri=&cond=%20regnumber=43%20or%20regnumber=44&sig=36b10e23b5a2656f9f1a7688ef8c5899
  2. "Nandabhanar". PeakVisor (in अंग्रेज़ी). Retrieved 30 June 2020. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "Nb" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  3. "KUMAON SECRETS : Himalayan Journal vol.44/12". www.himalayanclub.org. Retrieved 30 June 2020.
  4. Muni, Divyesh (1993). "AROUND DANU DHURA : Himalayan Journal vol.49/11". 49. Retrieved 30 June 2020. {{cite journal}}: Cite journal requires |journal= (help)
  5. "Devprayag | Times of India Travel". timesofindia.indiatimes.com. Retrieved 22 May 2020.