दामोदर धर्मानन्द कोसम्बी
दामोदर धर्मानन्द कोसाम्बी | |
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जन्म |
31 July 1907 Kosben, Portuguese India (present-day Goa, India) |
मौत |
29 June 1966 Pune, Maharashtra, India |
पेशा | Mathematician and Marxist historian |
संबंधी |
Dharmanand Kosambi (father) Meera Kosambi (daughter) |
डी डी कौशाम्बी (31 जुलाई, 1907 - 29 जून, 1966) भारत के गणितज्ञ, इतिहासविद तथा राजनीतिक विचारक थे।
देश के स्वाधीनता संग्राम के निर्णायक काल बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में ज्ञान-विज्ञान और मानव के प्रयासों का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं था जिसमें विलक्षण विभूतियों का आविर्भाव न हुआ हो। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डी.डी. कौशांबी को आज उन्हीं यशस्वी लोगों में गिना जाता है।
कौशांबी क्या-कुछ नहीं थे। गणित के वह प्रकांड विद्वान थे और अंतिम समय तक उसकी शिक्षा देते रहे। सांख्यिकी और स्टेटिक्स सिद्धांत के क्षेत्र में उनका कार्य विज्ञान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया। मुद्राशास्त्र उनका प्रिय विषय था। तक्षशिला के (विशेष रूप से मगधकालीन) सिक्कों के विशाल भंडार और नियंत्रण साधन के रूप में आधुनिक सिक्कों का उन्होंने उपयोग किया। लगभग 12 हजार सिक्कों को तौलने के बाद उन्होंने कहा था कि पुरालेख और पुरातत्व से भिन्न एक विज्ञान के रूप में मुद्रा शास्त्र की नींव डाली जा सकती है। संस्कृत के साहित्य में कोशांबी ने भर्तृहरि और भास की रचनाओं की ओर विशेष ध्यान दिया और उनके भाष्य उत्कृष्ट माने जाते हैं। संस्कृत साहित्य से वह उसकी सामाजिक पीठिका, प्राचीन भारत के इतिहास की ओर बढ़ गए। 1938-39 के बाद से उन्होंने इस विषय पर अनेकानेक निबंध लिखे। 1956 में प्रकाशित उनकी पुस्तक इंट्रोडक्शन टू द स्टडी ऑफ इंडियन हिस्ट्री ने इतिहास की एक नई परिभाषा बताई। इतिहास को समझने की उन्होंने एक नई दृष्टि प्रस्तुत की और इतिहास लेखन का नया, परिवर्तनकामी मार्ग प्रशस्त किया। जहां एक ओर उन्होंने पश्चिमी इतिहासकारों की रचनाओं के आधार को चुनौती दी, वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्राचीन काल को स्वर्ण-युग बताने वाले हमारे अपने देश के देशाहंकारी भाटों के दंभ को चूर-चूर कर डाला। आज डी.डी. कौशांबी को प्रधान रूप से इसी योगदान के लिए याद किया जाता है।
The culture and civilization of ancient India in historical outline (1965), aczespreting access :exercise in the dilectical method or myth and reality:study in the formation of Indian culture इनकी अन्य मुख्य कृति है।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- कौशांबी का कुफ्र (समयान्तर)