जॉनी मेरा नाम (1970 फ़िल्म)
जानी मेरा नाम | |
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फिल्म पोस्टर | |
निर्देशक | विजय आनंद |
लेखक |
विजय आनंद के ए नारायण |
निर्माता | गुलशन राय |
अभिनेता |
देव आनंद हेमा माल्लिनी प्राण |
छायाकार | फाली मिस्त्री |
संपादक | विजय आनंद |
संगीतकार | कल्याणजी आनंदजी |
निर्माण कंपनी |
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वितरक |
त्रिमूर्ति फिल्म्स प्रा.लि. प्रसाद प्रोडक्शन्स प्रा.लि. |
प्रदर्शन तिथि |
11 नवम्बर 1970 |
लम्बाई |
161 मि० |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
जॉनी मेरा नाम 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। विजय आनन्द द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में देवानन्द और प्राण ने दो भाइयों का किरदार निभाया है जो बचपन में बिछड़ जाते हैं। हेमा मालिनी, आई एस जौहर, इफ़्तेख़ार और प्रेमनाथ ने भी इस फ़िल्म में अहम भूमिका निभाई है।
संक्षेप
[संपादित करें]चरित्र
[संपादित करें]- देवानन्द — जॉनी/सोहन
- प्राण — मोती/मोहन
- हेमा मालिनी — रेखा
- जीवन — हीरा
- प्रेमनाथ — रंजीत/राय साहब भूपेन्द्र सिंह
- आई एस जौहर — पहले राम/दूजा राम/तीजा राम
- पद्मा खन्ना — तारा
- रंधावा — बाबू
- सुलोचना — सोहन और मोहन की माँ
- इफ़्तेख़ार — पुलिस कमिश्नर
कहानी
[संपादित करें]मोनू (मोहन) (फ़िल्म में प्राण) और सोनू (सोहन) (फ़िल्म में देवानन्द) एक पुलिस इंस्पैक्टर के दो पुत्र हैं। दोनों को बॉक्सिंग में अच्छा अनुभव है। उनके पिता की रंजीत (फ़िल्म में प्रेमनाथ) द्वारा हत्या करवा दी जाती है। मोहन हत्यारे को मारकर एक कार की डिक्की में छुप जाता है और परिवार से बिछड़ जाता है। कई वर्ष बाद सोहन एक सी आइ डी अफ़सर बन जाता है, जो अलग-अलग वेष बदल कर अपने केस सुलझाता है। वह जॉनी नामक एक चोर का वेष बनाकर अपने को पुलिस के हाथों सौंप देता है तथा जेल में हीरा (फ़िल्म में जीवन) से दोस्ती करता है। रेखा (फ़िल्म में हेमा मालिनी) का प्यार में पीछा करते हुए वह केस सुलझा लेता है और मुजरिम को पकड़ लेता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]संगीत
[संपादित करें]# | गीत | गायक | पर्दे पर |
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१ | "ओ मेरे राजा" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | देवानन्द, हेमा मालिनी |
२ | "पल भर के लिए" | किशोर कुमार | देवानन्द, हेमा मालिनी |
३ | "मोसे मेरा श्याम रूठा" | लता मंगेशकर | हेमा मालिनी |
४ | "ओ बाबुल प्यारे" | लता मंगेशकर | हेमा मालिनी |
५ | "नफ़रत करने वालों के" | किशोर कुमार | देवानन्द, हेमा मालिनी |
६ | "हुस्न के लाखों रंग" | आशा भोंसले | प्रेमनाथ, पद्मा खन्ना |
बॉक्स ऑफ़िस
[संपादित करें]१९७० में कुल आय के नज़रिये से यह बॉलीवुड की सबसे बड़ी फ़िल्म थी और ७० के दशक की सातवीं सबसे बड़ी फ़िल्म।
प्रभाव
[संपादित करें]- कल्यानजी - आनन्दजी द्वारा स्वरबद्ध किया हुआ गीत, 'पल भर के लिये कोई हमें प्यार कर ले' अमरीकी टीवी के धारावायिक द सिम्पसन्स की एक कड़ी 'किस किस, बॅङ बॅन्गलोर' (२००६) के अन्त में बजाया गया था।
- २००७ की फ़िल्म जॉनी गद्दार में इस फ़िल्म का एक सीन दिखाया गया है, जिसकी वजह से फ़िल्म के एक चरित्र ने नकली नाम "जॉनी" रख लिया अतः फ़िल्म का नाम।